जब गार्ड आर्यन को मारने लगते है। तो वहाँ राज आ जाता है। वो पहले गार्ड को मारता है। फिर उनको काम से निकल कर आर्यन को अंदर एक बड़े कमरे में ले जाता है। साथ मै डॉक्टर को भी बुला लेता है। जैसे ही आर्यन कमरे में आता है। तो उसके पीछे ही डॉक्टर भाग भाग आ जाता है।
जब डॉक्टर देखते है। की एक लड़के को चोट लगी है। और जब डॉक्टर उसके कपड़े और उसकी हालत देखता है। तो वो धीरे धीरे काम करने लगता है।
डॉक्टर सोचता है। पहले ही बता देते की किस का ईलाज करना है। तो मै भाग कर नही आता ना खामाका इतना धोड़ा दिया।
जब राज ने देखा की डॉक्टर कमरे में आ गया है। लेकिन वो अपना काम बहुत धीरे धीरे करने लगा है। तो राज उसको डाटते हुए बोला जल्दी कर ये Randeep Nanda के बेटे है।
ये सुनते ही डॉक्टर को जटखा लगा और उसने पहले आर्यन को देखा और फिर जल्दी जल्दी अपना काम करने लगा।
जब वो डॉक्टर आर्यन को दवा लगा रहा था। तो उसके हात कापने लगे।
फिर डॉक्टर ने आर्यन के घाव पर दवा लगाई और फिर आर्यन को दवा देकर वहाँ से चला गया।
अब कमरे में आर्यन और राज ही रह गए थे।
राज ने कहा अच्छा हुआ आप यहाँ आ गए सर तो सारा दिन आपकी ही बात करते थे।
फिर आर्यन ने पहले तो राज को देखा और फिर आर्यन बोलने लगा मुझे आपसे मिलकर खुशी हुई है। लेकिन मै यहाँ पापा से मिलने आया हु मुझे वापस भी जाना है। अगर आप उनको बुला देते तो अच्छा होता।
राज एक मुस्कान के साथ बोलता है। ठीक है। आप कुछ देर आराम करिए मै अभी उनके पास जाता हु।
फिर आर्यन हाँ मै सर हिलाता है। और राज वहाँ से चला जाता है।
राज बाहर जाने के बाद कुछ लोगो को बोलता है। साब का ध्यान रखना इनको जो चाहिए वो लाकर दे दो मै आता हु थोड़ी देर मैं।
उसके बाद राज वहाँ से चला गया और एक नौकर अंदर जाता है। और बोलता है। सर आपके लिए कुछ लेकर आऊ मै आर्यन उसको मना कर देता है। और फिर वो नौकर बाहर आ जाता है।
जैसे ही वो नौकर बाहर आता है। तो वही खडा दूसरा नौकर बोलता है। अंदर कोई VIP है। क्या कैसा देखता है। वो।
पहले वाला नौकर कहता है। VIP ओर ये इसकी हालात तो हमसे भी खराब है। पता नहीं कौन है। हमे क्या तुम अब अपना काम करो।
वही राज तेजी से चल रहा था। वो एक कमरे के पास आ गया जैसे ही राज अंदर जाने लगा तो इतने में बाहर खडा गार्ड बोला सर आप अभी अंदर नही जा सकते बॉस का हुकुम है। अंदर एक बड़ी मीटिंग चल रही है।
राज उसकी बात सुनकर कहता है। हाँ मै जनता हु की अंदर एक बड़ी मीटिंग चल रही है। और ये भी जनता हु की ये कितनी जरूरी है।
लेकिन मुझे Randeep Nanda बॉस को एक ज़रूरी बात बतानी है। ये उनको जानी काफी जुरूरी है।
सर आप थोड़ी देर बाद अंदर चले जाना अगर मैने अब आपको जाने दिया तो मेरी नौकरी जा सकती है। मुझे इतनी अच्छी नौकरी और कहीं नहीं मिलेगी सर वो गार्ड राज को बोलता है।
फिर राज कहता है। तुम चिंता मत करो तुमारी नौकरी नही जाने वाली में देख लुगा सब तुम रास्ते से हटो।
वो गार्ड राज की बात नहीं टाल सकता था। इस लिए वो वहाँ से हट गया।
फिर राज ने दरवाजा खोला और अंदर जाने लगा अंदर एक लम्बी टेबल के आसपास कुछ कुर्सियों रखी हुई थी जिनके उपर कुछ लोग बैठे हुए थे सबने अच्छे अच्छे सूट पहने थे वही सामने की कुर्सी पर Randeep Nanda बैठे थे और वे एक प्रोजेक्टर स्क्रीन की
तरफ देख रहे थे उस पर कुछ चल रहा था। और एक आदमी वहाँ खड़ा होकर सबको समज रहा था। की ये क्या है।
जब राज अंदर आता है। तो वहाँ बैठे सभी लोग राज को देखने लगते है। फिर Randeep Nanda भी राज को घूर कर देखता है।
राज बोलता है। आप सबकी मीटिंग खराब करने के लिए माफ करना लेकिन मुझे Randeep Nanda सर से बात करनी थी फिर राज Randeep Nanda के पास जाकर खड़ा होता है। और धीरे से बोलने लगता ही है। इतने में Randeep Nanda कहता है। तुम पागल हो गए हो क्या जो चलती मीटिंग में आ गए कुछ देर रुक नहीं सकते थे क्या तुमको पता है। ये करोडो की मीटिंग है।
फिर Randeep Nanda कहता है। क्या बात है। जल्दी बताओ ?
राज कहता है। सर मैं जनता हु की ऐसे मीटिंग मैं आना अच्छी बात नही लेकिन बात ही कुछ ऐसी थी की मुझे आना पड़ा।
राज थोड़ी खुशी के साथ बताता है। की सर यहां आपसे मिलने आर्यन बाबा आए है।
ये सुनते ही Randeep Nanda हैरान होते हुए बोलते है। क्या मेरा बैठा यहाँ आया है। वो इतनी जोर से बोलते है। की सभी वहाँ बैठे लोग को भी सुन जाता है।
राज फिर से कहता है। हाँ सर आपका बैठा यहा पर आया है। मैने उसको आपके कमरे में बैठा कर सीधा आपको बताने आ गया।
Vivek खड़े होते है। और कहते है। अच्छा किया आज तुमने मुझे सबसे अच्छी बात बताई है। इस से जादा मेरे लिए खुशी की बात क्या हो सकती थी इतने बोलकर वे बहार की और चले जाते है।
जैसे ही Randeep Nanda उस कमरे से बहार जाते है। तो वहाँ बैठे लोगो आपस में बात करने लगते है।
उनको बात करते हुए देख राज कहता है। आप सब यहाँ आए उसके लिए धन्यवाद अब आप यहाँ से जा सकते है। अगली मीटिंग के बारे मै आपको बता दिया जाएगा।
फिर वहाँ बैठे लोगो में से एक बोलता है। क्या सच में इन बैठा आया है। दूसरा बोलता है। इनका कोई बैठा भी था। हमे तो कभी भी पता नहीं चला फिर एक बोलता है। कौन है। इनका बेटा कहा था। अब तक सभी एक एक करके राज से पूछने लगे।
राज ने कहा हाँ इनका एक बैठा है। वही इनके बाद इस जगह का मालिक है। उसका नाम आर्यन है। और वो बाहर रहता है। आज ही आया है। काफी टाइम के बाद आया है। इस लिए ये जल्दी में चले गए।
फिर राज भी वहाँ से बहार चला गया उसके जाने के बाद वहाँ बैठे लोग बात करने लगे पहला बोल क्या किसी को पता था। इनका कोई बेटा है। दूसरे ने कहा नही यार तीसरे ने कहा अगर इनका कोई बेटा है। तो क्या किस्मत है। उस लड़के की उसको अपने पिता की करोडो की कम्पनी और बाकी सब ऐसे ही मिल जाएगा।
जब ये लोग बात कर रहे थे तो वहाँ Randeep Nanda अपने बेटे से मिलने के लिए उस कमरे के पास आ गया था। जिसमें राज ने आर्यन को छोड़ा था।
Randeep Nanda जल्दी से अंदर चला गया जैसे ही आर्यन ने अपने पापा को देखा तो वो खड़ा हो गया और उनको गुस्से से देखने लगा लेकिन Randeep Nanda की आखों मै आर्यन के लिए प्यार साफ देखा जा सकता था।
Randeep Nanda अपने बेटे के पास गया और उसको गले लगा लिए उनकी आखों मै आशु आ गए थे अपने बेटे को गले से लगने से और जैसे ही आर्यन को गले से लगाया तो एक बार आर्यन भी भूल गया की वो यहा क्यों आया है। और उसने भी अपनी आखे बंद कर ली।
फिर आर्यन को अपनी माँ देखी और उसने अपनी आखे खोल ली फिर आर्यन ने अपने पापा को दूर किया और बोला मुझे गले लगाने की कोई जरूरत नहीं है। दूर रह कर बात करिए।
ऐसा मत बोल मेरे बेटे तु यहा कितने सालों के बाद आया है। क्या तेरा मन नहीं करता अपने बाप को गले लगाने का Randeep Nanda कहते है।
आपको गले लगाने का तो बिलकुल नहीं करता आपने ये हक उस दिन ही खो दिया था। जिस दिन आपने अपनो की जगह पैसे चुने थे आर्यन कहता है।
वो मेरी गलती थी और में उसको मानता भी हु उस गलती की वजह से मैने पहले ही तेरी माँ को खो दिया है। अब तुझे नहीं खो सकता Randeep Nanda रोते हुए कहता है।
ये झूठे आशु किसी और को दिखाने इन से मुझे कोई फरक नही पड़ता आप की वजह से मेरी माँ की मौत हुई थी आर्यन कहता है।
बस एक बार माफ कर दे मेरे बेटे मैं तुझको अपना सब कुछ दे दुगा मुझे कुछ नही चाहिए सब तु ले ले बस मुझे मेरा बेटा दे दे Randeep Nanda बोलता है।
आपका बेटा तो अपनी पत्नी के साथ ही खत्म हो गया था। और ये आपका फैसला था। प्यार के बदले पैसे लेने का आर्यन कहता है।
वो मेरी गलती थी जब मैने प्यार के बदले पैसों को टाइम दिया लेकिन अब ये एक पिता का प्यार है। अपने बेटे के लिए वापस आ जा मेरे पास कब तक ऐसी गरीब की ज़िंदगी जीने वाला है। Randeep Nanda अपने बेटे के कंधे पर हात रखते हुए बोलता है।
आर्यन को हसी आ जाती है। और आर्यन बोलता है। आप कभी नही बदल सकते आप अब भी मुझे इस लिए वापस लाना चाहते है। क्युकी आपके पास और कोई ओपसंन् नही है। आप चाहते है। की मैं आपके बाद आपके नाम को और आगे लेकर जाऊ आर्यन अपने पिता की आखों मै देख कर बोलता है।
वीर मेरे बेटे ऐसी बात नही है। Randeep Nanda बोलते है।
आज के बाद गलती से भी मुझे वीर मत बोलना इस नाम से मुझे बस मेरी माँ बुला सकती थी और अब वो नहीं रही तो और कोई कभी मुझे वीर के नाम से नहीं बोल सकता आर्यन कहता है।
ठीक है। में तुझे वीर नहीं बोलता हु. में तुझे आर्यन बोल लुगा पर तु मुझे माफ कर दे।
छोड़ो यार आपसे बात करने नही आया हु मै, में बस आपको इतना बोलने आया हु की मुझे आराम से अपनी लाइफ जीने दो आप क्यों बार बार लोगों को पैसे देकर भेजते हो मेरे लिए और इस बार तो हद ही कर दी पूरे कॉलेज के सामने आपके लोगों मुझे लॉटरी के ईनाम के बदले पैसे देने आए थे।
फिर आर्यन एक लम्बी साँस लेता है। और आगे कहता है। मुझे आपके पैसो मे से कुछ नही लेना और हो सके तो आगे से मुझे किसी भी तरह से पैसे देने की मत सोचना।
तब आर्यन के पिता कहते है। तो क्या तुझे ऐसे ही देखता रहूँ कुछ ना करू तु मुझे अपने पास नहीं आने देना चाहता है। मैं जानता हु लेकिन मैं भी तेरा बाप हु इस लिए मैं हर टाइम जानता रहता हु की तू कैसे है। क्या कर रहा है। जब तेरे पास खाने के पैसे नही होते तो मुझे कितना बुरा लगता है। तू जानता है। क्या जब तो उस छोटे से Restaurant में काम करता था। और उसका मालिक तुझको डांटता था। तो मेरा मन करता था। की उसको सबक सिखा दु लेकिन फिर मैं रुक जाता था।
छोड़िए सब कुछ और आगे से मुझ पर नज़र रखने की कोई ज़रूरत नहीं है। और ना किसी भी तरह से मुझे तक पैसे भेजने की आर्यन बोलता है। और वहाँ से जाने लगता है।
आर्यन के पिता उसका हात पकड़ते है। और कहते है। कुछ देर तो रुक जाओ तुम दस साल मुझसे दूर रहे हो क्या तुम अपने बाप को दस मिनट भी नहीं दे सकते ।
अगर आपने उस टाइम मेरी माँ के लिए दस मिनट निकाल लिए होते तो आज मेरी माँ यहाँ होती और शायद मैं भी आपके पास होता आर्यन कहता है।
तु एक गलती की कितनी सजा देगा अपने बाप को, अब माफ भी कर दे।
ठीक है। मैं आपको माफ कर देता हु लेकिन क्या आप मेरी माँ को वापस ला सकते है। आर्यन गुस्से मै बोलता है।
ये बात सुनकर Randeep Nanda आर्यन का हात छोड़ देते है। और फिर आर्यन अपने पिता को बिना देखे ही वहाँ से बहार निकल जाता है।
और अंदर खड़े आर्यन के पिता की आखों मै आशु आने लगते है।
कुछ दूर जाने के बाद आर्यन के सर में फिर से दर्द होने लगता है। और वह अपनी पिछली जिंदगी में
वापस लौट जाता है।
।
और उसके बाद किसी और दुनिया में चला जाता है।
समाप्त...