अब तक
दादी सिंध्या से कुछ सवाल।करती हैं जिसका जवाब सिंध्या बहुत ही अच्छे से देती हैं । दादी सिंध्या से इंप्रेस हो गई थी।
दादी को इंप्रेस होता देख वो लड़की जो लड़ रही थी कहती हैं _" मैडम ओब्रॉय आप ऐसे हम रिजेक्ट कर इसे केसे रख सकती हैं , , यह तो अपनी कोई क्वालिफिकेशन तक ले कर नहीं आई , , और जो सवाल आपने इससे पूछे वो बहुत ही आसान थे ।"
उस लड़की की बात सुन दादी सोचते हुए कहती हैं _" तुम सही कह रही हो रीमा , , "
रीमा दादी को।अपनी बातो में आता देख सिंध्या को।देख तिरछा मुस्कुरा देती हैं पर सिंध्या को कोई फर्क नही पड़ता हैं।
कोई कुछ आगे कहता तभी अश्विका वहा अपनी डॉल के साथ दौड़ते हुए आ जाती हैं , ,और सिंध्या को देख उसे मम्मा ,, ,, ,, मम्मा , , ,मम्मा , , , कहते हुए आ रही थी।
सिंध्या कन्फ्यूजन में उसे देख रही थी की अचानक से अश्विका का पैर कारपेट में उलझ जाता हैं , , अश्विका गिरती उस पहले ही सिंध्या उसे पकड़ लेती हैं।
अश्विका सिंध्या को देख बोलती हैं "मम्मा, , , "
अब आगे
अश्विका के मम्मा कहने पर पूरे हॉल में शांति सी छा जाती हैं। सब हैरानी से सिंध्या और अश्विका को देखे जा रहे थे।
तभी वहा अश्विन की आवाज आती हैं _"क्या हो रहा हैं यहां" यह बोलते हुए वो सिंध्या को देखत हैं तो पहचान जाता हैं , की जी वो हॉस्पिटल वाली लड़की हैं जिसने उसकी फर्स्ट किस चुराई हैं ।
अश्विन सिंध्या को देख उससे बोलता हैं _" तुम कोन हो , , ,और यहां तुम की इंटरव्यू देने आई हो?"
सिंध्या अपना सिर ना में हिलाते हुए कहती हैं _" बिलकुल नहीं हैं , , मुझे यहां डॉक्टर कुटकुटिया ने भेजा हैं , , उस बच्चे के लिए लिए जिसे मेने ब्लड दिया था , , , पर फिर मेने इंटरव्यू दिया और पास हुई ,,,,पर यहां किसी को मेरा सेलेक्ट होना पसंद नही आ रहा हैं " यह कहते हु उसकी नजर रीमा पर थी।
सिंध्या की बात सुन दादी एक्साइटेड हुए कहती हैं _" वो तुम थी , , जिसने मेरे परपोते को खून दिया था , और अब यहां उसकी देखभाल के लिए भी आई हो ।"
सिंध्या अपना सिर हा में हिला देती हैं।तो दादी बोलती हैं _" तुम्ही मेरे इधु का ख्याल रखना अब से , , "
दादी की बात सुन रीमा घबराते हुए कहती हैं _" मैडम आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती हैं मेने इसके लिए बहुत मेहनत की हैं मुझे इस नोकरी की सख्त जरूरत हैं , , मेरे पापा के ऑपरेशन के लिए मुझे पैसों की बहुत जरूरत हैं " यह कहते हुए वो रोने लगती हैं।
रीमा को रोता देख और उसकी बाते सुन दादी को रीमा पर दया आ जाति हैं वो उसे भी नोकरी पर रख देती हैं ।
रीमा खुश हो जाती हैं और दादी को थैंक्यू बोल वह खड़े बटलर से कहती हैं _"मुझे ईधांश बेबी का कमरा दिखा दो।"
बटलर कुछ जवाब देता उससे पहले ही अश्विन बोल पड़ता हैं _" तुम दोनो साथ में काम नहीं करोगे , , शिफ्ट में करोगे , , पहले मिस सिंध्या की शिफ्ट होगी उसके दो घंटे बाद आपकी , , जिसका काम अच्छा होगा वो ही मेरे बच्चे का ख्याल रखेगा ।"
अश्विन की बात सुन सिंध्या और रीमा दोनो अपना सिर हा में हिला देती हैं। और बाकी आए लोग वहा से चले जाते हैं।
अश्विन अश्वीक को पकड़ अपने साथ ले जाता हैं पर अश्विका अभी भी सिंध्या को देखे जा रही थी।जिसे अश्विन बड़े अच्छे से महसूस कर पा रहा था।
दादी दोनो से कहती हैं कुछ समय के लिए आप दोनो यही रहेगी तो आप अपना सामान ले आए हम आप दोनो का कमरा रेडी करवा देंगे ।
सिंध्या दादी को मना करते हुए कहती हैं _" दादी जी क्या मेरा यह रुकना जरूरी हैं , , मेरा मतलब हैं मेरे पापा परमिशन नही देंगे ।"
सिंध्या की बात पर दादी कुछ सोचने लगती हैं और कहती हैं _" तो ठीक हैं तुम दिन में ईधांश का ध्यान रखना और रीमा रात में रख लेगी ।"
सिंध्या हा में सिर हिला देती हैं वही रीमा खुश हो जाती हैं उसे इतने बड़े घर रुकने का मौका मिलेगा , ,, या फिर अश्विन को अपने जाल में फसा कर हमेशा हमेशा के लिए इस घर पर राज करेगी।
रीमा वहा से अपना सामान लेने घर चली जाति हैं अपने , , वही सिंध्या बटलर के साथ ईधांश के रूम में चली जाति हैं।
ईधांश का रूम
ईधांश और अश्विका दोनो एक ही रूम में रहते थे रूम की थीम दो हिस्सो मे डिवाइड थे एक साइड पिंक और व्हाइट के कॉम्बिनेशन में डेसर्ट्स की डेकोरेशन थी क्योंकि अश्विका को डेजर्ट खाना बहुत पसंद हैं।
वही ईधांश के साइड में ब्लैक और व्हाइट मिक्स कॉम्बिनेशन बना हुआ था जगह जगह कार्स रोबोट्स की डेकोरेशन हो रखी थी।
ईधांश बेड पर बैठ अपनी पिक्चर बुक को देख रहा था , , सिंध्या अकेली अंदर आती हैं बटलर आवाज से चला गया था।
सिंध्या ईधांश के पास आ आवाज देती हैं , , _" हेलो ईधांश , , ,"
अपना नाम सुन ईधांश पिक्चर बुक से नजर उठा ऊपर देखता हैं तो एक पल सिंध्या को देखता रह जाता हैं , , अचानक ही ईधांश के मुंह से अश्विका के जेसे मम्मा निकल जाता हैं।
ईधांश के मुंह से भी अपने लिए मम्मा सुन सिंध्या कन्फ्यूज हो जाती हैं वो अपने मन में खुद से ही कहती हैं _" यह दोनो बच्चे मुझे मम्मा क्यों कह रहे हैं , , ,कही ऐसा तो नहीं इनकी मम्मा नही हैं इसलिए इन्हे में इनकी मम्मा जेसी लगती हु ,कोई बात नही बोलने देती हु ।" यह सोच वो ईधांश को देख मुस्कुरा देती हैं।
वही ईधांश सिंध्या मम्मा पता नही क्यों बोल रहा था पर उसे अच्छा लग रहा था।
सिंध्या ईधांश के साथ उसके बगल में बैठ बोलती हैं _" में तुम्हारी केयर करूंगी ठीक हैं ना , , , "
ईधांश अपना सिर हा में हिला बोलता हैं _" अछा , ,आप मेली केयल कलोगी "
सिंध्या अपना सिर हा में हिला देती हैं और ईधांश से बैठ करते हुए उसकी ड्रेसिंग करने लगती हैं।
To be continue
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