अब तक
थोड़ी देर बाद सभी नोकर वहा खड़े हुए थे और उन्होंने अपना सिर नीचे किए हुआ था क्युकी उन्हे पेंडेंट नही मिला था ।
रीमा सबको ऐसे देख जान करके सिंध्या के बैग से ऐसे टकराती हैं जिससे उसका बैग नीचे गिर जाता हैं और पेंडेंट भी लुढ़कते हुए बाहर आ जाता हैं।
सब लोग भी उस तरफ देखते हैं तो वो पेंडेंट था जो सिंध्या के बैग से निकला था।
उस पेंडेंट को देख रीमा सर्प्राइज होते हुए कहती हैं _" सिंध्या , ,यह तुम्हारे पास था , ,और यहां तुम इसे ही ढूढने का नाटक कर रही थी , , तुम कितनी बड़ी चोर हो छोटे बच्चों का सामान चोरी करती हो , , शर्म नही आती तुम्हे !"
रीमा के इल्जाम को सुन सिंध्या गुस्से में कहती हैं _" जस्ट शट योर माउथ, , मेने कोई चोरी नही की हैं अंडरस्टैंड "
सिंध्या ने इतना बोल ही था की अंदर आता अश्विन बोलता हैं _" क्या हुआ हैं यहां , , किसने चोरी की हैं , , ?"
अश्विन की बात सुन सब सिंध्या को देखने लगते हैं।
अब आगे
सबको अपनी तरफ देखता पा कर सिंध्या अपने दांत पीसते हुए कहती हैं _" मुझे इस तरह देखना बंद करिए सब , , ,में यहां अभी अभी आई हु तो यह मेरे बैग से केसे निकला , , , यह सब भी छोड़ो , , अगर मेने कुछ चुराया होता तो में अपने घर रख कर आती यहां लेकर नही , , ,"
सिंध्या की बात सुन सब सोच में पड़ जाते हैं , , आखिर सिंध्या ने बात तो सही ही कही थी।
गुंजन बुआ सिंध्या की बात को इग्नोर कर दादाजी से कहती हैं _" देखिए चाचा जी , , मुझे यह लड़की शुरू से ही अजीब लग रही हैं , , आप इसकी बात को सही नही मान सकते हैं , , ऐसा भी तो हो सक हैं यह लड़की पेंडेंट निकालना भूल ही गई हो ।"
रीमा भी गुंजन बुआ की हा में हा मिलाते हुए कहती हैं _" सही के रही हैं मैडम , , , यह तो वैसे भी एक छोटी सी कंपनी में जॉब करती हैं तो इसके पास मेडिकल की डिग्री कहा से आई , , जरूर इसने उसमे भी फ्रॉड किया हुआ होगा ।"
सिंध्या अपने बारे में इतने झूठे इल्जाम सुन , , गुस्से में कहती हैं _" बस बहुत हुआ , , ईधांश को मेरी जरूरत थी इसी लिए में यहां डॉक्टर कुटकुटिया के कहने पर चली आई , , ,पर , ,अब और नही में यहां से जा रही हु ।" यह बोल सिंध्या अपना बैग उठा वहा से बाहर निकल जाति हैं।
सिंध्या मैन डोर ही तरफ जा ही रही थी तभी वहा दौड़ते हुए ईधांश और अश्विका आ जाते हैं जिन्हे एक सर्वेंट बहुत पहले ही बाहर ले आए थे उन्हे अंदर क्या हु कुछ पता नही था ।
अश्विका सिंध्या के पेरो से लिपटे हुए कहती हैं _" मम्मा आप , , आशी को छोल कल कहा जा लहे हो , , ,आशी भी मम्मा के साथ जायेगी , ,।"
अश्विका की बात सुन सिंध्या वही घुटनो के बल बैठते हुए कहती हैं _" मम्मा , , अपने घर जा रही हैं क्युकी मम्मा की तबियत ठीक नहीं हैं ।"
ईधांश परेशान हो सिंध्या से कहता हैं _" मम्मा , ,क्या हुआ आपतो , , अभी तो आप ठीक थे न , , , "
ईधांश और अश्विका को परेशान देख सिंध्या दोनो के गाल सहलाते हु कहती हैं _" ज्यादा कुछ नही बस मम्मा की टमी में पेन हो रहा हैं मम्मा रेस्ट करेगी और ठीक हो जाएगी , , , , अब मम्मा जा रही हैं डैडी के साथ ही रहना , , ,,बाय , , "
ये बोल सिंध्या वहा से चली जाति हैं।
अश्विका और ईधांश का मुंह लटक जाता हैं , , दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़े मेंशन के अंदर आ जाते हैं।
अश्विन जो की सोफा पर बैठा अपना फोन उसे कर रहा था , जब उसकी नजर अपने बच्चो के लटके चेहरे पर जाती है। तो वो थोड़ा चिंता भरी आवाज में कहता हैं _" क्या हुआ , , मेरे बेबीज़ के फेस ऐसे क्यों हो रहे हैं।"
अश्विका अश्विन के बात सुन उससे लिपट जाती हैं और रोते हुए कहती हैं _" मम्मा चली गई , , , "
ईधांश अश्विका को रोता देख खुद भी रोने लगता हैं , , अश्विन जल्दी से दोनो बच्चो को अपने गोद में बिठा गले लगा लेता हैं।
दोनो बच्चो को रोता देख रीमा का मुंह बन गया , , वही गुंजन बुआ दादी से कहती हैं _" वो लड़की कुछ जादू करके गए हैं क्या , , , जो बच्चे इस तरह उसके नाम ले ले कर रो रहे हैं।"
दादी अपना सिर ना में हिलाते हुए कहती हैं _" उस बच्ची ने कोई जादू नही किए हैं , , बल्कि यह दोनो ही हैं , , जिन्होंने उसे देखते से ही मम्मा के दिया था , , और उसी बच्ची ने हमारे इधु को खून दिया था ।"
दादी की बात सुन गुंजन बुआ हैरान होते हुए कहती हैं _" आप सच कह रही हैं चाची , , पर कुछ भी कहो वो लड़की , , ,हैं बहुत सुंदर , , कोई भी उसे देखे तो अपना दिल हार बैठे।"
गुंजन बुआ की बात सुन पास में बैठे अश्विन के दिल में हल्की सी जलन जरूर आई थी। अश्विका और ईधांश दोनो ही रोते रोते सो गए थे। अश्विन दोनो को ले उनके रूम में चला गया।
रात 8 बजे
मेंशन में डॉक्टरों की लाइन लगी हुई थी , , सभी डॉक्टर घबराए से अश्विन को देख रहे थे जो जान लेवा नजरो से उसे ही घूर रहा था।
अश्विन सभी डॉक्टरों पर चिल्लाते हुए कहता हैं _" अभी तक मेरे बेटे का फिर कम क्यों नही हुआ , , होश क्यों नहीं आया उसे , , जवाब दो , , "
डॉक्टर अश्विन की आवाज सुन अंदर तक कांप गए , , वो डॉक्टर कोई आम डॉक्टर नही थे मुंबई के सबसे बड़े डॉक्टर्स थे , , पर इस वक्त वो अश्विन से बेहद डरे हुए थे।
उन्ही में से एक डॉक्टर हिम्मत करते हुए कहता हैं _" मिस्टर ओब्रॉय , , आपका बेटा अभी अच्छे से रिकवर नही हुआ , , और उसे किसी चीज से शोक लगा हैं ,, वो बार बार मम्मा मम्मा , , के रहा हैं , , , अगर उसे ठीक करना हैं तो उसकी मम्मा को लाना पड़ेगा , , उस पर दवाई का कोई असर नही हो रहा हैं।
अश्विन डॉक्टर की बात सुन खुद से कहता हैं _" सिंध्या , , , , , "
To be continue
Kesa lga part aaj ka btana mt bhulna , , acche acche review dete rahi mujhe , , , 😁