Chereads / मरहम तेरे प्यार का / Chapter 1 - Kali rat,peheli mulakat

मरहम तेरे प्यार का

Narmada_Nayak_5455
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Synopsis

Chapter 1 - Kali rat,peheli mulakat

रात के वक्त...

बारिश जैसे सब कुछ बहने के फितरत में था । एक अधेड़ उम्र के आदमी सड़क पर भागे जा रहा था , उसके हाथ में एक नव जात बच्चा बारिश के वजह से रोए जा रहा था । उस आदमी भागते हुए ही उस बच्चे को अपने सीने से लगाते हुए बोला " प्रिंसेस रो मत, देखो दादू है ना तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे " । वो बच्ची एक दम से चुप हो गया जैसे अपने दादू के बात के साथ साथ उनके दर्द को भी समझ रही हो ।

वहीं बहत देर तक भागते भागते उस आदमी के पैर सुन होने लगे थे वो एक जगह खडे हो कर इधर उधर नजर दौड़ाए तो उन्हें पास में एक मंदिर दिखाई दिया, वो जैसे तैसे करके उस मंदिर के पास गए । बारिश के वजह से मंदिर अभी पूरी तरह से खाली था । 

वो उस बच्ची को लिए मंदिर के अन्दर बढ़ गए । ये एक शिव मंदिर था, वो आदमी भगवान के मूर्ति के आगे खडे हो कर बोला " मेरा तो सब कुछ तूने छीन लिया , अब तूही रास्ता दिखा मुझे आगे क्या करना है " तभी मंदिर के अन्दर से पंडित जी आते हुए बोले " आरे इतने बारिश के वक्त कौन हो आप " फिर उनके हाथ में बच्चे को देख कर बोले " लगता है आपके साथ कुछ बुरा हुआ है " कह कर बच्ची के माथे पर हाथ रख कर अपने आंखे बंद कर लिए । 

फिर आंखे खोल कर बोले " चिंता मत करो, इसे कुछ नहीं होगा , जिसके रक्ष्या खुद महादेव करेंगे उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है " उनके बात पर वो आदमी पंडित जी को देखने लगा । पंडित जी फिर उन्हें पूछा " क्या तुम इसके नाम रखे हो " उनके बात पर वो आदमी अपना सर ना में हिला दिया तो पंडित जी मुस्कुराते हुए बोले " ठीक है आज से इस बच्ची का नाम रुद्रांशी होगा " कह कर वो वहां से चले गए । वो आदमी बस उन्हे जाते हुए देखते रह गए ।

बीस साल बाद ।

वहीं शिव मंदिर में आज बहत चहल पहल था, एक लडकी जिसके काले लंबे बाल उसके कमर से नीचे तक लहरा रहे थे, काली काली बड़ी बड़ी आंखे जो काजल में सने हुए थे , माथे के बीचों बीच एक काले बिंदी और होंठ सुर्ख गुलाबी जिसे एक बार कोई देख ले तो दीवाना बन जाए, वो लडकी अपने दुपट्टे को अपने कमर पर बांध कर अपने पायल को छम छम करते हुए मंदिर के सीढियों से नीचे उतर कर पास के तालाब के किनारे जा कर बैठ गई ।

वो तालाब के पानी को देखते हुए नाराजगी से बोली " महादेव में आपसे नाराज हुं , आपको बोल कर ही गया था मुझे क्लास में टॉप करना है आपने तो एक नंबर से मुझे हरा दिया, कोई बात नहीं अगली बार ऐसा किया तो एक हफ्ते तक आपको दूध नहीं दूंगी " कहते हुए पानी में पत्थर फेक ने लगी । कुछ देर तक बैठने पर जब मन भर गया वो उठ कर वापस मंदिर के अन्दर चली गई ।

वो सीढियों से ऊपर जा ही रही थी की उसके पैर मुड़ गए, गिरने के डर से उसके दोनो आंखे बंद हो गए । वहीं किसीने उसे पीछे से थाम लिया । कुछ देर तक उसके कोई हरकत ना करते देख वो लड़का उसे सीधा खड़ा करते हुए बोला " क्या आप खडे होने के कस्ट करेंगे " । उसके बात पर रुद्रांशि अपने आंखे खोली तो सामने एक लड़का व्हाइट शर्ट और ब्लैक फॉर्मल पेंट में खड़ा था जिसके सबला रंग में उसके भूरी आंखे उसे बेहद आकर्षक बना रहे थे जो अभी फिलहाल गुस्से में रुद्रांशी को ही घूर रहा था ।

जिससे रुद्रांशी उसे डर कर दो कदम पीछे हट गई फिर उसे माफी मांगते हुए बोली " आई एम सॉरी, मेरे पैर मुड़ गए और थैंक यू आपने मुझे बचा लिया " तभी उसे पीछे से किसके आवाज सुनाई दिया " प्रिंसेस कहां है आप ? " वो अपने सर पे हाथ मार कर बोली " मर गए " कहते हुए वहां से भाग गई । 

वहीं वो लड़का उसे जाते हुए देख कर बोला " कैसी अजीब लडकी है " फिर वो भी अंदर के तरफ़ बढ गया ।

वहीं मंदिर के अंदर एक पचास साल की औरत पंडित जी से बात कर रही थी , वो अपने बेटे के कुंडली पंडित जी को दिखाते हुए बोले " पंडित जी, देख कर बोले मेरे बेटे के शादी के लिए अभी सही समय है की नहीं " पंडित जी उनके हाथ से कुंडली ले कर देखने लगे जैसे जैसे वो देख रहे थे उनके माथे पर बल पड़ता जा रहा था । 

वो औरत पंडित जी को ऐसे गंभीर होते देख कर बोले " पंडित जी क्या हुआ ? कुछ गलत है क्या ? " उनके बात पर पंडित जी उन्हें चुप रहने को बोले । कुछ देर तक अच्छे से कुंडली को देखने के बाद पंडित जी बोले " बिटिया तुम्हारे बेटे के कुंडली में बहत सारे दोष है लिकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं तुम्हारे बेटे के जिंदगी में एक ऐसी जीवनसाथी का जोग है जिसके आने से उसके सारे दोष खंडन हो जायेंगे "  । 

" पंडित जी के बात पर वो औरत खुस होते हुए बोले " ये तो बहत अच्छी बात है पंडित जी लिकिन कौन है वो लडकी क्या आपके नजर में कोई अच्छी लडकी है तो बताएं " तभी पीछे से वो लड़का आते हुए बोला " मां क्या आपका हो गया ? " उस लड़के के आने पर वो औरत और पंडित जी चुप हो गए । 

वो औरत अपने जगह से उठते हुए बोली " शिव तू आ गया बाबा , चल मेरा हो गया चलते हैं " उनके बात पर शिव उन्हे सहारा देते हुए मंदिर से बाहर के तरफ ले गया  । 

वहीं शिव के जाने के बाद रुद्रांशी पंडित जी के पास आते हुए बोली " बाबा बच्चा लीजिए " उसे ऐसे अपने पास आता देख पंडित जी बोले " क्या हुआ बिटिया " । तभी सामने से आवाज आई " वो क्या बताएंगे में बताती हूं " कहते हुए एक बूढ़ा आदमी वहां आ गया ।

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