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Chapter 4 - पैसों के बदले के कुछ देना होगा

तभी वेदांत अपने कोल्ड वाइस में कहता है ," ये सारी इनफॉरमेशन सही है ना " । ये सुन उसका असिस्टेंट जो उसके सामने खड़ा था वो अपना सिर झुकाए कहता है ," yes sir , सारी इनफॉरमेशन सही है , आपके डैड इन लोगो से अक्सर मिला करते थे और साथ ही उनका खर्चा भी उठाते थे " ।

ये सुन वेदांत का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है और वो उस फाइल में से एक फोटो को अपने हाथ में ले कर उस तस्वीर को देख गुस्से से कहता है," मैं तुम्हारी लाइफ हेल बना दूंगा , तुम्हारी वजह से मेरी मॉम को इतनी तकलीफ उठानी पड़ रही है और तुम ही वजह हो मेरे और मेरे डैड की दूरी का , तुम्हे मै बर्बाद कर दूंगा " । 

वही दूसरी ओर, 

आरव कैफे ऑनर के बताए हुए जगह पर पहुंच चुका था और वहा खड़ा हो कर खुद से ही कहता है ," शाम होने वाली है मुझे जल्दी ही पैसो का इंतजाम करना होगा " । इतना बोल वो कंपनी के अंदर जाने लगता है । जैसे जैसे उसके कदम आगे बढ़ रहे थे वैसे वैसे उसकी धड़कने तेज हो रही होती है ।

आरव इससे पहले कभी इस तरह की इतनी बड़ी कंपनी में नही आया था जिस वजह से वो काफी नर्वस हो रहा होता है और उसका दिल घबराहट की वजह से बिना रुके धड़के जा रहा होता है । अपने आप को बड़ी मुस्किल से शांत कर आरव जैसे ही कंपनी के अंदर जाने को होता है वैसे ही वहा खड़े गार्ड्स उसे वही रोक देते है ।

ये देख आरव सवालिया नजरो से गार्ड्स के तरफ देखता है तो उनमें से एक गार्ड कहता है," तुम्हारा I'd कहा है ?"।  ये सुन आरव झिझकते हुए कहता है," वो, वो मेरे पास I'd नहीं है " । ये सुन दूसरा गार्ड कहता है," क्या कोई अपॉइमेंट है ?" । जिस पर आरव अपना सिर ना में हिलाता है ।

ये देख गार्ड कहता है," तुम अंदर नही जा सकते हो "।  ये सुन आरव परेशान हो जाता है और कहता है," प्लीज मुझे अंदर जाने दीजिए , मुझे आपके बॉस से मिलना है , मुझे उनकी मदद चाहिए " । ये सुन वो गार्ड कहता है ," तुम्हारे पास न तो I'd है और न ही कोई अपॉइमेंट , हम तुम्हे अंदर नही जाने दे सकते है " ।

ये सुन कर भी आरव वहा से जाने को तैयार नहीं होता है जिसे देख दूसरा गार्ड कहता है," देखो बच्चे हम प्यार से कह रहे है जाओ यहां से वरना हमे तुम्हे ढके मार कर निकालना होगा " । ये सुन आरव रिक्वेस्ट करते हुए कहता है," प्लीज आप मुझे अंदर जाने दीजिए , मेरा उनसे मिलना बहुत जरूरी है " ।

आरव के इतने रिक्वेस्ट करने पर भी गार्ड्स उसे अंदर जाने नही देते है लेकिन फिर भी आरव हार नही मानता है और इसी तरह रिक्वेस्ट करते रहता है की उसे अंदर जाने दिया जाए । उसके ऐसे करने से वहा खड़े गार्ड्स इरिटेट हो जाते है , तभी एक गार्ड कहता है," लगता है तुम ऐसे नही मानने वाले हो "।  इतना बोल वो उसके हाथ को पकड़ उसे वहा से निकालने लगता है ।

तभी पीछे से एक कड़क आवाज आती है ," ये क्या हो रहा है यहां पर ?" । ये आवाज सुनते ही सभी की नजरे पीछे मुढ़ती है और गार्ड उस सक्स को देख कर अपना सिर झट से झुका लेते है । तभी वो सक्स कहता है," कोन है ये ?" ।

ये सुन वो गार्ड जिसने आरव का हाथ पकड़ा हुआ होता है वो अपना सिर झुका कर कहता है," सर ये लड़का आपसे मिलने की जिद कर रहा है लेकिन इसके पास न तो I'd है और न ही कोई अपॉइमेंट "।  ये सुन वो सक्स कुछ कहता की उससे पहले ही आरव अपना हाथ छुड़ा उस सक्स के सामने अपने हाथो को जोड़ खड़ा हो जाता है ।

और कहता है," वेदांत सर मुझे आपकी मदद की जरुरत है प्लीज सर आप...." । वो इतना बोला ही था की सामने खड़ा सक्स जो और कोई नही बल्कि वेदांत अग्निहोत्री ही रहता है वो गुस्से से उसे घूरने लगता है जिससे आरव के शब्द उसके मुंह में ही रह जाते है । वेदांत गुस्से से कहता है ," तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बात काटने की और मैं तुम्हारी मदद क्यों करू" ।

ये सुन आरव कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोलता ही है की वेदांत गार्ड्स के तरफ देख कहता है," इसे मेरे सामने से ले जाओ , (अपना गोगलस पहनते हुए ) मेरे पास और भी जरूरी काम है लोगो की मदद करने के अलावा "।  इतना बोल वो वहा से अपनी कार के पास जा उसके अंदर बैठ कर वहा से चला जाता है ।

उसके जाते ही गार्ड्स आरव को वहा से धक्के मार कर निकाल देते है और वो जमीन पर गिर जाता है । तभी अचानक से बारिश शुरू हो जाती है और आस पास जितने भी लोग थे वो लोग बारिश से बचने के लिए इधर उधर भागने लगते है । लेकिन आरव उसी तरह जमीन पर गिरा हुआ था और उसके आंखो से आशु निकलने लगता है ।

आरव के दिमाग में इस वक्त सिर्फ यही बात चल रही थी की वो अब क्या करे , कैसे पैसों का इंतजाम करे , कैसे अपनी मां का इलाज कराए , ये सब सोच सोच कर वो परेशान हो रहा होता है और उसके आशु रुकने का नाम ही नही ले रहे थे । उसे ऐसा लग रहा था की सारे दरवाजे बंद हो चुके है ।

आरव इसी तरह रोए जा रहा होता है की तभी उसके कान में किसी के कदमों की आवाज आती है जो उसके तरफ ही बढ़ रहे है । तभी वो अपनी नजरे उठा कर देखता है तो उसे किसी सक्स के पैर नजर आते है जिसे देख वो अपना सिर उठा कर उस सक्स के चेहरे को देखने की कोशिश करने लगता है ।

जैसे ही वो उस सक्स का चेहरा देखता है उसकी आंखे हैरानी से खुली की खुली रह जाती है और उसके मुंह से निकलता है वेदांत सर आप ?" । आरव के सामने जो सक्स खड़ा था वो और कोई नही बल्कि वेदांत अग्निहोत्री है । वेदांत अपने हाथ में एक अंब्रेला ले कर खड़ा था जिससे वो आरव को भीगने से बचा रहा होता है ।

वेदांत को वहा देख आरव के दिल में एक नई उम्मीद की किरण नजर आती है और वो खुश हो जाता है , और उठने की कोशिश करने लगता है । लेकिन जैसे ही वो खड़ा होने को होता है वो गिरने लगता है क्यों की जब गार्ड्स ने उसे जमीन पर धक्का दे कर गिराया था उसे चोट लग गई थी ।

आरव गिरने के डर के कारण अपनी आंखे बंद कर लेता है लेकिन जब खुद को किसी के मदबूत बाहों में महसूस करता है तो धीरे धीरे अपनी आंखे खोलता है तो देखता है की उसे और किसी ने नहीं बल्कि वेदांत ने ही गिरने से बचाया है ।

आरव कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोलता ही है की वेदांत उसके कापते हुए होट पर अपनी इंडेक्स फिंगर को रख कहता है," shhh , कार में बात करते है "।  ये सुन आरव की आंखे बड़ी हो जाती है जिसे देख वेदांत अपने आईब्रो को लिफ्ट कर के कहता है ," क्या अब  तुम्हे मेरी मदद नही चाहिए , अगर चाहिए तो चुप चाप कार में बैठो  " ।

इतना बोल वेदांत कार के पास जाता है जिसे देख ड्राइवर कार का दरवाजा खोलता है तो वेदांत अंदर बैठ जाता है । आरव कार के अंदर बैठने में हिचकिचा रहा होता है लेकिन अपनी मां के बारे में याद आते ही कार के अंदर जा कर बैठ जाता है ।

आरव के बैठते ही ड्राइवर कार का दरवाजा बंद कर ड्राइविंग सीट पर जा कर बैठ जाता है और कार स्टार्ट कर देता है । तभी वेदांत सामने की तरफ देख कोल्ड वाइस में कहता है ," तुम मुझसे क्यों मिलना चाहते थे ?" । ये सुन आरव अपनी कपती हुई आवाज में कहता है ," मुझे कुछ पैसों की जरूरत है मेरी मां के ऑपरेशन के लिए और " । 

इसके आगे वो कुछ कहता उससे पहले ही वेदांत कोल्ड वाइस में कहता है," मुझे ये जानने में कोई इंटरेस्ट नहीं है की तुम पैसों का क्या करने वालो ने , मुझे इंटरेस्ट इस बात में है की क्या तुम मेरे पैसे मुझे लौटा पाओगे " । 

ये सुन आरव कहता है," आप इसकी चिंता बिल्कुल भी मत करिए , मैं बहुत मेहनत करूंगा और आपके सारे पैसे चुका दूंगा "।  ये सुन वेदांत उसी अंदाज में कहता है ," पैसे तो मैं तुम्हे दे दूंगा लेकिन उसके बदले तुम्हे मुझे कुछ देना होगा " ।

ये सुन आरव उदास हो कहता है," मेरे पास ऐसा कुछ भी नही है जिसे मैं आपको दे सकू लेकिन फिर भी आप बताइए आपको क्या चाहिए , अगर मेरे पास वो चीज होगी तो मैं वो आपको दे दूंगा "।  ये सुन कर वेदांत के चेहरे का एक्सप्रेशन चेंज हो जाता है और वो कुछ ऐसा कहता है जिसे सुन आरव की आंखे हैरानी से बड़ी हो जाती है ।

आखिर ऐसी क्या चीज मांग ली है वेदांत ने जिसे सुन कर आरव हैरान है ? क्या आरव वक्त रहते अपनी मां का ऑपरेशन करवा पाएगा ? आखिर क्यों कर रहा है वेदांत आरव को मदद ? ये सब जानने के लिए पढ़ते रहिए,"Sinful Desire" ।

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