एक बार कीं बात है एक गाँवों में एक 17 साल का बच्चा रहता था उसका नाम राहुल था ।ओर वो बोहत ही आलसी था वो दिन भर सोइया रहता था।ना वो अस्से से पड़ता था ओर ना ही अस्से से बात करता था ।वो सिर्फ़ खाना खाता था ओर साे जाता ओर उस के घर वाले उसे देख क़र्र परेशान रहने लगे एक दिन राहुल के पापा ने राहुल को नीद से उठाएया ओर बोले के बेटे आज कल तू बोहत ही आलसी होता जा रहा है।क्या तेरा मन नही के तू अपनी फ़ैमिली में बेैठे ओर थेर सारी बातें करे।किआ तेरा मन नही करता के तू अपने दोस्तो के साथ खेले - कूदे ओर थेर सारी मस्ती करे देख बेटा अब तुम बच्चे नही रहे अब तुम बड्डे हो रहे हो कल को तुमारे ऊपर वी जेमेवारिया आई गी।तब तुम किया करोगे ।इतना समझा कर उस के पापा वह से चले गए ।ओर राहुल ने अपने पापा के बात को इग्नोर कीया ओर दुबारा से साे गिया कुश दिन बाद जब राहुल स्कूल गिया तो राहुल प्रेयर करने के लिए गिया ही नही क्यूिके बह क्लास में ही सो गिया।बह हर बार के तरह आज भी क्लास में ही सो गिया।कुश समें बाद जब राहुल नीद से उठा तो राहुल के क्लैस्मेट उसे चिड़ाने लगे ओर बोले किया तुम सारे दिन घोड़े के तरह सोये रहते हो ओर तभी सारे बच्चे राहुल पर ज़ोर -ज़ोर से हसने लगे।राहुल को उसकी बात पर बोहत ग़ुस्सा आया ओर राहुल इतना सुनते ही वहाँ से भाग गिया ओर बोह्त ही नरबस हो गिया।स्कूल के बाद राहुल घर पर पोहचा ओर बागता - बागता अपने कमरे में चला गिया⚡️ओर कमरे के गेट को अंदर से बंद कर दिया ओर ज़ोर -ज़ोर से रोने पर अपना सर दीवार में मारने लगा वो अपने आप को ठेस पाेहचाने लगा ओर एतने में ही राहुल बेहोस हो कर नीचे गिर गिया ओर कुश देर बाद जब राहुल उठा तो वो हॉस्पिटल में था ओर उस के मम्मी पापा उसके साथ वाले बेड्ड पर बैठे हुए थे।उस के सर पर चोट लगी हुई थी ।तभी डॉक्टर आया ओर राहुल को बोला की तुम्हें आराम की ज़रूरत है।तभी राहुल के मम्मी पापा उसे घर ले आऐ ओर