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Chapter 2 - स्कूल का रास्ता।

                                    श्री:

प्रिंस स्कूल से थोड़ी ही दूरी पर था, तभी वह सब सोचने लगा जो कि अभी थोड़े समय पहले उसके साथ हुआ था, जैसे ही उसने निधि को अपनी बाहों में से धीरे से छोड़ दिया, उसके बाद निधि प्रिंस को थोड़ी देर तक हैरानी से देख रही थी जैसे प्रिंस ने अभी निधि के साथ क्या किया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद निधि ने अपना हाथ उठाया ओर प्रिंस के गाल पर जोर से दे मारा, जिससे कि निधि के उंगलियों के निशान प्रिंस के गाल पर आ गए। 

बह यह सब सोच ही रहा था कि तभी उसने एक आवाज़ सुनी जिससे वह अपनी ख्यालों कि दुनिया से बाहर निकल आया।

Sound: "टन. टन.टन.टन." स्कूल लगने की बेल कि आबज़।

स्कूल कि बेल कि आवाज़ से प्रिंस जैसे ही अपनी ख्यालों कि दुनिया से बाहर आया तो उसने स्कूल के मेन गेट कि ओर देखा, उसने देखा कि मेन गेट को एक लड़का बंद कर रहा है, प्रिंस ने मेन गेट को बंद करने वाले लड़के को आवाज़ लगाई।

प्रिंस: " hey रोको. रुको में भी आ गए." स्कूल के मेन गेट कि ओर जोर से भागते हुए।

प्रिंस को मेन गेट कि ओर आते हुए उस लड़के ने देख लिया पर वह प्रिंस के लिए नहीं रुका और गेट बंद कर लिया, जब प्रिंस गेट पर पहुंचा तो गेट बंद हो चुका था उसने गेट बंद करने वाले लड़के कि ओर बड़े गुस्से में देखा ओर बोला।

प्रिंस: " b*******d. तू मुझे बाहर मिल मे तुझे फिर बताऊंगा." गुस्से में लाल होते हुए।

प्रिंस ने उस लड़के कि ओर गुस्से में देखते हुए मन में बोला।

प्रिंस: "(that f*****r.I will kill him latter....)" गुस्से में।

प्रिंस अभी भी उस लड़के को ही घूरे जा रहा था मानो वो उसे अभी खा जाएगा, उस लड़के ने भी प्रिंस के देख रहा था वो दोनो एक दुसरे को आपस में घूर रहे थे कि तभी एक आवाज़ ने उस जगह पर बनी चुप्पी को तोड़ दिया।

???: " क्या हों रहा है यहां पर हरीश कुमार. " कोई उनके पीछे से बोला।

प्रिंस जिस लड़के को गुस्से में घूर रहा था उसका नाम हरिश कुमार था, हरिश कुमार जो कि प्रिंस को घूर रहा था जैसे ही उसने यह आवाज़ सुनी उसने पीछे मुड़कर देखा ओर बोला।

हरीश कुमार: " गुप्ता सर प्रिंस मेरे को धमकी दे रह है कि वो मुझे बाहर पीटेगा, क्योंकि प्रिंस लेट आया और मेने उसे अन्दर नहीं आने दिया." बेचारी सी सकल बनाते हुए।

प्रिंस जो कि थोड़ी देर पहले हरीश कुमार कि ओर देख रहा था जैसे ही उसने गुप्ता सर का नाम सुना उसने तुरन्त उनकि ओर देखा, गुप्ता सर ने जब यह सब सुना तो उन्हे प्रिंस के ऊपर बहुत गुस्सा आया और वह गुस्से में लाल होकर जोर से चिल्लाए।

गुप्ता सर: "प्रिंस..." गुस्से में।

गुप्ता सर ने गुस्से से भरी नजरो से प्रिंस कि ओर देखा ओर बोले।

गुप्ता सर: प्रिंस हर बार तुम ही क्यों  लेट आए हो क्या तुम एक दिन भी सुबह जल्दी नही आ सकते." गुस्से में।

गुप्ता सर जो कि प्रिंस को गुस्से में देख रहे थे वही पर पास में खडे हरिश कुमार को यह सब सुनकर मजा आ रहा था प्रिंस ने हरीश कुमार से नजरे हटाकर गुप्ता सर पर टिका ली, गुप्ता सर जो कि अभी भी प्रिंस को अभी भी बोल रहे थे।

गुप्ता सर: " प्रिंस तुम हमेशा स्कूल लेट आते हो , ओर तुम पढ़ाई में भी अच्छे नहीं हो तो तुम फ्यूचर में क्या करोगे." गुस्से बोलते हुए।

प्रिंस जो कि गुप्ता सर कि बातो को बिना सुने उनके भाषण को खत्म होने का इंतजार कर रहा था लेकिन थोड़ी ही देर बाद उसका सब्र टूट गया ओर वह बोल पड़ा।

प्रिंस: " गुप्ता सर मेरी सिर्फ इंग्लिश अच्छी नही है बाकी सभी सब्जेक्ट में पास हो जाऊंगा ओर रही मेरे फ्यूचर के कुछ बनने की बात तो में पापा बन जाऊंगा." चेहरे पर मुस्कान देते हुए।

जैसे ही गुप्ता सर ने यह सुना उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गए, वे प्रिंस को खा जाने वाली नजरो से देखते हुए जोर से चिल्लाए।

गुप्ता सर: " प्रिंस..... अभी जाओ ओर प्रार्थना में सामने मुर्गा बन जाओ" गुस्से में लाल पीले होते हुए।

यह सुनकर हरिश कुमार जो कि गुप्ता सर ओर प्रिंस दोनो को चुपचाप सुन रहा था, उसने गुप्ता सर के प्रिंस को पैनिशमेंट देते ही मेन गेट खोल दिया और प्रिंस को अन्दर आने दिया।