आर्यन की बात सुनकर निकिता कुछ नहीं कहती है। और सामने देखने लगती है। कुछ ही देर में उनका उनको पेपर मिल जाता है। और सभी अपना-अपना पेपर करने के लिए लग जाते है।
आर्यन जब एग्जाम देखा है। तब उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी आ जाती है। क्योंकि उसे ऐसा महसूस हो रहा था। कि उसे वो सब कुछ आता है।
आर्यन एक पल के लिए भी नहीं रुकता है। और लिखना शुरू कर देता है। आर्यन बहुत ही जल्दी-जल्दी लिख रहा था। जब रॉकी आर्यन की तरफ देखा है। तो हैरान हो जाता है। क्योंकि आर्यन की स्पीड बहुत ज्यादा नजर आ रही थी। वो पेन को तो उठा ही नहीं रहा था। ।
जरूर उसने कोई पर्ची ले रखी होगी या फिर निकिता उसको दिखा रही होगी रॉकी सोचता है।
फिर रॉकी सर से आर्यन की शिकायत कर देता है। कि वो नकल मार रहा है।
फिर टीचर आर्यन के पास जाते है। और उसको देखने लगते है। कि उसके पास कोई नकल है। या नहीं लेकिन उनको उसके पास कोई भी नकल नहीं मिलती है। लेकिन फिर टीचर निकिता को आर्यन से दूर बिठा देते है।
इस बात से रॉकी बहुत ज्यादा खुश नजर आ रहा था। उसे लगता था। कि अब किसी भी कीमत पर आर्यन सबसे अच्छे नंबर नहीं ला सकता है। लेकिन आर्यन को कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था। कि निकिता उसके पास बैठी है। या नहीं।
सर आर्यन के पीछे खड़े होकर उसको देखते रहते है। कि वो कर क्या रहा है। जब टीचर आर्यन की तरफ देखते है। तो वो भी एक पल के लिए हैरान हो जाते है। क्योंकि आर्यन बहुत जल्दी-जल्दी अपना काम कर रहा था।
आर्यन 1 घंटे में ही अपना पूरा पेपर कर देता है। और आराम से बैठ जाता है। आर्यन को बिना कुछ करते हुए देखकर रॉकी यही सोच रहा था। कि उसे और कुछ नहीं आ रहा है। इसलिए वो ऐसे बैठा हुआ है।
अगले दिन भी ऐसा ही होता है। आर्यन जल्दी से अपना पेपर करके बैठ जाता है। और देखते ही देखते सारे के सारे पेपर हो जाते है। आर्यन को उम्मीद थी। कि उसको अच्छे नंबर की आएंगे।
एग्जाम का पता कुछ दिन बाद चलना था। इसलिए सभी इंतजार कर रहे थे और जिस दिन एग्जाम का पता चला था। उस दिन सभी अपना छोड़कर आर्यन और रॉकी का एग्जाम देखने के लिए चले जाते है।
पहले रॉकी को उसका पेपर मिलता है। जिसमें उसे बहुत ही काम नंबर आए थे वो बड़ी ही मुश्किल से पास हुआ था। उसके सिर्फ 40% ही नंबर थे।
लगता है। तू हार गया है। एक लड़का कहता है। में कितने भी नंबर लाऊ उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। फर्क तो इस बात से पड़ता है। की आर्यन कितने नंबर लेकर आता है। उसे ये शर्त जीतने के लिए सबसे ज्यादा नंबर लेकर आने होंगे जो कि उसके लिए नामुमकिन है। रॉकी कहता है।
फिर निकिता का अभी नंबर आ जाता है। जिसको बहुत ही अच्छे नंबर आए थे उसको 96% नंबर आए थे जो की क्लास में अब तक सबसे ज्यादा थी।
येलो आर्यन का तो हो गया था। आर्यन इससे ज्यादा नंबर दो लेकर नहीं आ सकता है। रॉकी कहता है। और हंसने लगता है।
फिर टीचर आर्यन को बुलाते है। और उसको उसका पेपर उसके हाथ में देते है।
क्लास का एक लड़का पूछता है। सर इसको कितने नंबर आए है।
टीचर थोड़ा हैरान नजर आ रहे थे और वो इस हैरानी में बोलते है। आर्यन को सबसे ज्यादा नंबर मिले है। उसको 99% नंबर आए है।
टीचर कि ये बात सुनते ही सभी के हैरानी से मुंह खुला के खुला रह जाते है। क्योंकि किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हो पा रहा था। की आर्यन इतने नंबर लेकर आ सकता है।
आर्यन अपने सिस्टम को शुक्रिया बोलता है। क्योंकि वो उसी की मदद से इतना ज्यादा इंटेलिजेंट बना है।
सर ये नहीं हो सकता इसने जरूर चीटिंग की होगी रॉकी कहता है।
नहीं आर्यन ने कोई भी चीटिंग नहीं की है। मैं खुद देखा था। कि वो अपना पेपर खुद से कर रहा था। और उसने पूरा का पूरा खुद से ही किया था। टीचर सबसे कहते है।
निकिता इस बात से दुखी नहीं थी। कि वो दूसरे नंबर पर आई है। वो तो इस बात से पूछता की आर्यन ये शर्त जीत गया था।
फिर सभी आर्यन को बधाई देते है। और रॉकी को शर्त पूरा करने के लिए बोलने लगते है। रॉकी का मन कर रहा था। कि वो यहा से चला जाए लेकिन वो गुस्से से बस आर्यन को देखता रहता है।
फिर टीचर अपने हाथ में कुछ ईनाम लेकर आते है। और एक-एक करके तीनों को दे देते है। जिनमें से आर्यन को सबसे बड़ा ईनाम मिला था। जिसको लेकर आर्यन बहुत ज्यादा खुश था। ये इतने सालों में पहली बार था। कि उसने ऐसा कुछ हासिल किया हो आर्यन जल्दी से जल्दी घर पर जाना चाहता था। ताकि वो अपनी मम्मी को ये बता सके कि उसे इतना बड़ा इनाम मिला है। और वो क्लास में 1st आया है।
सर के जाने के बाद आर्यन रॉकी के पास जाता है।
क्यों रॉकी चले पार्क में तुझे अपनी शर्त भी तो पूरी करनी है। आर्यन अपने चेहरे पर स्माइल के साथ करता है। आर्यन की बात सुनकर सभी रॉकी पर हंसने लगते है।
रॉकी को गुस्सा तो आ रहा था। लेकिन वो भी कुछ कर भी नहीं सकता था। क्योंकि ये सब उसमें ही लगाई थी। अगर ऐसे में वो मन करता है। तब सब उस पर ज्यादा हसेंगे।
ठीक है। शाम को पार्क में आ जाना में ये शर्त पूरी कर दूंगा रॉकी कहता है। और वहा से चला जाता है।
फिर आर्यन निकिता से कुछ देर बाद पता है। और अपने घर के लिए चला जाता है। वो घर पर जाते ही अपनी मम्मी को अपना रिजल्ट दिखाता है।
उसकी मम्मी और उसके पापा को विश्वास ही नहीं हो रहा था। ये सच भी है। इसलिए उसके पापा स्कूल में फोन करके पूछते है। कि सच में उसके इतने नंबर आए है। या उसने नंबर बदल दिए है। लेकिन जब सर खुद से कहते है। कि आर्यन कितने नंबर आए है। तब उनका मानना ही पड़ता है।