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Chapter 11 - ch 7 jao yaha se

यह बात निया को निया की मॉम ने बोली थी जब नीया ने अपनी मॉम की यह बात सुनी तो तब वह हैरानी से अपनी मॉम को देखने लगी,  उसको तो इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसको यह बात उसकी मॉम ने बोली है तभी वह धीरे-धीरे अपनी मॉम की तरफ आगे बढ़ने लगी जिस वजह से एक बार दोबारा से उसके कानों में अपनी मॉम की गुस्से भरी आवाज पड़ी"

"  मैंने कहा ना जहां पर हो, वहीं पर ही रुक जाओ, आगे आने की कोई  जरूरत नहीं है अब क्या देखना चाहती हो तुम्हारी वजह से तुम्हारे अब्बू इस अस्पताल में एडमिट है अब क्या तुम उनको मार देना चाहती हो,  जो यहां पर आई हो,  निकल जाओ यहां से,  मुझे अब तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना है। "

अपनी मॉम की यह जहर से भी ज्यादा जहरीले बातें नीया को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह बस हैरानी से रोते हुए अपनी मॉम को ही देखे जा रही थी तभी उसकी मॉम ने उसे दोबारा से कहा"  अब ऐसे क्या देख रही हो?   यहां  हमें तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है हम तुम्हारे अब्बू का इलाज खुद ही करवा लेंगे, जोओ यहां से, अगर तुम अभी के अभी इस अस्पताल से नहीं गई तो यह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, अब बस यह सोच लो कि तुम्हारे  अम्मी अब्बू मर गए हैं। तुमने उन्हें खुद ही अपने हाथो से मार डाला है। "

जैसे ही निया ने अपनी मॉम की यह बात सुनी तो तब उसकी आंखों में जो आंसू रुके हुए थे वह छलक कर नीचे गिर गए और वह अब एक पल के लिए भी अपनी मॉम से कुछ भी कहना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको लगा कि अगर उसने कुछ भी बोलने के लिए अपनी मॉम को एक शब्द भी बोला तो उसकी मॉम उसको आगे न जाने क्या-क्या बोल देगी,  जिस वजह से उसने वहां से जाना ही सही समझा,  निया के कदम अपनी फॅमिली से दूर जाने का नाम ही नहीं ले रहे थे, उसको ऐसा लग रहा था जैसे की उसके कदम वही पर ही जम गए थे, पर फिर भी निया ने हिम्मत कर के धीरे धीरे अपने पैरो को वहां से दूर ले कर जाने के लिए आगे बढ़ा दिया।

जब वह रोते-रोते हॉस्पिटल से बाहर जा रही थी तब भी रह रह कर उसके कानों में अपनी मॉम की कही हुई बातें ही गूंज रही थी " कि मैंने कहा ना जहां पर हो, वहीं पर ही रुक जाओ, आगे आने की कोई  जरूरत नहीं है अब क्या देखना चाहती हो तुम्हारी वजह से तुम्हारे अब्बू इस अस्पताल में एडमिट है अब क्या तुम उनको मार देना चाहती हो,  जो यहां पर आई हो,  निकल जाओ यहां से,  मुझे अब तुम्हारा चेहरा भी नहीं देखना है। अब ऐसे क्या देख रही हो?   यहां  हमें तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है हम तुम्हारे अब्बू का इलाज खुद ही करवा लेंगे, जोओ यहां से, अगर तुम अभी के अभी इस अस्पताल से नहीं गई तो यह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, अब बस यह सोच लो कि तुम्हारे  अम्मी अब्बू मर गए हैं। तुमने उन्हें खुद ही अपने हाथो से मार डाला है। "

" यह बाते ऐसी थी जैसे कोई उसके कानो मे गर्म गर्म पिघलता हुआ शीशा दाल रहा हो जिस से उसको असहनीय दर्द हो रहा हो बिलकुल ऐसा ही दर्द अभी निया को अपने कानो मे अपनी मोम की बातो को सुन सुन कर हो रहा था।

अस्पताल से बाहर जाते ही वह बेंच पर जा कर बैठ गई और एक बेंच पर बैठ कर जोर-जोर से रोने लगी,  उसको आज अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कहां तो आज उस की शादी एक बहुत अच्छी फैमिली में होने जा रही थी उस लड़के से उसकी शादी होने वाली थी जिस से वह पिछले 2 साल से प्यार करती थी पर अचानक से ही उसकी जिंदगी में नाजाने कैसे यह तूफान आ गया और देखते ही देखते उसकी खुशियों भरी जिंदगी तबाह हो गई और इस तूफान में उलझ कर रह गई।

उसको यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें, वह बस गुमसुम सी रोते हुए बेंच पर बैठी हुई थी और उसके साथ अभी तक क्या-क्या हुआ यह सब सोच रही थी उसको यह यकीन नहीं हो रहा था की एक ही दिन में उसकी जिंदगी इतनी कैसे बदल गई, उसने अपने दिमाग पर जोर डाल कर याद करने की कोशिश की कि वह लड़का कौन था जिसने उसकी शादी तुडवा दी थी पर बहुत ज्यादा याद करने पर भी उसको कुछ भी याद नहीं आ रहा था ना ही उसको यह याद आ रहा था कि उसने जो वीडियो दिखाई थी वह क्या थी और किस प्रकार से आमिर ने उस लड़के की बातों पर यकीन कर लिया था वह यह सब सोच कर हैरान हो रही थी कि उसने एक ऐसे लड़के से प्यार किया,  जिसको उस पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था।

वह रोते-रोते उस बेंच पर बैठ कर यह सब सोच रही थी और उसकी आंखों से आंसू पानी की तरह उसके गालों से होते हुए लुढ़क का नीचे जमीन पर गिर रहे थे उसको अपने दिल में  बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था तभी उसको एहसास हुआ कि किसी ने पीछे से उसके कंधे पर अपना हाथ रखा,  इस एहसास को फील करते ही निया ने जल्दी से घबराते हुए उस इंसान की तरफ देखा की अभी किस ने उसको टच किया क्योंकी कुछ टाइम पहले ही उसको कुछ गुंडों ने घेर लिया था जिस वजह से निया अब भी वाह सब याद कर के डर गई थी इस वजह से उसने हैरानी भरी नजरों से अपना सर जल्दी से उठा कर  ऊपर की तरफ देखा,  तो वह यह देख कर हैरान हो गई कि यह तो वही लड़का था जिसने अभी-अभी थोड़े टाइम पहले उसको उन गुंडो से बचाया था और उसको हॉस्पिटल भी ले कर आया था।

जब उस लड़के को यह महसूस हुआ कि निया बस एक टक उस को ही देखे जा रही है तो तब उस लड़के ने धीमी मगर गहरी आवाज में निया से कहा"  मिस में यह तो नहीं जानता कि आप इस तरीके से क्यों रो रही है पर अगर आप मुझे बताना चाह तो बता सकती हैं की क्या पता मैं आपकी कोई हेल्प कर दूं? "  

उस लड़के की बात सुन कर नीया ने एक बार दोबारा से अपना सर नीचे झुका लिया और वह गुमसुम सी खुद में ही बुड़बुड़ाते हुए कहने लगी"  जब मेरी फैमिली ही मुझ पर ट्रस्ट नहीं करती और उन्होंने ही मेरे ऊपर यकीन नहीं किया तो तुम क्यों मेरी बातों पर यकीन करोगे ,मैंने जिस लड़के से दो साल तक पैर किया जब उस लड़के ने मेरे ऊपर ट्रस्ट नहीं किया तो तुम क्यों मेरे ऊपर ट्रस्ट करोगे, मुझे पता है कोई भी मेरी बातों पर यकीन नहीं करेगा कि मैं सच कह रही हूं जब मेरी अम्मी को ही मेरी फिक्र नहीं है तो तुम क्यों मेरी फिक्र कर रहे हो और तुम क्यों मेरी हेल्प करोगे,जब मेरी अम्मी ने ही मुझे हॉस्पिटल से जाने के लिए बोल दिया तो कोई मेरी हेल्प क्यों ही करेगा, कोई मेरी बातों पर यकीन नहीं करेगा, कोई भी नहीं करेगा, कोई मेरी हेल्प नहीं करेगा, "

निया खुद मे ही बस बार-बार यही बोले जा रही थी उसको यह होश भी नहीं था कि वह क्या बोल रही थी और किसके सामने बोल रही थी।

वही वह लड़का बहुत ध्यान से नीया की बातें सुनने की कोशिश कर रहा था की निया धीमी धीमी सी आवाज में खुद में ही क्या बुड़बुड़ा रही है तभी उस लड़के को निया की यह बात समझ में आई कि उसकी मॉम ने उसको घर से निकाल दिया तो तब उस लड़के को यह लगा कि इस लड़की के पास रहने के लिए कोई घर नहीं है जिस वजह से उसने निया के साइड में बेंच पर बैठते हुए निया से कहा"  अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारी अपनी कंपनी में जॉब लगवा सकता हूं,  तुम्हारी स्किल्स के अक्करोडिंग मेरे बॉस तुम्हें जरूर कोई ना कोई जॉब दे देंगे और हमारी कंपनी अपने एम्पलाइज को रहने के लिए अपार्टमेंट भी प्रोवाइड करवाती है जहां पर तुम रह भी पाओगी, तो तुम्हें अपने लिए घर ढूंढने की भी कोई फिक्र नहीं होगी, बोलो क्या बोलती हो तुम? क्या मैं अपने सर से बात करूं तुम्हारे लिए? "

जब उस लड़के की बाते निया ने सुनी तो जब निया ने उस लड़के की तरफ देखा वह लड़का एक हल्की सी स्माइल के साथ नीया कि हां का इंतजार करते हुए निया के फेस को बहुत ध्यान से देख रहा था।

जब निया ने उस लड़के को इस तरीके से खुद को देखते हुए देखा तो तब भी वह चुपचाप बस उस लड़के के चेहरे को ही देखती रही,  तभी उस लड़के ने एक बार दोबारा से नीया से कहा"  देखो अब सुबह के 5:30 बज रहे हैं कुछ ही घंटे के बाद मेरा ऑफिस भी ओपन हो जाएगा और फिलहाल के लिए हमारे ऑफिस में रिक्रूरमेंट भी चल रही है तो तुम्हारे लिए जॉब इंटरव्यू देना कोई मुश्किल टास्क भी नहीं होगा, तो क्या तुम यह ट्राई करना चाहोगी? "

उस लड़के की बातें सुन कर निया को एक उम्मीद की किरण नजर आई और वह उस लड़के की बातें सुन कर आसमान की तरफ देखने लगी की अल्लाह आखिर उसकी जिंदगी में क्या चाहता है एक तो एक तरफ उसकी पूरी हस्ती खेलती जिंदगी में गमों का पहाड़ टूट पड़ा, उसकी शादी टूट गई, उसको अब्बू हॉस्पिटल मे एडमिट है दूसरी तरफ उसको मदद के लिए एक उम्मीद की नई किरण भी मिल गई । उसको अपनी किस्मत किसी फिल्म स्टोरी से काम नहीं लग रही थी जहां पर एक लड़की बेसहारा सी मुसीबत में पड़ी हुई थी और तभी कोई आ कर उसकी किस्मत बदल देता है उसने कुछ ना बोलते हुए दोबारा से उस लड़के की तरफ देखा और धीमी सी आवाज में उस लड़के से कहा "  ठीक है "  क्यों की निया को उस लड़के के ऊपर ट्रस्ट हो गया था की वाह लड़का उसकी इस सूचवेशन का फायदा तो नहीं उठाएगा दूसरा अगर उसको जॉब मिल गई तो तब वह अपनी फैमिली की हेल्प भी कर पायेगी।

सुबह के 10:00 बजे निया एक बड़ी सी बिल्डिंग के बाहर उस लड़के की कार से बाहर उतरी और उस बिल्डिंग के अंदर चली गई निया को इतनी बड़ी बिल्डिंग देख कर यह हैरानी हो रही थी कि क्या इस बिल्डिंग में सच में उसकी जॉब लग सकती थी इतना बड़ा ऑफिस उसका होने वाला था बस अब वह एक बार अपनी किस्मत आजमाना चाहती थी जिस वजह से वह रिसेप्शनिस्ट से पूछ कर उन सब कैंडिडेट्स के पास जा कर बैठ गई, जहां पर बाकी के कैंडीडेट्स भी अपना इंटरव्यू देने के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

जैसे-जैसे एक-एक कैंडिडेट रूम के अंदर इंटरव्यू देने के लिए जा रहा था और वहां से वापस आ रहा था यह देख कर निया की दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी कि क्या सच में उसका सलेक्शन इस बड़ी सी कंपनी में हो सकता है?

क्या वह इस इंटरव्यू को क्रैक कर सकती है?  इसी उलझन में निया अपनी सीट पर अपने रिज्यूम को ले कर बैठी हुई थी और अपनी ही उलझन में नर्वसनेस की वजह से वह अपने हाथों की उंगलियों को अपने दूसरे हाथों की उंगलियों के अंदर उलझा कर ऊपर नीचे कर रही थी तभी एक लड़की ने निया को रूम के अंदर जाने जाने के लिए कहा और नया धीरे-धीरे कदमों से उस रूम के डोर पर चली गई और उसने वहां जा कर परमिशन मांगते हुए कहा"  मे आई कम इन सर "

तभी अंदर से एक लड़के की आवाज आई " कम इन"

निया जैसे ही उस रूम के अंदर गई तो तब हैरानी से उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो गई।

आपको क्या लगता है कि नीया ने रूम के अंदर ऐसा क्या देख लिया जो वह इतना ज्यादा हैरान हो गई?

पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिये ये नॉवेल, " devil se pyar  " 

अब आगे की कहानी अगले भाग मे जारी रहेगी, 

तब तक के लिए अलविदा।

नव्या खान