Chereads / Ominivars: Romence of the light. / Chapter 1 - एक नई कहानी।

Ominivars: Romence of the light.

🇮🇳55Prince55
  • --
    chs / week
  • --
    NOT RATINGS
  • 1.2k
    Views
Synopsis

Chapter 1 - एक नई कहानी।

                                     श्री:

अनंत ब्रह्नमांड में दूर कहीं अस्विनी आकाशगंगा में स्थित आर्य नाम के सौरमंडल में 5 स्थान पर स्थित प्लेनेट जिसका नाम आदित्य हैं। आदित्य ग्रह में अखंड नाम के देश में कहीं एक छोटे से गांव में, एक छोटा सा मकान सहरिया निवास में. समय सुबह के 8:30 am सहरिया निवास के अंदर किचिन एक 35 वर्ष कि सुंदर स्त्री गैस सिलेंडर पर आलू के पराठे पकाते हुए हॉल कि ओर देखकर जोर से बोली.

" गोविंद... गोविंद. जाकर अपने भाई को उठा दो। "

एक 18साल का लड़का गोविंद जो कि हॉल में टेबल पर बैठा लगभग अपना खाना खा चुका था उसने टेबल पर से पानी से भरा गिलास उठाकर पिया ओर वहा से सीढ़ियों कि ओर चल दिया। वह थोड़ी ही देर बाद सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर एक कमरे के सामने खड़ा हो गया, थोड़ी देर बाद गोविंद ने दरवाजा खोला और अन्दर आकर चारो ओर अपनी नजर घुमाकर देखा, उसने देखा कि कमरे में यहां –वहा समान बिखरा पड़ा है और computer में कोई गेम चल रहा हैं। यह सब देखकर गोविंद ने लंबी सांस लेते हुए अपने मन में कहा।

गोविंद: ["आज फिर यह पूरी रात computre पर video game खेल रहा था।"]

गोविंद ने बेड पर सो रहे लड़के को गुस्से भरी नजरो से देखते हुए कुछ क्षणों के लिए कुछ सोचा ओर फिर वह बेड के ऊपर चढ़कर बेड पर सो रहे लड़के के दूसरे साइड खड़ा हो गया।

गोविंद ने बेड पर खड़े रहकर अपने सीधे पैर को उठाया और जोर से बेड पर सो रहे लड़के के पिछवाड़े पर जोर से लात मारते हुए गुस्से में चिल्लाया।

गोविन्द: " wake up you sleepyhead....." जोर से दांत दबाते हुए गुस्से में।

जिससे बेड पर सो रहा लड़का धड़ाम से बेड से नीचे फ्लोर पर गिर गया और उसके गिरने से लगी चोट के दर्द के कारण वह फ्लोर पर पड़ा हुआ अपने पिछवाड़े को सहलाता हुआ जोर से चिल्लाया।

????: "आउच.. आउच...that hurt brother.."

उस लड़के को ऐसी हालत में देखकर गोविन्द के चेहरे पर एक सुकून कि मुस्कुराहट आ गई, उसने थोड़ी देर इस नजारे का आनंद लिया ओर फिर बोला।

गोविन्द: "जल्दी से नीचे आ जाना मां बुला रही हैं।" शैतानी स्माइल देते हुए।

गोविन्द यह कहकर वहां से चला गया, गोविन्द को वहा से जाते हुए उस लड़के ने फ्लोर पर पड़े हुए  गुस्से में देखा, लेकिन वह कुछ नहीं बोला थोड़ी देर बाद वह फ्लोर पर आराम से लेट गया और अपने मन में बोला।

????: "[ hi my name is प्रिंस. और अभी जिसने मुझे लात मारकर पलंग से नीचे गिराया वह मेरा बड़ा भाई हैं ओर बह हर रोज मुझे इसी तरह उठता हैं।]"

इतना बोलकर वह 16 साल का लड़का चुप हो गया ओर कुछ सोचने लगा, थोड़ी देर बाद वह फिर बोला।

प्रिंस " men I hete that f****r. बो मुझे इसी तरह परेशान करता है।" लंबी सांस में।

प्रिंस यह बोला ही था कि इतने में नीचे से गोविन्द की आबाज़ आई।

गोविन्द: "hey क्या तुम नीचे आ रहे हो या नहीं???" थोड़ी शरारती भरी आवाज में।

प्रिंस ने जैसे ही यह सुना वह फ्लोर पर से जल्दी से उठकर बाथरुम में चला गया और बिजली कि रफ्तार से अपना सारा काम जल्दी से 15 मिनिट में निपटा कर नीचे चला गया।

Scene shift: नीचे हॉल में.....

जैसे ही गोविन्द ने प्रिंस को सीढ़ियों से नीचे आते हुए देखा तो वह उसकी ओर देखते हुए बोला।

गोविन्द: " देखो तो हमे हमारे लाड साहब ने दर्शन दे ही दिए, मां में जा रहा हूं और सुन गधे आज लेट मत होना।"

गोविन्द यह कहकर वहां से जाने लगा, तभी अन्दर किचिन में से मां ने कहा।

मां: "ध्यान से बेटा, अपना ख्याल रखना." प्यार से।

प्रिंस ने गोविन्द जो कि जा रहा था उसे घूरकर देखा पर वह कुछ नहीं बोला, मां किचिन से आलू के पराठे लेकर प्रिंस के पास आई ओर उसे वह पराठे देकर बोली।

मां: " मे अभी तुम्हरा दूध का गिलास लेकर आई." प्यार से।

प्रिंस ने 15 मिनिट में अपने पराठे खा लिए इतने मे मां भी किचिन में से दूध का गिलास लेकर प्रिंस पास आकर उसे गिलास पकड़ते हुए बोली।

मां: "जल्दी करो 9:00 am हो गए है." सन्त स्वर में।

यह सुनते ही प्रिंस ने मां के हाथ से जल्दी से दूध का गिलास लेकर पिया ओर ऊपर अपने कमरे में स्कूल बैग लेने के लिए भागा।

थोड़ी ही देर में वह अपने कंधो पर अपना स्कूल बैग टांगकर नीचे मेन दरवाजे के ओर निकला, तभी पीछे से मां बोली। 

मां: "रास्ते में अपना ध्यान रखना." चिंता भरी आवाज में।

प्रिंस जल्दी से मेन गेट से बाहर निकल वह इतनी जल्दी मे था कि उसने गेट को भी बंद नहीं किया ओर सड़क पर स्कूल कि ओर भागने लगा, भागते–भागते वह एक चौराहे पे पहुंच गया उसने चौराहे को देखते हुए सोचा।

प्रिंस: "अगर में सीधे रास्ते से गया तो में लेट हो जाऊंगा, अगर में शॉर्ट कट लू तो शायद में टाइम पर स्कूल पहुंच जाऊं." सोचते हुए।

प्रिंस यह सोचकर भागते हुए सकरे रास्ते पर मुड़ गया। प्रिंस अपना पूरा जोर लगाकर भाग रहा था, कुछ दूर भागते हुए उसने महसूस किया किया की उसने अभी –अभी किसी नरम वस्तु पर पैर रखा है, उसने भागते हुए मुड़कर देखा तो उसका उसके मुंह से बाहर आ गया हो उसे ऐसा लगा। 

प्रिंस ने एक कुत्ते की पूंछ पर पैर रख दिया था, जिसके कारण प्रिंस ओर जोर से भागा, प्रिंस आगे – आगे और कुत्ता प्रिंस के पीछे भाग रहा था। जब प्रिंस ने दोबारा पीछे मुड़कर देखा तो वह हैरानी से चिल्लाया।

प्रिंस: " भूरा तूऊऊऊ..... " हैरानी ओर घबराहट में।

प्रिंस ने अपने आप को जैसे तेसे समाला ओर वह गलियों में भूरा के सामने यहां से वहां भागता हुआ घबराहट के साथ भूरा से बोला।

प्रिंस: " भाई... भाई भूरा मैने तेरी पूंछ पर जान बूझ कर पैर नही रखा में तो बस जल्दी में था इसलिए सॉर्टकट लिया, अगर मुझे पता होता की तू मुझे यहां मिलगा तो मे सर्टकट ही नही लेता." घबराते हुए।

भूरा जो की प्रिंस के पीछे भाग रहा था उसने प्रिंस कि ओर देखा और अपने मुंह को डरावना बनाकर प्रिंस कि ओर घुर्राया।

भूरा: " gruuuuu" गुस्से में।

प्रिंस ने जब भूरा कि घुर्राह्ट सुनकर पीछे मुड़कर देखा तो भूरा का डरावना मुंह देखकर उसकी ओर ज्यादा फट गई, ओर उसे समझ आ गया की यहां बिस्किट से भी बात नहीं बनने वाली, तभी उसने अपना दिमाग दौड़ाया और अपने चारों देखा, उसे याद आया कि थोड़ी ही दूर सामने वाली गली में उसके दोस्त का घर हैं, उसने तुरन्त अपने बैग की साइड की पॉकिट से पानी की बोतल निकाली और भूरा का ध्यान भटकाने के लिए भूरा के ऊपर फेंकी, बोतल को अपनी ओर आता देख भूरा घबरा गया इसी का प्रिंस ने फायदा उठा कर गली में मुड़ गया ओर अपने दोस्त के घर में जाने के लिए आगे बढ़ा।

जैसे ही प्रिंस घर की दीवार कूद कर अंदर घुसा उसने देखा कि कोई अंदर से से दरवाजा खोल कर बाहर आ रहा था, वह एक 16साल कि सुंदर लड़की थी जैसे ही उस लड़की ने प्रिंस को अपने समाने देखा वह चिल्लाने बाली थी लेकिन प्रिंस ने फुर्ती दिखाते हुए उस लड़की की कमर को अपने उलटे हाथ से पकड़ कर अपनी ओर खींचकर जोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपने सीधे हाथ से उसके मुंह को कवर कर लिया जिससे कि वह चिल्ला न पाए, प्रिंस के सीधे हाथ के नीचे उस लड़की के मुलायम गुलाब के समान होठ थे, वो लड़की प्रिंस के हाथ को अपने होठों पर महसूस कर सकती थी पर प्रिंस का सारा ध्यान तो सिर्फ भूरा पर था।

थोड़ी देर बाद जब प्रिंस को लगा की अब वह भूरा से सुरक्षित है तो उसने अपने बाहों में पकड़ी हुई उस को अपने चेहरे पर एक अजीब मुस्कान लाते हुए देखा ओर बोला।

प्रिंस:" विक्रम घर पर है क्या निधि." अजीब मुस्कान देते हुए।

निधि जो कि अभी भी प्रिंस कि बाहों में थी, वह प्रिंस को लगातार तीखी नजरो से देख रही थीं, जब प्रिंस ने निधि की तीखी नजरो को महसूस किया तो उसने पाया कि प्रिंस ने निधि को अपनी बाहों में भर रखा है, उसने अपने उल्टे हाथ से निधि कि कमर को ओर सीधे हाथ से निधि के होठों को छू रहे हैं।

प्रिंस ने मामले को समझते हुए निधि को धीरे से अपनी बाहों में से धीरे–धीरे छोड़ दिया, ओर निधि कि ओर देखते हुए अपने चेहरे पर अजीब सी मुस्कान लाने कि कोशिश कि, जब प्रिंस ने निधि को छोड़ दिया तो निधि ने प्रिंस कि ओर देखा और उसके चेहरे पर वो अजीब सी मुस्कान देखकर उसका पारा चढ़ गया, कुछ पल बाद अचानक जोर से आवाज आई।

SFX..... जोर की आवाज।