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Chapter 3 - ch 3 लोगों के ताने!

Hello 

अब तक : निहहा के पापा दर्द भरी आवाज़ मे कह रहे थे "

" आमिर खान कितना अच्छा लड़का है वह मेरी निहहा के साथ ऐसा नहीं कर सकता,  मैं उसको अपने घर का दामाद बनाना चाहता था पर अब वह मेरे घर का दामन नहीं बन सकता नहीं बन सकता वह अब मेरे घर का दामाद। " 

 यह बोलते हुए उनकी सांस चलने लगी थी और कुछ ही पलों बाद उनकी सांसे जोर-जोर से चलने लगी और कुछ ही पलों बाद उन्होंने सांस लेना बंद कर दिया। 

 वही जब निहहा की अम्मी और भाई बहनों ने और बाकी घर वालों ने निहहा के पापा को इस तरह से मारते हुए देखा तो तब वह बाकी घर वालों के साथ साथ उन्होंने कहा, " पापा पापा, निहहा के पापा, निहहा के पापा, भाई जान। " यही बोलते हुए निहहा के पापा के आस पास बैठ कर सब जोर-जोर से रोने लगे थे। 

अब आगे : 

और बाकी के लोग वही मैरिज हॉल में खड़े हो कर यह तमाशा देख रहे थे, तभी उनमें से वहां पर खड़ी एक औरत मैं वहां पर खड़ी दूसरी औरत से बोला,

" लो यह लोग बोलते थे कि हमारी निहहा जैसी शरीफ और अच्छी बेटी तो किसी की हो ही नहीं सकती,  कितना विश्वास था इन लोगों को अपनी इस नालायक बेटी पर, कि यह तो कुछ गलत कर ही नहीं सकती है तारीफ करते इन लोगों के मुंह थकते ही नहीं थे और अब देखो इनकी यह शरीफ बेटी ही अपने भोले भालेअब्बू को खा गई, या यह बोल की नागिन की तरह निगल गई। " 

 उस पहले वाली औरत की बात सुन कर वही खड़ी दूसरी वाली औरत ने अपना मुंह बनाते हुए  कहा, " हां तुमने बिलकुल सही कहा शबीना बाजी,  देखो तो इतना बड़ा कांड करके कैसे हमारे आमिर खान जैसे शरीफ लड़के की दुल्हन बन कर बैठी हुई थी, वह तो समय रहते हमें इस के कांड के बारे में पता चल गया वरना हमारे भोले भाले आमिर खान की इससे शादी हो जाती। , " 

 तभी उसे पहले वाली औरत ने अपना मुंह बनाते हुए आगे कहा," हां और नहीं तो क्या अच्छा हुआ जो इस बचचलन लड़की से हमारे आमिर खान की शादी नहीं हुई, अरे देखो तो अभी भी कैसे अपनी जगह पर दुल्हन बन कर बैठी हुई है, जैसे इसके यहां पर इस तरह से बैठे रहने से हमारा आमिर खान इसे वापस आकर शादी कर लेगा। " 

 यह बोल कर वह औरत  निहहा को देख कर अपना मुंह बिगड़ने लगी, वही निहहा तो अभी भी अपनी इस जगह पर बैठी हुई थी वह ना कुछ बोल रही थी और ना ही अपनी सीट के ऊपर से उठ रही थी बस गुमसुम सी अभी भी अपनी ही दुल्हन बनी जगह पर बैठी हुई थी। 

 वही जब उसे दूसरी वाली औरत ने उस दूसरी वाली औरत को अब निहहा को देखते हुए देखा तो तब उसने भी निहहा की तरफ अपना मुंह बनाते हुए कहा, " कैसी मनहूस लड़की है अपने अब्बू को भी नहीं छोड़ा अच्छा हुआ जो यह हमारे घर में बहू बन कर नहीं आई वरना हमारे घर का क्या हाल कर देती। " 

 तभी उसे दूसरी वाली औरत ने कहा" अरे चलना सीमा क्यों इस जैसी लड़की के मुंह लग रही है तुझे नहीं पता कैसे इस लड़की की चाची ने भी तो भाग कर शादी की थी इस लड़की के चाचा जी के साथ उन से अब इनका घर वाला क्यों भी नहीं मिलता है , क्यों की वो ठहरी एक हिन्दू लड़की, बताओ जी इसके खानदान वालो को कोई मुस्लिम लड़की नहीं मिली थी प्यार करने के लिए जो एक हिन्दू लड़की से प्यार कर के उस से शादी कर ली " 

 तभी उसे दूसरी वाली औरत ने पहली वाली औरत की बात का जवाब देते हुए कहा, " हां सीमा यह तो पूरा का पूरा खानदान ही ऐसा है अच्छा हुआ जो हमारे आमिर खान ने इस लड़की से शादी नहीं कि हम तो फिर भी सब कुछ पुराना भूल कर इस लड़की के खानदान के बारे में,  इस लड़की को अपने घर की बहू बनने वाले थे पर यह लड़की थे ही नहीं हमारे घर की बहू बनने के काबिल। " 

 तभी उस  पहले वाली औरत ने कहा, " अरे यह लड़की हमारे खानदान की बहू बनने के काबिल क्या यह तो अब किसी के घर की भी बहू बनने के काबिल ही नहीं रही, अब चल छोड़  चल चलते हैं यहां से पूरा का पूरा मूड ही खराब कर दिया मेरा,  मैं  कितनी खुश हो कर आई थी हमारे आमिर की बारात ले कर " 

 वही इकरा से तो अब उन औरतों की यह बातें सुन ही नहीं जा रही थी और वह जैसे ही उन लोगों से गुस्से से कुछ बोलने वाली थी तभी  इकरा की नजर अपने पापा पर चली गई और उसने फिर जोरदार आवाज़ मे कहा, " पापा अभी जिन्दा है मेरे पापा अभी जिन्दा है। "

यह बोलते हुए वह खुश होते हुए रो रही थी, तभी उसने रोते रोते आगे कहा, " पापा की सांसे चल रही है देखो उनके हाथ की उंगलियां मूव कर रही है। पापा जिन्दा है भाई पापा जिन्दा है। " 

इकरा की बात सुन कर निहहा की अम्मी सहनाज ने अपने शोहर के सीने के ऊपर से अपना सिर उठा कर अपनी रोती हुई आँखो से खुश होते हुए अपने हस्बैंड को देखते हुए कहा, "

" यह अभी जिन्दा है इनको जल्दी से हॉस्पिटल ले कर चलो। " 

उनकी बात सुन कर निहहा  के भाई ने अपने पापा को अपनी गोद मे उठाया और फिर वह अपने पापा को अपनी खोद मे उठाते हुए उस मैरिज हॉल से बाहर ले कर जाने लगा। 

कुछ समय बाद हॉस्पिटल मे ओ टी रूम के बाहर बल्ब मे रेड लाइट जल रही थी और निहहा की पूरी फैमिली उस ओ टी रूम के बाहर गोल गोल घूमते हुए अपनी नजरों से उम्मीद भरी नजरों से उस ओ टी रूम को देखते हुए  चक्कर काट रही थी। 

वहाँ पर निहहा की पूरी फैमिली का हर मेंबर् मौजूद था बस थी नहीं तो वह थी निहहा क्यों की निहहा तो अभी भी उस मैरिज हॉल के अंदर अभी भी अपनी निकाह वाली जगह पर बैठी हुई थी उसको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वह अपने होश मे ही नहीं थी , वह एक बेजान पुतले की तरह बस उस जगह पर जमी हुई बैठी हुयी थी। 

बाकि निहहा के अलावा उस मैरिज होले मे निहहा के अलावा कोई भी इंसान मौजूद नहीं था  उस मैरिज होले मे निहहा बिलकुल अकेली थी। 

 वही कुछ दुरी पर एक आदमी वेटर के कपड़े पहन कर खड़ा हुआ था जो निहहा को अपनी गंदी नजरों से ऊपर से ले कर निचे तक देख रहा था और निहहा को लस्ट भरी नजरों से देखते हुए  अपने होठो पर अपनी जीभ फेर रहा था। 

 

तभी वह वेटर निहहा की तरफ बढ़ने लगा, निहहा की तरफ बढ़ते हुए उस आदमी के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान थी और उस के चेहरे से ही उसकी चालाकी टपक रही थी। 

और तभी उस आदमी ने निहहा के कंधे पर अपना हाथ रख दिया। 

 

आपको क्या लगता है क्या ये आदमी निहहा के साथ कुछ गलत करने वाला है? और क्या निहहा के पापा मर जायेगे? 

 

अब आगे ये  कहानी क्या मोड़ लेगी जानने के लिए पढ़िए ये नॉवल " devil se pyar "

अब आगे की कहानी अगले भाग मे जाती रहेगी,

तब तक के लिए अलविदा