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Raaz - Hoors story

Bheem_Kashyap
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Synopsis

Chapter 1 - Trelar

Raaj hoor story

 

ये कहानी के सभी पात्र कल्पनिक है मैंने इसमें किसी भी लोगो को टेश नही पहुँचाया है। यदि मेरे से कुछ भी गलती हो जाए उस नजर अंदाज करते हुए मेरे कहानी को पड़ते रहे।।।

कभी दिन तो कभी रात होगी.....

मेरी हर दुआ तेरी साथ होगी ....

कभी मांग कर देख लेने....

ए मेरे दोस्त . ...

होंठो पर हंसी और हथेली मे जान होगी...

‌वैसे तो बस्तर छत्तीसगढ़ राज्य मे पड़ता है। यह एक ऐसे इलाके मे पड़ता है जहाँ सभी तरफ जंगल ही जंगल है। और यह छेत्र आदिवशियो जन जातियों के लिए जाना जाता है। जहाँ जंगल, पहाड़, नदियाँ, झरने आदि इसकी खूबसूरती को आकर्षित करती है। इस छेत्र की मुख्य विशेषता यह है की यहाँ आदिवाशी की बड़ी संख्या जंगलो मे रहना पसंद करते है। शहर की भीड़ भाड़ भाग दोड़ वाली जगहो के ये लोग पसंद नही करते है।

‌ये लोग शांत और एकांत वातावरण मे रहना पसंद करते है। लेकिन शहरी जीवन आज कल के भाग दोड़ की पटरी पर चल रहे है। शहर के बिच सड़क दोनों तरफ हरे भरे घने जंगल यही तो पहचान है इस शहर की। मगर आज ईसे जगह पर न ही भीड़ थी और नही कोई ट्रैफ़िक! सभी तरफ संन्नाटे छा रहे थे। ।

‌तभी सड़क किनारे बसे जंगल मे एक चीख सुनाई दी । जिसने पूरे जंगल को कापने मे मजबूर कर दिया।

चीख आई ##....

और इस चीख के साथ सब कुछ शांत हो गया । बादल की गद्गादहट और बिजली की चमक के चमक के साथ जंगल मे एक लाश नजर आ रही थी। जीसकी आँखे खुली थी। मौत के बाद उसकी आँखे लाल और आँखों मे खौफ का नजर आ रहा था। आखिर क्या था इस मौत का राज ? लोग कहते है की इस शहर की कुछ अपनी कहानी होती है और वह कहानी किसी न किसी के जीवन से जरूर होता है। वैसे तो हर इंसान के जीवन मे कोई न कोई कहानी जरूर होती है उसे कहते है- " रहस्य "

 

‌एक दिन शाम के समय उस घने जंगल के सड़क मे अजीबो - गरीब सन्नाटा नजर आ रहा था। शोर शराब के नाम पर काले बादलों की गढ़ गढाहट और काली रातों मे बिजली की चमक नजर आ रही थी। ऐसा लग रहा था की मानो उस जंगल मे इंसानो के साथ साथ जंगली जानवर भी गहरी निद मे शो गये हो। पर आचानक से उस सुनशान सड़क पर किसी के कदमो की आहट सुनाई पड़ी। एक काली सी परछाई कुछ पल के लिए सड़क पर नजर आई। जो तेजी से साँसे लेते हुए एक ही दिशा मे भागते हुए नजर आ रही थी। कदमो की आहट - " ठक ठक " !!!

‌ सफेद रंग का शर्ट काले रंग की जींस पेंट, पैरो मे सफेद रंग का जूता एक लड़का! जिसकी उम्र लगभग २५ साल की होगी। दुबला पतला सा लड़का बदहवास होकर एक ही दिशा मे भाग रहा था। उसके कदम आगे की ओर भाग रहा था लेकिन नजर बार बार पीछे की ओर देख रहा था। उसके चेहरे पर अजीब सा खौफ नजर आ रहा था । आँखों मे डर, सिर मे पसीना और तेज साँसे इस बात का सबूत था की वह अपने पीछे किसी खतरे का महसूस कर रहा था।

‌इसलिए बार बार पीछे की ओर देख रहा था। लेकिन बिजली की चमक और सुन शान सड़क मे उस लड़के के अलावा और कोई भी नजर नही आ रहा था। फिर ऐसा कौन सा अंजान खतरा था उसके पीछे। जिससे वह भाग रहा था। उपर से लेकर नीचे तक वह लड़का पसीने से भीग गया था। ऐसा लग रहा था की मानो किसी झरना मे डुबकी लगा के आया हो। लड़का सड़क पर डरे सहमे भागते हुए जा रहा था। उसके कदम इधर उधर हो रहे थे। मानो उसके पीछे उसकी मौत आ रही हो। लगातार भागने के कारण वह लड़का बहुत थक चुका था।

 

‌उसकी साँसे बहुत तेजी से चल रही थी , आँखे धीरे धीरे बंद होती जा रही थी, पैरो मे जो भागने की गति थी वह धीमी होते हुए जा रही थी आँखों के सामने अंधेरा नजर आ रहा था। लगातार भागने से वह बहुत थक चुका था। अब उसकी साँसे फूलने लगी वह आचानक से बीच सड़क पर गिर गया । आसमान मे बदलो की गडगड़हट और बिजली की चमक अब भी बरकरार थी। आभी तक आसमान मे छाये हुए काले बदल पानी के रूप मे जमीन पर नही पड़े थे। अंधेरी रात और बिजली की चमक उन जंगलो की एक विशेष आकृति बना रहे थे।

 

‌जब जब बिजली चमकती वो सुन शान जंगल और सड़क किसी भूतिया इलाके से कम नजर नही आ रहे थे। अचानक से उस लड़के की बंद आँखे बड़ी हो गयी और वह जंगल की ओर देखने लगा। उसके होंठ काप रहे थे। आँखों मे खौफ़ की झलक साफ नजर आ रही थी। घबरहटो से भरे उस लड़के के मुह से निकला - " नही नही मुझे छोड़ दो मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है ? "

 

‌लड़के की आवाज से ऐसा लग रहा था की मानो वह उस जंगल मे कुछ खौफनाक चीज देख लिया हो। बिजली की चमक मे सिर्फ उसे घने जंगल और कोहरे नजर आ रहे थे। तभी आचानक से कुछ ऐसा हुआ की वह लड़का इसके बारे मे कभी सोचा भी नही होगा। जमीन पर गिरा पड़ा, थका हुआ वह लड़का अचानक से रेंगते हुए जंगल की ओर जाने लगा। जंगल की उसी दिशा की ओर चिल्ला रहा था जिस ओर को देखकर उसकी आँखे बड़ी हुई थी।

 

‌जैसे कोई चुंबक्तव शक्ति उसे खिचती हुई जंगल के अंदर ले जा रही हो । वैसे जैसे चुंबक लोहे को अपनी ओर खिचती है।

 

लड़का चीख पड़ा - " नही.... नही " !!

 

‌उस चीख के साथ लड़का जंगल पर जा चुका था और माहौल बिल्कुल शांत हो गया था। आसमान मे बादलो की गडगड़ाहट और बिजली की चमक अब भी कायम थी। तभी उस जंगल के शांत माहौल मे उस लड़के की आवाज़ दुबारा सुनाई पड़ी - " आ...!!! "

 

‌मगर इस बार उस लड़के के मुह से इतना भयानक आवाज़ निकला जो की सुन शान सड़क और घने जंगल दोनो को हिला कर रख दिया। उस खौफ़नाक जंगल का माहौल फिर उसी तरह शांत हो गया जैसे की उस लड़का के वहाँ आने से पहले था। फिर से वही सुनसान सड़के नज़र आ रही थी। आसमान मे घने कोहरे छाये हुए थे और वही सन्नाटा अपने पैर फैला चुका था। आगले दिन पुलिस अधीक्षक की जाँच पड़ताल मे उसी हिस्से मे एक लाश का पता चला और लाश उसी लड़के की थी।

 

‌लेकिन यह मौत कोई साधरण नही थी । क्योकि उस लाश मे कही भी कटे, न ही कोई खून के धब्बे ,न ही किसी जगह पर कोई निशान नही था। लेकिन उस लड़का का शरीर पुरा सफेद पड़ गया था जैसे कोई इंसान उसके शरीर पर सफेद पाउडर को रगड़ दिया हो। मगर यह कैसे हो सकता है? उस लाश की हालत ऐसी हो गयी थी की जैसी बहुत पुरानी लाश है। लेकिन उसकी मौत तो उसी रात को हुई थी। उस लाश को देखने के लिए लोगो की भीड़ लग गयी ट्रैफ़िक जाम हो गया। बस्तर के उस इलाके मे यह घटना पहलीबार हुआ था।

 

‌यह सनसानीखेज हादसा ने सबको तितर बितर कर दिया था। न्यूज़चैनल,मीडिया पुरा बस्तर के गली - गली इस घटना को देखकर हैरान हो गए थे। यह मौत सच मे हैरान कर देने वाला था। न ही शरीर पर कोई कटे फटे के निशान, न ही किसी जगह पर खून का दाग़ धब्बा, न ही शरीर के कोई अंग का जख्मी होना। फ़िर यह कैसी भयानक मौत है जो उस लड़के के शरीर को पुरा सफ़ेद कर दिया था।

 

‌लड़के के मृत शरीर को चिर फ़ाड़ के लिए डॉक्टर घर ले जाया गया और २-३ दिन बाद उस लड़के का पोस्टमाॅडम रिपोर्ट आया तो उसमे सभी को चौका देने वाला खुलासा हुआ। लड़के के शरीर मे कही पर भी खून का कोई दाग़ धब्बा नही था। उसकी शरीर को देखकर ऐसा लगता था की मानो उसकी मौत हुए काफी समय हो गया हो। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट यह बता रही थी की उसकी मौत २ से ३ दिन पहले हुई थी आधी रात को।

 

‌एक इंसान का रंग तभी बदलता है जब उसकी मौत मे काफी समय गुजर गया हो। उस लड़के के शरीर मे कही कोई घाव के निशान नही थे न ही कोई जख्म थे। और न ही ऐसा कोई क्लु जो की यह साबित कर सके की ईसकी मौत किसी जंगली जानवर के वजह से हुई हो।

 

‌तो फिर उसके शरीर से खून कहा गया। ? इंसान को जिन के लिए खून की जरूरत पड़ती है। लेकिन पोस्टमार्डम रिपोर्ट मे जो खुलासा हुआ था उस लड़का के शरीर मे खून का एक कतरा भी नही था। यदी उसकी मौत कुछ देर पहली हुई थी तो उसका शरीर सफेद क्यो पड़ गया था। जैसे वह लाश काफी पुरानी है। एक इंशान अब तक बिना खून के कैसे जीवित रह सकता है। यह वाक्या बहुत हैरान कर देने वाला था।

आखिर क्या रहस्य है बस्तर के उस जंगल मे मौत का ? जानने के लिए पड़ते रहिए राज....