Download Chereads APP
Chereads App StoreGoogle Play
Chereads

War We Lost (युद्ध जो हम हार गए)

🇮🇳Ashutosh_Rana_3196
7
chs / week
The average realized release rate over the past 30 days is 7 chs / week.
--
NOT RATINGS
123
Views
Synopsis
हमारी हारी हुई जंग एक गहरे और विचारोत्तेजक कहानी है, जो एक काल्पनिक दुनिया में सेट है, जो युद्ध और राजनीतिक अराजकता से फटी हुई है। यह कहानी एक सैनिक, पात्र अर्जुन, का अनुसरण करती है, जिसे युद्ध भूमि पर पात्र आयान का सामना करते हुए एक नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ता है। जब वह अपराधबोध और जीवित रहने की भावना से जूझता है, तो एक रहस्यमय व्यक्ति उसे आत्म-खोज, दार्शनिक शिक्षा और युद्ध की कठोर वास्तविकताओं से गुजरने का मार्गदर्शन करता है। उपन्यास पहचान, परिवार, राष्ट्रीयता और हिंसा के परिणामों के विषयों को तलाशता है, और अंततः मानव संघर्ष की वास्तविक लागत और मुक्ति की संभावना पर सवाल उठाता है।
VIEW MORE

Chapter 1 - एक चेहरा, दो युद्ध

उसके आस-पास जंगल में हर जगह सैनिकों की लाशें पड़ी हैं, कुछ इस देश के हैं और कुछ दूसरे देश के। मृत शरीरों से खून की तीव्र गंध आ रही है, जो बारिश के पानी में मिलकर जंगल के चारों ओर फैल रही है। चारों ओर अफरा-तफरी और विनाश का माहौल है, दया का कोई नामोनिशान नहीं है। जो सैनिक जिंदा हैं, वे अपने देश और लोगों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं। लेकिन दूसरे देशों के लोगों का क्या? वे खुद को इंसान कहते हैं, लेकिन क्या वे सच्ची मानवता को समझते हैं?

अर्जुन, जो अपने देश के लिए लड़ रहा एक सैनिक है, ने अभी-अभी एक दुश्मन सैनिक को देखा, जो बुरी तरह घायल है और उससे मदद मांग रहा है, जिससे वह सन्न रह जाता है। वह, जो अब तक दुश्मन से बहादुरी से लड़ रहा था, अचानक युद्ध भूमि पर एक गहरे उलझन में घिर जाता है। वह कई सवालों का सामना कर रहा है। युद्ध भूमि पर वह क्यों उलझन में है? युद्ध के समय लड़ाई से क्यों हिचकिचा रहा है?

अर्जुन इन सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहा है। वह अपनी उलझन को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह नहीं कर पा रहा है। बहुत से सैनिक उसके साथ शारीरिक युद्ध भूमि पर लड़ रहे हैं, लेकिन अंदर की युद्ध भूमि पर वह अकेला है, क्योंकि कोई भी उसे अपने विचारों से बाहर नहीं निकाल सकता। उसके पास एक गुरु की कमी है, जो न केवल उसकी मदद कर सके, बल्कि जीवन के उन सवालों के भी जवाब दे सके, जिस सवालों के घेरें में वो कहीं फंसा हुआ है।

अर्जुन ने जमुना से कहा (अपने शब्दों में बहादुरी के साथ):

"माँ, मैं एक सैनिक बनना चाहता हूँ और अपने देश की रक्षा करना चाहता हूँ।"

जमुना ने अर्जुन से पूछा (जिज्ञासा से):

"तुम सिर्फ अपने देश की ही रक्षा क्यों करना चाहते हो?"

एक बूँद उसकी ठंडी गाल पर गिरती है और उसी पल वो अपने मन की गहराइयों से इस दुनिया में वापस आता है, उसने अपने एक साथी को मृत पड़ा हुआ देखा। उसके मृत शरीर के पास एक दुश्मन सैनिक भी मृत पड़ा था। वह सोचता है, वे एक-दूसरे के दुश्मन थे, तो ये दोनों एक साथ एक ही जगह पर क्यों मरे पड़े हैं? क्या ये सच में दुश्मन ही है? क्या युद्ध भूमि पर दुश्मन दोस्त बन सकते हैं? क्या यह अपने देश से धोखा नहीं है?

तभी एक सैनिक उसके पास आता है और अपनी राइफल उसकी ओर तानता है। अर्जुन उसे घूरते हुए महसूस करता है कि वह जितनी उलझन में था, अब वह और भी बढ़ गई है। वह धीरे से अपने आप से बुदबुदाता है, "यह सब मेरे साथ ही क्यों हो रहा है?"

उसके सामने खड़ा सैनिक अपनी आश्चर्यजनक आवाज़ में एक हल्केपन के साथ एक शब्द कहता है:"भाई।"