Chereads / my devil soulmate / Chapter 1 - इमरजेंसी

my devil soulmate

Nisha_Bhati_7405
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Synopsis

Chapter 1 - इमरजेंसी

एक लड़की हास्पीटल में एक वार्ड के बाहर चेयर परबैठी हुई थी । उसके चेहरे के भाव काफी गंभीर लग रहे थे ।उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे । उसकी नीली उसकी नीली आंखें इसवक्त सूजी हुई लग रही थी ।उसका गोल चेहरा इस वक्त मुर जाय हुआ लग रहा था । लड़की दिखने में 19, 20 साल की लग रही थी सुदर चेहरा लम्बे बाल और असरा सी थी ।वह इस वक्त काफी परेशान लग रही थी ।यह हमारी अक्षिता जो हमारी कहानी का मुख्य किरदार है इस वक्त बड़ी मुश्किल में है ।क्योंकि उसके पापा अस्पताल में भर्ती हैंऔर उनका इलाज चल रहा है ।

अक्षिता अपने मन में बोली यह सब कुछ मेरी वजह से ही तो हो रहा है अब इसे ठीक मैं ही करूंगी ।इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े . मैं किसी भी हद तक जाऊंगी।मैं पापा को यूं नहीं खोल सकती उन्होंने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है अब उनके लिए कुछ करने की बारी मेरी है ।इतना बोल वह डॉक्टर गुप्ता के पास चली गई । डा गुप्ता उनके फैमली डां और उसके पापा का इलाज कर रहे थे ।

अक्षिता ने के बिन के डोर को नोक किया और अंदर से आवाज आई अंदर आ जाओ ।अक्षिता अंदर जाकर चेयर पर बैठ गई ।सामने डॉक्टर गुप्ता बैठे थे वह बोले देखो बेटा तुम्हें उनकी कंडीशन के बारे में सब कुछ पता है ।उन्हें जितना हो सके स्ट्रेस से दूर रखो और खुश रखने की कोशिश करो । अब ज् उन्हे ज्यादा परेशानी नहीं दे सकते ।तुम समझ रही हो मैं क्या कहना चाह रहा हूं ।अक्षिता बोली मैं समझ गई ।डॉक्टर अकल लेकिन पापा को हार्ट की दिक्कत फिर से कैसे हो गई । उनकी मेडिसिन तो टाइम टू टाइमली उन्हे दी जा रही थी ।

डॉक्टर बोली यह सब कुछ उनके ज्यादा स्ट्रेस के कारण हुआ है । कोई ऐसी बात जो उन्हे तकलीफ पहुंचा रही है फिर कुछ ऐसा हुआ होगा जिसके कारण उन्हें स्ट्रेस हुआ हो । अक्षिता बोली ठीक है मैं चलती हूं आप पापा का ध्यान रखना ।डॉक्टर बोले ठीक है ।अक्षिता रूम से बाहर आकर अस्पताल से बाहर निकल गई और एक टैक्सी को बुक किया और उसमें बैठकर चली गई . ।इस वक्त अक्षिता के मन में डॉक्टर की गई हुई बात ही घूम रही थी और साथ में उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था और उन लोगों पर भी जिनकी वजह से यह सब कुछ हुआ था ।और वह ज्यादा मुसीबत नहीं बढ़ाना चाहती थी इसलिए वहएक बहुत बड़ा फैसला करने चली गई ।

इधर एक लड़का अपने ऑफिस के केबिन में बैठकर काम कर रहा था । उसकी आंखों में अजीब सी शांति और चेहरे पर गंभीर भाव थे । उसकी परफेक्ट बॉडी और रोबदार चेहरा था । वह काम में मग्न था तभी उसका अस्सिटेट रोबिन आया और बोला बॉस तो राजवीर . ने कहा बोलो । रोबिन बॉस आपका अंदाजा सही है और वह मिल गई । पर वह अभी राजवीर बीच में बोला कार निकालो मुझे अभी मिल ना है ।

राजवीर अब कार में सवार था उसने फोन में दिख रही तस्वीर से कहा आ रहा हूं तुम्हे अपना बनाने और अपनी दुनिया में मिलाने । अब से तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी हो । तुम पर सिर्फ मेरा हक है । मैं तुम्हारी जिंदगी को हमेशा खुशियो से भर दुगा । राजवीर ने अपनी आंखें बंद कर ली और रॉबिन से कहा जल्दी चलो रॉबिन ने कहा जी बस बहुत तेजी से कर ड्राइव करने लगा ।अभी कुछ ही देर हुई थी ।कि राजवीर का फोन रिंग हुआ राजवीर ने फ्लैश हो रही नाम को देखा और मन में बोला लगता है जो मैं चाहता हूं ।वह जल्दी ही होने वाला है फिर उसने कॉल को पिक किया और बोला हेलो सामने वाले के बात सुनकर उसके चेहरे के भाव बदल गए और उसने कहा ठीक है मैं जल्दी ही पहुंच जाऊंगा ।

इधर इशिका एक मंदिर में बैठी हुई रो रही थी ।वह भगवान से बार-बार कह रही थी कि क्यों आप मेरे साथ ही हमेशा ऐसा करते हो मेरे सबसे प्यारी चीज कोई आप दूर करने की कोशिश करते हो ।आखिर मेरा क्या कसूर है मुझे मेरे सवालों के जवाब चाहिए ।आखिर किस पाप किस पाप की सजा दे रहे हो आप मुझे ।तभी वहां पर पूजा कर रहे पंडित जी बोले बेटी तुम चिंता मत करो महादेव तुम्हारे सारे दुख दूर कर देंगेऔर तुम्हारी जिंदगी को खुशियों से भर देंगे ।यह लोग प्रसाद जो तुम्हारे भाग्य में लिखा है वही होगा ।इशिका ने प्रसाद लिया इतने में उसका फोन बज गया वह फोन की और देखा तो वहां पर एक अननोन नंबर दिख रहा था ।इशिका ने थोड़ा सोच कर कॉल उठा लिया उसने कहा हेलो सामने से एक आवाज आई वह बोला कैसी हो मि इशिका सॉरी जान मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं ।और तुम्हें तुम्हारा सरप्राइज मिल गया होगा ।तुम्हारे पापा कैसे हैं क्या वह अभी तक जिंदा है ।इशिका ने बीच मेंबोलते हुए इसका मतलब मेरा अंदाजा सही था ।अब देखना मैं तुम्हारे साथ क्या करती हूं मिस्टरओबेरॉय ।त भी वह लड़का जोर-जोर से हंसते हुए बोला मैं इंतजार करूंगा कि तुम क्या कर सकती हो ।बाय जल्द ही तो मैं तुम्हारा नया गिफ्ट मिल जाएगा और मिलते हैं ।

इशिकाने फोन को कट कर दिया और फिर भगवान के सामने हाथ जोड़कर बोलीं अब मुझे सबसे बड़ा फैसला लेना है तो महादेव मेरी मदद कीजिए । और मुझे सही रास्ता दिखाइए ताकि मैं अपना हिसाब झुकता कर सकूं । फिर वह वहां से चली गई थोड़ी दूर पर उसे एक टैक्सी मिल गई वह उसमें बैठी और बोलीमुझे हॉस्पिटल जाना हैजल्दी चलो और वह वहां से चली गई ।

आखिर क्या हुआ अक्षिता के पापा के साथ ? कोन है वो लोग ? राजवीर किसकी बात कर रहा है ? वो लड़का कौन है ? आगे क्या होगा ?