प्रेग्नेंट बाय पजेसिव अल्फा

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Synopsis

Chapter 1 - The Painful Night

बंगलोर द सिलिकॉन वैली ___,

 

रात का वक्त __

एक क्लब रूम में __,

No please...it hurts... don't do that... " एक लड़की बेड पर बेसुध लेटी, खुद से एक इंसान को दूर करते हुए बोली।

 

पर वो इन्सान दूर होने के बजाय और भी उसके क़रीब आ गया। 

और तभी वो लड़की तुरंत अपनी आंखें खोल देती है।

 

 

 तो वहां कोई नहीं था। वो बेड पर इस वक्त अकेले थी। रूम में अंधेरा था। रूम ज्यादा बड़ा नही था वो छोटा मगर सुंदर था। 

वो लड़की इस वक्त बेड पर अकेली बैठी गहरी गहरी सांस लें रही थी उसकी आंखो में एक अनजाना डर था।

वो अपने चेहरे पर आए पसीने को साफ करते हुए, खुद से धीरे से बोली," shit again nightmare..... मुझे आज एक महीने से उसी रात के ऐसे सपने क्यूं आ रहे हैं। जबकि उस बात को बीते 1 महीने हो चूके है। फिर क्यूं मुझे यही, सपने हर रात आते हैं।"

बोलते हुए वो लड़की, अपने टेबल वॉच को देखती है। जहां अभी 2 बजे थे। वो लड़की टेबल से फिर पानी का ग्लास लेती है। और उसे एक ही सांस में पी लेती है।

पानी पीने के बाद वो लड़की एक नजर अपने सामने दीवार पर लगी, एक कपल की फोटो देखती है। जिस पर हार चढ़ाया गया था। वो लड़की उन couple को देख, बेड पर वापस लेटते हुए धीरे से बोली," मॉम डैड, मैं स्ट्रॉन्ग हूं आप मुझे ऐसे देख worried मत होना आपकी प्रिंसेज हर problem से fight करेगी।"

कहते हुए वो लड़की अपनी आंखें वापस से बंद कर लेती है।

आंखे बंद करतें ही उसके आंखो के सामने एक धुंधला चेहरा आता है। उस धुंधले चेहरे को देख कर वो लड़की तुरंत अपनी आंखें खोलते हुए, करवट लेकर बोली," पता नहीं उस रात कौन था मेरे साथ, पता नही ये किसका चेहरा मुझे बार बार दिखाई देता है पर कभी clear नही हो पाता है। "

ये कहकर वो लड़की फिर वापस दूसरे करवट बदलकर बोली," no मुझे अब उस demon के बारे में कुछ नहीं सोचना। वो रात बीत चुकी है और मैं अब आगे बढ़ चुकी हूं। "

कहकर वो लड़की अपनी आंखें बंद कर लेती है। उस लड़की की बड़ी बड़ी पलके थी। और चेहरे पर एडोलसेंट था।

 

सुबह के 7बजे 

उसी छोटे से घर में,

उसी कमरे के अंदर वही लड़की जिसकी उम्र करीब 18 साल की लग रही वो अभी सो रही थी। तभी वो लड़की करवट बदलती है तो उसे अपने पेट में हल्का दर्द महसूस होता है। और वो लड़की अपनी तुरंत खोल देती है।

उस लड़की की आंखे हल्की सिल्वर कलर की थी। अभी रूम में अंधेरा था। जिस वजह से वो लड़की ठीक से दिख नहीं रही थी।

पर उस लड़की को अपने पेट में एक बार फिर से हल्का दर्द महसूस होता है और वो तुरंत बेड से उतरते हुए लगभग भागकर बॉथरूम में जाती है और बेसिन के आगे अपना सर झुकाते हुए तेज तेज़ वोमिंटिंग करने लगती है।

उस लड़की के भूरे लंबे से बाल थे जो उसके क़मर तक आ रहें थे। पतली सी कमर थी और छोटी हाईट थी। Skin colour बिल्कुल white fair था। और इस समय उल्टियां करने से उसका चेहरा लाल पड़ गया था।

वो चेहरे से नाजुक लग रही थी जो उसके कम उम्र को बता रही थी। के वो अभी महज 18 साल की थी।

 वो लड़की बेसिन को पकड़े तेज तेज़ उल्टियां कर रही थी। तभी उसके उल्टियां करने की आवाज को सुनकर एक छोटी लड़की जो करीब 14 या 15 साल की होगी। वो भागते हुए बॉथरूम में आती है।

और उस लड़की के पीठ को रब करते हुए बोली," didu... क्या हुआ आपकों? आपकों उल्टियां क्यूं हो रहा है? क्या आपकी तबियत खराब है?"

वो लड़की उस लड़की की बहन थी।

वहीं वो लड़की खुद को संभालते हुए अपने फेस को वॉश करके टॉवल से मुंह सुखाते हुए धीरे से बोली,"मैं ठीक हुं साक्षी.. पता नहीं शायद कल शाम को प्राची के साथ मैंने जो गोलगप्पे खाएं थे उसी का साईड इफेक्ट मेरे डाइजेस्टिव सिस्टम पर हुआ है। तुम परेशान मत हो।"

ये बोलते हुए वो लड़की अपनी छोटी बहन साक्षी के साथ कमरे में आती है। 

साक्षी अपनी बहन के dull face को देखते हुए ड्रा के पास जाती है।

और कुछ ढूंढने लगती है।

जिसे देखकर वो लड़की बेड पर बैठते हुए पूछती है," साक्षी क्या ढूंढ रही हो, मैने बोला ना की मैं बिल्कुल ठीक हुं। तुम जाओ स्कूल के लिए ready हो मुझे भी कैफे के लिए निकलना है। दादी शाम तक वापस आएंगी।"

 

 

तभी साक्षी उस लड़की के पास एक टैबलेट लेकर आती है और पानी के साथ उस लड़की को देते हुए बोली," कुहू didu आप पहले दवा खा लो। वरना आप ज्यादा बीमार हो जाओगे। फिर। मुझे अच्छा नहीं लगेगा। क्योंकि आपके अलावा तो मेरा कोई नही है ना।"

साक्षी बोलते हुए मासूमियत से उस लड़की जिसका नाम कुहू था। उसे देखती है । कुहू ये देखकर उस मेडसिन को साईड में रखते हुए साक्षी से प्यार से बोली,"साक्षी. मैने कहा ना तुम्हे मेरी टेंशन लेने की जरूरत नही है। मुझे बस गैस्टिक प्रोब्लम हुई है। मैं अभी ठीक हो जाऊंगी। तुम जाकर स्कूल के लिए ready हो मै कैफे जाते हुए तुम्हे छोड़ दूंगी।"

ये कहकर कुहू बॉथरूम चली जाती है।

वहीं साक्षी कुहू को जाते देख खुद से बोली," जब से मॉम डैड हमे छोड़कर गए हैं तब से कुहू didu बहुत hard work करती है। मैं भी जल्दी से बड़ी हो ना चाहती हूं जिससे की मै कुहू दी की help कर सकूं। और वो अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।"

साक्षी ये सब बोलकर स्कूल के लिए ready होने चली जाती है।

वहीं बॉथरूम के अंदर एक बार फ़िर कुहू उल्टियां कर रही थी। कुछ देर बाद जब उसकी सांसे संभलती है तो वो गहरी सांस लेकर खुद से मुंह बनाते हुए बोली," और खा गोलगप्पे... कुहू बेटा... देख अब कैसी हालत हो गई है तेरी। पर मुझे काम पर भी जाना है तो मैं एक काम करती हूं रास्ते में केमिस्ट की शॉप से ऐसी दवा लूंगी जिससे मुझे दुबारा ये प्रोब्लम ना हो और मैं काम कर सकूं अपना।"

 

ये कहते हुए कुहू खुद के फेस को घूरती है। और खुद की थोड़ी तारीफ करते हुए बोली ," वैसे आज कल मैं इतनी glowing क्यूं लग रही हूं? मैं काफी ज्यादा chubby भी हो रही हूं। पर मैं तो ज्यादा बाहर की चीजे खाती ही नहीं। बस प्राची ही कभी कभी खिला देती है। उम्म,... चलो छोड़ो। अभी पहले shower लेती हूं।"

ये कहकर कुहू फिर बाथ लेने लगती है।

कुहू कपूर, जिसका फैमिली बैकग्राउंड तो एक समय पर काफी स्ट्रॉन्ग था। जिसके डैड राहुल कपूर का काफी अच्छा बिजनेस था पर अचानक उनके साथ कई सारे स्कैम हुए और आखिर में उनकी कंपनी उनका बंगला सब कर्ज में चला गया। और फिर एक दिन एक कार एक्सीडेंट में कुहू और साक्षी को पता चला की उनके मॉम डैड मारे जा चुके हैं।

कुहू ने साक्षी को संभाला और साक्षी ने कुहू को। दोनों के साथ उनकी सिर्फ दादी थी जो सब कुछ बरबाद हो जाने पर इस छोटे से घर में रहने आई थी।

 किसी रिलेटिव या आस पास के लोगो ने उसकी कोई हेल्प नहीं की थी। कुहू ने इसी वजह से 12th के बाद अपनी पढ़ाई को ड्रॉप कर दिया और घर चलाने के लिए वो सुबह पार्ट टाइम कैफे में काम करती तो आधे टाइम वो एक लोकल बार में अटेंडर का काम करती जिससे महीने का खर्च और साक्षी की पढ़ाई के पैसे आ जाते थे। कुहू ने साक्षी की देखभाल के लिए अपने ड्रीम्स तक को ड्रॉप कर दिया था।

 

कुछ ही देर में कुहू बॉथरूम से बाहर निकलती है। उसने bathrobe लपेटा था। अभी Teenage होने की वजह से कुहू के अंदर कुछ बचपना भी था। पर समझदारी भी।

कुहू अलमीरा से अपने लिऐ एक जींस और सिंपल कुर्ती निकालती है और उसे change करने चली जाती है।

कुछ देर बाद कुहू मिरर के आगे अपने बालों में सिरम अप्लाई करते हुए बोली," साक्षी.. जल्दी करो मुझे late हो रहा है।"

साक्षी अपने स्कूल ड्रेस में रेडी हुए अपने बैग को लाते हुए बोली," हो गया didu चलिए।"

कुहू अपने स्कूटी की चाबी टेबल से लेती है।

और घर को बाहर से लॉक करके साक्षी को अपने पीछे बिठाते हुए हेलमेट लगाती है। और स्कूटी स्टार्ट करके सीधे स्कूल के तरफ निकल जाती है।