शाम में सूरज डूबने वाला था।हल्की लाल रंग की रंगत पूरे आसमान में फैली हुई थी। एक विवाहित जोड़ा एक घर के बाहर खड़ा था,उसे घर कहना शायद गलत होगा क्युकी वो किसी विला से कम नही लग रहा था, बीच में विला उसके एक और बड़ा सा गार्डन,दूसरी ओर बड़ा सा स्विमिंग पूल।गार्डन में काफी तरह के फूल,जो हवा के संपर्क में आकर महक रहे थे।वहा का वातावरण बेहद खूबसूरत था।
22-23 साल की लड़की,गोल चेहरा, पांच फुट तीन या चार इंच की हाइट होगी।हल्का गेहुआ रंग, कमर तक आते उसके हल्के काले सुनहरे बाल,जो हवा की वजह से उड़ रहे थे,चेहरे पर आती लटे,सुर्ख लाल रंग की साड़ी,गले में सफेद मोतियों का हार और एक बटरफ्लाई डिजाइन का छोटा लॉकेट उसके गले पर खूब प्यारा लग रहा था, साथ ही एक मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर।पतली कमर जिसपर उसने तगड़ी पहन रखी रही, कानो में झुमके, सीधे हाथ में चूड़ा,उल्टे हाथ में एक चैन,शुरुआती छोर पर काला नग जो चमक रहा था,पूरी चैन में रंग बिरंगे स्टोन जो सूरज की ढलती रोशनी पड़ने से चमक रहे थे,उन्ही के बीच में छोटे छोटे घुंघरू जो हवा की वजह से हल्के हल्के हिल रहे थे,आखिरी छोर पर बनी बटरफ्लाई ...
बड़ी बड़ी तारो जैसी उसकी कत्थई काजल से सनी आंखे जिन्हे वो किसी मासूम बच्चे की तरह टिमटिमा रही , घनी काली पलके,पतली नाक जिसमे उसने नॉसरिंग पहनी थी,सुर्ख लाल होंठ, होंठो के ठीक नीचे तिल जो उसके चेहरे की खूबसूरती बड़ा रहा था,पतली गर्दन....उसके चेहरे की मुस्कुराते वक्त पड़ता डिंपल...जो उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहा था,परफेक्ट बॉडी स्ट्रक्चर....क्यूट,मासूम,इनोसेंट सा चेहरा....उसके चेहरे पर दुनिया जहां की मासूमियत नजर आ रही थी, यकीनन वो दिखने में किसी अप्सरा सी लग रही थी.....
उसके बगल में खड़ा 26-27 साल का नौजवान लड़का,5 फुट 10 या 12 इंच की हाइट, इमोशनलेस काली आंखे,दूध सा गोरा रंग,पतले होंठ, परफेक्ट बियर्ड,हाथो में सिल्वर कलर की रोलेक्स वॉच,रॉयल ब्लू टेक्सिडो सूट, सिक्स पैक एब्स, सुडौल शरीर, कसे हुए कंधे,मस्कुलर बॉडी, उसे सूट में उसकी साफ पता चल रहें थे,उसकी बॉडी देख साफ पता चल रहा था,कितना वक्त वो जिम में बीतता होगा.....
एनॉयिंग,एरोगेंट, इमोशनलैस लग रहा था वो इस वक्त....उसकी पर्सनेलिटी कुछ ऐसी थी की जो एक बार देख ले वो दोबारा देखे बिना रह नहीं सकता था....लड़कियां तो उसकी एक नजर को मरती थी.....एक बार अगर वो किसी लड़की वो देख ले वो वही बेहोश हो जाती थी.....उसकी पर्सनेलिटी इतनी दमदार थी की, उसके सामने कोई कुछ बोलने से पहले हजार बार सोचता था.....
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"तुम्हे अंदर नही चलना??" उस लड़की को घर को निहारते देख वो बोला....ऐसा नही था की वो यहा पहली बार आई थी,बस आज बात कुछ अलग था....इस घर को निहारते हुए वो बेहद दिलकश लग रही थी...उसके चेहरे की मुस्कुराहट बता सकती थी,की वो कितनी खुश है....
लड़के की बात सुन उसने घर को निहारते हुए ही बस अपनी मुंडी हां में हिला दी.....
लड़का जो इतनी देर से लड़की को घर को इस देखते देख चीड़ सा गया था। उसके चेहरे की खुशी ना जाने क्यों बेहद गुस्सा दिला रही थी। उस लड़की को देख वो मन में खुद से बोला:"आओ बीवी! तुम्हारा ऐसा गृहप्रवेश होगा,जैसे आज तक किसी ने किसी का नही किया होगा।वादा करता हु तुम्हे इतने दर्द दुंगा,जिनकी दवा तुम्हे आराम नही दे पाएगी,तुम्हे इतनी तकलीफ दूंगा की तुम्हारा भाई हजार मौत मरेगा.....मरोगी तो तुम भी लेकिन बेदर्द मौत,तुम्हे में मरने नही दूंगा। बीवी लेकिन सुकून की जिंदगी भी नही जीने दूंगा....उन सभी दर्द,तकलीफ, अकेलेपन से तुम गुजरोगी जिससे में गुजरा हूं....तुम्हारे भाई को भी इतना मजबूर कर दूंगा,की वो मेरे आगे अपनी नाक रगड़ेगा लेकिन में किसी को नही बकसूंगा"....ना जाने कितनी ही बातें सोचते हुए उस लड़के के दिल में लड़की के लिए बेहद नफरत, आंखो में घृणा उसकी नजरो में दिख रही थी....गुस्से में उसने अपनी मुठ्ठी भींच ली थी....लेकिन कही ना कही उसका दिल उसे उस मासूम का दिल जख्मी करने की इजाज़त नहीं दे रहा था,पर दिमाग पर तो जैसे नफरत चढ़ी थी....
उसकी टिमटिमाती आंखो से झलकती मासूमियत देख कही न कही उसका दिल उसे नफरत करने से रोक रहा था.....एक पल को उसकी नजरे उसकी नजरो से मिल गई,वो कही खो सा गया उन आंखो में।।।ऐसा नहीं था वो उसे शुरू से नफरत करता था,नही कही न कही उसके दिल में भी उसके लिए फीलिंग्स थी, जज़्बात कही न कही उसके दिल में थे। पर न जाने कोन सी वजह ऐसी गलती हुई की,उसे ये लड़की,इसकी मासूमियत झूठ फरेब नजर आने लगा।उसने अपने दिल में जाग रहे जज्बातों को दफन कर दिया और बस नफरत को सर चढ़ने दिया।
"तुम्हे में मारने नही दूंगा....लेकिन यकीन करो जीने भी नही दूंगा। ये मेरा सिद्धार्थ कपूर का तुमसे वादा है मिस ओह!! सोरी मिसेज रूहानी सिद्धार्थ कपूर...!!!!
तुम्हे तिल तिल मारूंगा"...वो अभी भी अपनी सोच में ही गुम था की रूहानी की आवाज सुन वो होश में आया।
"क्या हुआ?क्या हम अंदर नही जायेंगे??" (उसने बेहद मासूमियत से पूछा।)
"आ....हा चलो,चलते है। (आज से मेरे इंतकाम की शुरुआत होगी।अपने भाई की बात न मानने के लिए पछताओगे....काश, काश! तुम अपने भाई की बात मान लेती, अब तुम तिल तिल मरोगी,और तुम्हारे आंसू देने वाला में होंगा।लेकिन उन्हें पोछने वाला कोई नहीं,तुम्हारा भाई भी नही।" यही सब सोचते हुए सिद्धार्थ के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान खिल गई.
रूहानी सिद्धार्थ का मुस्कुराते हुए हाथ पकड़ लेती है,वो किसी बच्चे की तरह लग रही थी इस वक्त। लेकिन रूहानी का हाथ पकड़ना सिद्धार्थ को पसंद नही आया था।पर अभी वो कुछ नही कर सकता था।इसलिए चुप चाप रूहानी के हाथ में हाथ डाले चलने लगा था।
घर में एंटर करने से पहले उसने रूहानी का हाथ छोड़ दिया,और उसे खुद आगे बड़ कर आने कहा। रूहानी को ये थोड़ा अजीब लगा,पर उसने ज्यादा नही सोचा,उसे लगा शायद सिद्धार्थ उसके गृहप्रवेश की तैयारी कर रहा होगा...
घर के अंदर एंटर करने हुई के उसके कदम ठिठक गए,पूरे घर में अंधेरा था,कुछ भी देख पाना बेहद मुश्किल।उसे कही ना कही डर भी लग रहा था।
"सीड आप कहा है??" उसने अपने डर पर काबू कर सिद्धार्थ को आवाज दि.... *सीड are you there??"
"आ जाओ बीवी! मैं यही हु"....सिद्धार्थ की आवाज सुन उसे थोड़ा चैन मिला, सिद्धार्थ का उसको बीवी कहना बेहद अच्छा लगा।
"ओके! मैं आती हु, बट ये इतना अंधेरा क्यू है??"
"सरप्राइज है बीवी! कम फास्ट...."
सरप्राइज़ का सुन रूहानी ने अपना कदम आगे बढ़ाया की.....
उसकी बेहद दर्दभरी चीख निकल गई... "आह".....
ऐसा क्या है राज जो सिद्धार्थ इतनी नफरत करता है,रूहानी और उसके भाई से???आखिर क्यों सिद्धार्थ रूहानी को तकलीफ देना चाहता है???क्या सिद्धार्थ की नफरत सिर्फ नफरत रह जाएगी?? या वक्त रहते रूहानी की मासूमियत से उसका दिल पिघल जाएगा??क्या सिद्धार्थ की नफरत खत्म हो पाएगी, या रूहानी को तबाह कर देगी???
सवाल बहुत जवाब बस इतना.... पढ़ते रहिए मेरी न्यू स्टोरी!!!
Stay tuned
समीक्षा जरूर दे..!!!
क्रमश:
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Taruh🍁