ये पार्ट पड़ने से पहले इसके आगे के पार्ट्स जरूर पड़े!!।
( राहुल ही प्रकाश है। राहुल नाम इसलिए उसे किया था क्योंकि राहुल उसका असली नाम है। पर राहुल ने अपना नाम बदल कर प्रकाश कर लिया है, ऐसा क्यों किया वो जानना के लिए मेरी स्टोरी पड़ते रहे! ओर एब्स में प्रकाश ही लिखूंगी!)
प्रिया की बात सुन कर। सिमरन हस्ते हुए बोली "हा बाबा! मुझे पता है । वो तो बस में कभी- कभी भूल जाती हु, इतने सालों से सिंगल जो हु!!"
रिया भी बोल पड़ती है "ये जो तुम बाते कर रही हो ना तुम दोनो, तो लॉयल रेहना अपने बॉय फ्रेंड केे साथ तुम दोनो! ।"
प्रिया अजीब सा मुंह बना लेती है,और बोलती है "में तो हर चीज में लॉयल ही हु!! पर उसे भी मेरे साथ लॉयल रहना होगा । वरना, तो वो भी गया और उस की मिस्ट्रेस भी।" ये कह कर प्रिया अपने हाथों को मोड़ कर बैठ जाती है। वही सिमरन, जब लॉयल शब्द सुनती है । तो वो कही खो सी जाती है।
सुरेश जो अभी तक सिर्फ चोरी चोरी सिमरन को देखे जा रहा था । वो भी जब लॉयल शब्द सुनता है तो सिमरन को देख ने लगता है। वही सिमरन को जब अपने आप पर कोई की आंखे महसूस होती है तो वो उन आंखों को देखती है ओर देखती ही रह जाती है । वो आंखे सुरेश की थी, जिससे सिमरन को ओर सुरेश को अपना बीता हुआ वक्त याद आता है। ये याद कर के सिमरन की आंखे नम हो जाती है। वही सुरेश भी ये देख कर वहा से उठ कर चला जाता है।
तभी लंच टाइम खतम हो जाता है । तो वो तीनो जो बचा हुआ खाना होता है वो पैक करा लेती है। और ऑफिस के अंदर चली जाती है । और अपने अपने केबिन में जाकर बैठ जाती है ।
तभी सिमरन को एक अननोन नंबर से मैसेज आता है। मैसेज: ऑफिस के मेल वॉशरूम के डोर के पास आओ। अभी!!
ये मैसेज में भले ही मैसेंजर का नाम ना लिखा हो पर, सिमरन को पता चल गया था कि ये किसने किया था। वो बिना टाइम जाए किए बोलती है "में अभी वॉशरूम से आती हु ।" ये बोल कर सिमरन वॉशरूम के पास चली जाती है।
रिया और प्रिया भी फिर अपना अपना काम करने लगती है।
वही लड़के (रोहन और प्रकाश)भी उठ कर चले जाते है और वो भी ऑफिस में जाकर केबिन में चले जाते है।
वही जब सिमरन वॉशरूम पास पहुंच ती है । तो कोई अचानक से उसे अंडर खींच लेता है । और उसके मुंह पर हाथ रख देता है ताकि वो चिल्ला न पाए । पर सिमरन जरा भी चिल्ला ती नहीं है और हल्के से वो हाथ अपने मुंह पर से हटा देती है। सुरेश जब सिमरन को ना चिल्लाता देखता है तो वो अपना हाथ हटा देता है। पर तभी सिमरन भी उसका हाथ हटा रही होती है। ये देख कर सुरेश उसके दोनो हाथों को पकड़ लेता है और ऊपर कर के अपने एक हाथ से पकड़ लेता है। और अपनी भारी आवाज में बोलता है " डोंट यू डेर!, मेरा हाथ कभी हटा ने के बारे में सोच ना भी मत। तुम मेरी हो! और हमेशा रहेगी।" ये बोल कर सुरेश उसे पोजीशन में रह कर सिमरन की नम आंखों को चूम लेता है। और फिर धीरे धीरे उसके पूरे चेहरे को शिद्दत से चूम ने लगता है। थोड़ी देर बाद, वो सिमरन की आंखे में देख कर बोलता है "ये आंखे, होंठ, तुम , ये सब मेरा है। और मेरे होते हुए इन में से एक भी आंसू निक ले ये में बर्दाश्त नहीं कर सकता। वरना, जिसने भी तुम्हे रुलाया होगा वो 10 फुट जमीन के अंदर होगा। चाहे वो में खुद क्यों न हो।" ये बोल कर सुरेश एक आखिरी बार सिमरन को उस हालत में देखता है ओर हल्का सा उसके होठ पर किस कर के वहां से चला जाता है। सिमरन भी उसके जाने के बाद, मुंह पर पानी डाल कर मुस्कुराते हुए ओर सुरेश की बातों को याद कर के वो वहा से चली जाती है।
शाम के लग भग ७:०० बजे सब का काम खतम हो ता है । और सभी कोलीगिस ऑफिस से निकल ने लगते है। सिमरन भी अपनी केबिन से बाहर आती है और रिया और प्रिया से चलने को बोलती है। वो दोनो भी उठ जाती है।
बाहर निकल ने के बाद सिमरन बाय बोलकर अपनी कार की तरफ बड़ ही रही थी । की तभी, प्रिया उस का शोल्डर पकड़ कर बोलती है "ओ महारानी ! कहा जा रही हो ? चलो, मेरे घर जा रहे है हम ।"
सिमरन उसकी बात सुन हिक किचाते हुए बोल ती है "लेकिन में केसे...? यार तुम्हारे घर केसे मेरा मतलब है यार कि तुम्हारे पैरेंट्स होग्गे, और मुझे तो बोहोत शर्म आती है।" सिमरन को सुरेश से उस घटना के बाद नहीं मिलना था।
रिया उसकी बात पर उसे कन्वेंस कर ते हुए बोल ती है "अरे चलो ना ! में भी तो हु और अंकल और आंटी घर पर नहीं है। और मेरे हिसाब से सिर्फ भाई ही होंगे और क्या पता नहीं भी हो!!" रिया थोड़ा सोच कर बोली।
सिमरन उसकी बात सुन अंदर ही अंदर घबराने लग ती है। ये सोच सोच कर की वो केसे सुरेश के साथ रहे गि, और अब तो वो लोग साथ में भी काम करने वाले है। सिमरन कुछ जवाब देती उससे पहले ही प्रिया और रिया उसे खींच ने लग ती है।
तभी वहा रोहन, प्रकाश,और सुरेश आते है। रिया और प्रिया को ऐसे सिमरन को खीचते हुए देख कर सुरेश पूछ ता है "तुम दोनो ऐसे क्यू खीच रही हो?.लग जायेगा उसे भी और तुम दोनो को भी।" सुरेश ने उस शब्द पर थोड़ा जोर दिया।
सुरेश की आवाज सुन तीनो उस तरफ देख ती है। उसकी बात सुन रिया और प्रिया उसका हाथ छोड़ देती है । और वही सुरेश की बात सुन सिमरन उसे ना देखते हुए नीचे जमीन को देखने लग ती है। सुरेश जब सिमरन को अपने आप को ना देख ता पाता है, तो एक आंख छोटी कर लेता है। जब सिमरन ऊपर देखती है तो उसकी आंखे सुरेश से गलती से मिल जाती है। उसे आंख छोटी कर ता देख वो कुछ याद कर के शर्मा जाती है। और फिर से अपनी नजरे झुका लेती है।
वही प्रिया सुरेश से कहती है "भाई, देखो तो ये हमारे साथ हमारे घर नही आ रही है । इस लिए हम इसे पकड़ कर ले जा रहे थे।"
सुरेश बोल ता है "उसे नही आना तो तुम क्यू जबरजस्ती कर रही हो। क्या तुम्हे सच में नहीं आना??" सुरेश फिर सिमरन से पूछ ता है।
सिमरन के जवाब देने से पहले ही, रिया बोल पड़ती है "चलो ठीक है अगर तुम्हे नही आना तो । पर हमारे साथ चलो तो सही एक जगह ले जाना है तुम्हे।"
सिमरन उसकी बात पर ठीक है कहती है और वो तीनो रिया की स्कूटी पर बैठ कर चली जाती है।
वही वो सब लड़के भी अपनी कार से जाने वाले होते है । की, रोहन बोलता है "मेरे घर चलो आज हम भी नाइट आऊट करेगे।"
उसकी बात सुन सुरेश और प्रकाश एक दूसरे को देख कर कुछ इशारों में बाते कर ते है और फिर कुछ ना बोल कर उसकी कार में बैठ जाते है। फिर रोहन की कार हवा को चीरते हुए अपने घर की तरफ चलने लगती है।
कुछ ही समय में रोहन की कार उसके डैड के पर्सनल फार्म हाउस में रुकती है। रोहन के पापा बिजनेस के सिल सिले में कही गए थे इसलिए रोहन यहा आया है।
क्युकी रोहन के डैड को वहा किसी का भी आना पसंद नही था। उसके बाद सब कार से बाहर निकल ते है। रोहन भी की लेकर डोर ओपन कर ता है। और सब अंडर चले जाते है। अंडर जा कर रोहन सारी लाइट्स ओन कर देता है। और फिर वो लोग बैठ जाते है।
वही रिया,प्रिया और सिमरन एक सुन सान जगह पर पोचोच चुके थे । वहा एक झरना और हरा भरा मैदान था और डूबता हुआ सूरज, और पंछी आसमान में उड़ रहे थे। उस जगह में एक अलग ही सुकून मिल रहा था । रिया अपनी स्कूटी रोकती है । और प्रिया और सिमरन उतर जाती है। रिया उन दोनो का हाथ पकड़ ते हुए वहा झरने के पास बैठ जाती है। और झरने में बेहते हुए पानी की बूंदे उन तीनो के चेहरे और शरीर पर आ रही थी। इस वक्त वो तीनो बड़ा सुकून और शांति महसूस कर रही थी।
थोड़ी देर मे ही सूरज डूब जाता है और वहा एक दम अंधेरा छा जाता है। अंधेरा हो जाने पर रिया बोलती है "चलो , अब चल ते है । वैसे भी बोहोत अंधेरा हो चुका है । और वहा जंगल भी है । तो कही ऐसा ना हो कि हम किसी का शिकार बन जाये!"
उस की बात सुन कर प्रिया और सिमरन दोनो जल्दी से खड़ी हो जाती है । और फिर वो तीनो स्कूटर पर बैठ कर अपने घर की तरफ चल पड़ती है। रास्ते में सिमरन , रिया और प्रिया से प्रिया के घर पर ही रुका ने को बोल ती है। उसकी बात सुन प्रिया और रिया दोनो खुश हो जाती है।
थोड़ी देर में वो तीनो प्रिया के घर पर होती है। और घर में जाकर लिविंग रूम के सोफे पर पसर जा ती है। थोड़ी देर ऐसे ही पड़ी रेह ने के बाद तीनो प्रिया के रूम में चली जाती है। कमरे तो है पर वो लोगों को साथ में रहना था।
वही रोहन,सुरेश और प्रकाश भी अपने शर्ट्स और पैंट्स को उतार कर नहा कर शॉर्ट्स पेहेन लेते है। और बीयर, और सब खाने का लेकर स्विमिंग पूल साइड बैठ जाते है, और बाते कर ना चालू कर देते है।
फिर ग्लासेस में बीयर निकाल कर पीने लगते है। तभी सुरेश कहता है "यार, केसे टाइम बदल गया है! कहा एक टाइम था जब हमारे पास टाइम ही टाइम था और अब तो हम कितना बिजी है । और फैमिली के साथ भी टाइम स्पेंड नही कर पाते और प्यार भी है । लेकिन नही भी है, कैसी हमारी अभी हमारी जिंदगी हो चुकी है ! और तो और अंडर वर्ल्ड के भी सारे काम करने होते है। यार कितना काम होता है हम बेचारों के पास ।"
रोहन भी उसकी बात पर बोला "हा अब क्या ही करे ?? ना चाहते हुऐ भी हमे सब करना पड़ता है! और फैमिली के साथ भी नही कर पाते है। काम ही ऐसे जो करते है!"
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