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Chapter 7 - गुमराह करने वाली सहेली 5

लेकिन बस में दुबारा ब्रेक नहीं लगती है और सभी अपने अपने स्टॉप पर उतर जाते है ।

सर्वी वाणी से स्कूल में मिलती है और बताती है की जिस बस से अब वो आ रही है उसी बस में आरव उसे दिखता है तो वाणी सर्वी से कहती है अच्छा ! तभी मैं सोचूं आरव अब दिखता क्यू नही है ??

फिर वाणी कहती है चल आज मैं तेरे साथ ही बस से जाऊंगी okk।

सर्वी बोलती है ठीक है चल लियो।

छुट्टी के वक्त वाणी सर्वी के साथ घर जाने के लिए बस का wait कर रही होती है की वाणी और सर्वी की नज़र आरव की तरफ़ जाती है आज आरव वाणी और सर्वी के स्कूल के सामने ही खड़ा था और अपने दोस्तो से बात करते करते सर्वी और वाणी की तरफ़ ही देख रहा होता है ।

तो वाणी सर्वी से बोलती है चल चलते है आरव के पास तो सर्वी बोलती है मेरी बात सुन आज मत जा बार बार उसके सामने तू जाती है तो सोच आरव तेरे बारे में क्या सोचता होगा ??

की कैसी सी है ये लड़की ?बार बार बिना बुलाए भी आ जाती है ।तो वाणी सोचती है बात तो वैसे सर्वी सही ही बोल रही है । तो वाणी नही जाती है आरव के पास, थोड़ी ही देर में बस आ जाती है तो सभी बस के अंदर जाने लगते है तभी आरव और सर्वी एक साथ बस के अंदर जा रहे होते है की गलती से सर्वी वाणी समझ कर आरव का हाथ पकड़ लेती है और आरव को अपने साथ बस के अंदर ले जाती है और जब सर्वी पीछे मुड़ के देखती है तो तुरंत आरव का हाथ छोड़ देती है और सॉरी बोलने लग जाती है तो आरव कहता है it's okk yaar !

लेकिन सर्वी फिर भी सॉरी बोल रही होती है तो आरव सर्वी का हाथ पकड़ के उसके ही मुंह पर रख देता है और कहता है कोई बात नही यार हो जाती है गलती भीड़ ही इतनी है बस में !

सर्वी कुछ नही बोलती फिर उसके बाद आरव और सर्वी दोनो ही चुप चाप खड़े हो जाते है बस में ।

फिर कुछ देर बाद एक स्टॉप आया और तभी कुछ लड़के बस से उतरने लग जाते है की तभी एक लड़का गलती से सर्वी के कंधे पर हाथ रख देता है और तुरन्त ही आरव उसका हाथ सर्वी के कंधे से हटा देता है और वो लड़का सर्वी को सॉरी बोल कर चला जाता है ।

और ये सब वाणी पीछे ...बस में देख रही थी और ये सब देख कर उसेबिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था ।

तो वाणी सर्वी के पास आ जाती है आरव और सर्वी के बीच में खड़ी हो जाती है

आरव को वाणी का इस तरह बीच में आना अच्छा नहीं लगता । फिर भी आरव वाणी को कुछ नही कहता है

वाणी ,सर्वी से बोल रही होती है की आरव ने क्या कहा तूझसे ??

सर्वी बोलती है कुछ भी तो नही कहा आरव ने मुझसे !

वाणी फिर बोलती है इतने देर से तुम दोनो चुप चाप खड़े हो क्या ??

तो आरव जवाब देता है जी हां ।

आपकी दोस्त से मैने कोशिश की बात करने की लेकिन आपकी दोस्त बिल्कुल भी intrest ही नही दिखा रही है की उसे मुझसे बात करनी भी है !

तो सर्वी बोलती है नही नही आरव ऐसी कोई बात नही है

तो आरव कहता है फिर कैसी बात है बताओ मैने कितनी बार कोशिश की बात करने की लेकिन आप कुछ बोलती ही नही हो तो कैसे बात होगी बताओ ?

तो वाणी बोलती है कोई बात नही आप सर्वी की जगह मुझसे बात कर लो।

तो आरव कहता है ये क्या बात हुई ?

ऐसे थोड़ी होता है अब आप खुद ही सोचो अगर आपका मन जय से बात करने का हो और जय कहे आप मुझसे बात कर लो तो कैसा लगेगा ?

तभी सर्वी बोल पड़ती है की अरे रुको। बस भी करो ,बात सिर्फ बात करने की है ना तो वो मैं कर लूंगी आप दोनो मत टेंशन लो।

वाणी और आरव दोनो साथ में बोलते है ठीक है ।

तभी आरव का स्टॉप आ जाता है और बस से उतर जाता है

फिर वाणी और सर्वी भी अपने अपने घर चले जाते है

शाम को सर्वी अपना फोन चला रही होती है की उसे वक्त आरव का मैसेज आता है हेलो सर्वी !

तो सर्वी उसके मैसेज का जवाब देती है और फिर दोनो की काफी बाते होती है और बातों बातों में आरव सर्वी से पूछता है की सर्वी तुम्हे सच में मुझसे बात करने का बिल्कुल मन नहीं होता है कभी ??

सच बताना .....