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Chapter 3 - wildness

 

इंदौर

 

लगभग 9 10 गाड़ियां इंदौर की सड़कों पर रफ्तार से चल रही थीl  उन गाड़ियों को देखकर आसपास खड़े जितने भी लोग थेl वह बस उन गाड़ियों को ही देते जा रहे थेl पर उन सब की आंखों में हैरानी या आश्चर्य के भाव जरा से भी दिखाई नहीं दे रहे थेl पर उन सब की आंखों में डर जरूर दिखाई दे रहा थाl उन सबको देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रह थाl जैसे उन सब ने इतनी सारी गाड़ियों को एक साथ चलते हुए पहली बार देखा हैl

 

जिस सड़क  पर वह सारी गाड़ियां चल रही थी उसे सड़क पर उन गाड़ियों के अलावा कोई और गाड़ी नहीं चल रही थीl ऐसा लग रह थाl मानों जैसे यह गाड़ियां किसी खास को बिलॉन्ग करती हैंl  वहीं उन गाड़ियों में जहां  सारी की सारी गाड़ियां काले रंग की थीl वही  उन सब गाड़ियों के बीच तीन गाड़ियां सफेद रंग की थीl  उन तीन गाड़ियों में से एक गाड़ी में बिल्कुल खामोशी छाई हुई थीl बस गाड़ी में एक लड़की अपना सर कर की सीट से लगाए  हुए थेl 

 

वह लड़की खिड़की से बाहर का नजारा देख रही थीl  पर उसे लड़की की आंखों में जरा सी भी चमक नजर नहीं आ रही थीl उसकी आंखें मरे हुए इंसान की आंखों के बराबर ही लग रही थीl जो बिना  पलके हिलाई  हुए बस बाहर का नजारा देख रही थीl अरे देखते ही देखते  लड़की अपनी आंखें बंद कर देती हैl और जो अभी तक उसे लड़की के हाथों की मुठिया बनी हुई थीl वह धीरे-धीरे करके खुलने लग जाती हैl ऐसा लग रह थाl मनु वह लड़कि  नींद के आगोश में चली गई होl या फिर वह बेहोश हो गई हैl

 

 मुंबई 

इस वक्त सुबह के 5:00 रहे थे वही एक शख्स होटल पैराडाइस के 25th फ्लोर के एक रूम में बड़ी सी ग्लास वॉल के सामने सोफा चेयर पर बैठा हुआ था और खिड़की से बाहर देख रहा था उसे शख्स के एक हाथ में रेड वाइन का ग्लास था और दूसरे हाथ में सिगरेट वही उसे शख्स के बाल उसके माथे पर आ रहे थे और उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे उसे शख्स को देखकर ही पता चल रहा था कि वह रात भर से सोया हुआ नहीं है और क्या पता हो रात पहले से ही बस वही  सोफे पर बैठा हुआ होl वह शख्स बिना पलके  जब  हुए बस बाहर शून्य में  देख रहा थाl

 

" प्रेसिडेंट अभी-अभी मिस्टर अग्निहोत्री का कॉल आया थाl और वह पूछ रहे थेl कि आप कब तक वापस आ रहे हैंl "  वही वह शख्स जो अभी तक शून्य  में देख रहा था जैसे ही उसके कानों में पीछे खड़े इंसान की आवाज  पड़ती हैl वह अपनी आंखें बंद करके चेयर से टिका देता हैl  उसे  सक्स के पीछे खड़ा इंसान उसका पर्सनल असिस्टेंट leol  या यूं   कहे कि उसकी मिस्ट्री का एक छोटा सा हिस्सा हैl leo यह कहकर चुपचाप सामने सोफे से सर को लगाए हुए शख्स को देखा हैl 

 

लगभग 10 मिनट के बाद हो l वह शख्स जो अभी तक सूफी पर बैठा हुआ थाl वह बिना कुछ कहे खड़ा हो जाता  हैl और रूम से बाहर निकल जाता हैl उसे शख्स के बाहर निकलते ही उसके पीछे खड़ाleo वह भी उसके पीछे-पीछे चल देता है l दोनों लिफ्ट के पास आ जाते हैंl लियो फर्स्ट फ्लोर का बटन प्रेस कर देता हैl लिफ्ट के  रुकते हीl वह शख्स बाहर निकलता हैl और उसके पीछे-पीछेleo भी उसके साथ बाहर निकल जाता है l

 

वहीं जहां वह शख्स बिना किसी पर ध्यान दिए आगे चल रहा थाl उसके पीछे चल रहाleo अपनी नजर चारों तरफ घूम कर कर चल रहा थाl  लिफ्ट  से बाहर निकलते ही उसे शख्स को चारों तरफ से लगभग 12 से 15 बॉडीगार्ड  घेर  लेते हैंl वह  शख्स जैसे ही  अपनी कर के पास पहुंचता हैl तोleo सामने आकर उसकी गाड़ी का दरवाजा खोल देता   हैl वह  सक्स गाड़ी में बैठ जाता हैl उसे शख्स के  बैठते हीleo भी ड्राइवर के साथ आकर बैठ जाता हैl 

 

10 की 10 गाड़ियां रफ्तार से सड़कों पर दौड़ने शुरू हो जाते हैंl अभी कुछ समय ही हुआ थाl कि उसे शख्स का फोन बजने लग जाता हैl पहले तो वह शख्स अपने फोन पर ध्यान नहीं देताl पर जब फोन  बजाना बंद नहीं होता तोl वह  सक्स फोन  नंबर देखें बिना  फोन कान पर  लगा देता  हैl फोन उठाते ही उसे तरह से किसी के हंसने की आवाज आती है l __ " आखिरकार... आखिरकार मिस्टर अबीर अग्निहोत्री लौट कर वापस इंडिया  ए ही गयाl  बहुत जल्द तुम्हारे आने की खुशी में मैं कुछ बड़ा करूंगाl आई होप कि तुम्हें वह पसंद आएl यह कहकर वह इंसान फिर से हंसने लगता हैl  उसे शख्स की बात सुनकर वह इंसान जो कोई और नहीं Abhir Agnihotri थाl उसके फेस पर एक  डेविल लोक आ जाता है I __ " i hope so  " और इतना कहकर वह फोन काट कर देता हैl

 

So, तो कैसा लगा आपको हमारा हीरो

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