Chereads / Amarbail / Chapter 3 - उमर से मुलाकात

Chapter 3 - उमर से मुलाकात

वह उस के बारे में ही बात करती रही। "पता है तुम्हारी तस्वीर देखकर क्या कह रहा था कह रहा था कि अलीजा फूफी की कारवन कॉपी है।"

" मैंने कहा कि तुम्हें कैसे पता तुम कौन सा समीना को इतना देखते रहे हो। या उसे अच्छी तरह देख चुके हो।"

कहने लगा "किसी को एक बार देखना ही काफी है असल में 2 साल पहले वह भी ऑस्ट्रेलिया गया हुआ था दोस्तों के साथ घूमने के लिए वहां समीना के पास गया था। बहुत तारीफ कर रहा था उसकी मुझसे पूछ रहा पूछ रहा था। कि क्या तुम भी अपनी मां की तरह बातूनी हो मैंने कहा जब मिलोगे तो खुद ही देख लेना है या नही।"

"अभी कुछ ही देर में उठने वाला होगा मिल लेना उससे उसे भी पता है कि आज तुम आ रही हो। " उसे अभी भी नानू की बातों में कोई दिलचस्पी पैदा नहीं हुई थी। कोई भी जवाब दिए बगैर खामोशी से चाय पीती रही।

" मम्मी ने आपके लिए कुछ गिफ्ट भिजवाए हैं अभी निकाल दूं फिर कल।" उसने उनकी बातों के जवाब में कहा था।

" अभी सामान मत तो खोलो तुम थक गई होगी आराम करो कल मैं खुद तुम्हारे साथ समान खुलवाऊंगी फिर देख लूंगी।" नानू ने एक उसे कहा था चाय पीने के बाद नानू ने आराम करने के लिए कहा था और वह उठकर अपने कमरे में आ गई और कपड़े चेंज किए बगैर ही बिस्तर पर लेट कर सो गई।

उम्र जहांगीर उसके लिए कोई नया नाम नहीं था वह दो-तीन साल के बाद अक्सर छुट्टियों में अपने father और फैमिली के साथ पाकिस्तान आया करता था और वह वही ठहरा करता था और ऐसा पिछले कई सालों से हो रहा था। मगर इस बार वह तकरीबन 6 साल के बाद आया था। और पहली बार उस तरह अकेला आया था। अलीजा और उसके दरमियां रश्मि सिर्फ हेलो हाय थी।बचपन में भी वह इस तरह का बच्चा नहीं था जो आसानी से दूसरे बच्चों से घुल मिल जाए खुद अलीजा भी उसी तरह थी। इसलिए दोनों के दरमियान कभी भी इतनी बाते नहीं हुई थी। फिर कई बार ऐसा भी होता कि वह अपने फमेली के साथ छुट्टियां गुजरने पाकिस्तान आता और खुद एलिजा अपनी मम्मी के पास ऑस्ट्रेलिया छुट्टियां गुजरने चली जाती इसलिए उन्हें कभी भी एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त गुजरने का मौका ना मिला था।

और अभी उम्र जहांगीर की आमद से उसके लिए किसी खास खुशी की बात नहीं बनी थी।

उसे अंदाजा नहीं हुआ वह कितनी देर सोइ रही थी जब दोबारा उठी तो कमरे में अंधेरा फैला हुआ था ।उसने साइड टेबल पर रखी हुई रिस्ट वॉच हाथ में लेकर टाइम देखने की कोशिश की थी। वॉच 7:00 बजे रहा था। उसने उठकर कमरे की लाइट ऑन कर दी। वार्डरोब से कपड़े निकाल के वह वॉशरूम में चली गई थी जब वह लॉन्च में आई तो 7:15 हो रहे थे।

" So lady is here " ( तो मोहतरमा यहां है ) नाना ने उसे देखते ही कहा था वह मुस्कुराते हुए जाकर उनसे लिपट गई।

" मैंने दो-तीन बार कमरे में जाने की कोशिश की लेकिन तुम्हारी नानू ने मना कर दिया कि तुम डिस्टर्ब होगी।"

नाना ने उससे कहा था वह मुस्कुराते हुए उनके पास सोफे पर बैठ गई थी और इस वक्त उसकी नजर दूर कोने में रखे हुए सोफे पर बैठे शख्स पर पड़ी थी जो मुस्कुराते हुए बड़ी दिलचस्पी से उसे देख रहा था उसके देखने पर उसकी मुस्कुराहट गहरी हो गई थी। एक लंबे अरसे के बाद देखने के बाद भी उसे उमर को पहचानने में देर नहीं लगी थी।

5 साल पहले उसने जब उमर को देखा तो वह दुबला पतला था। मगर इस वक्त वह एक लंबा चौड़ा अच्छी पर्सनालिटी का मालिक था। वह उस से 8 साल बड़ा था। उसके समझ में ही नहीं आया कि वह उसे कैसे मुखातिब करें गला साफ करने की कोशिश करते हुए उसने कहा

"Hello how are you" ( आप कैसे है।)

उमर हल्के से उमर ने हल्के से सर को नीचे किया था।

"Oh i am fine" ( में ठीक हुं।)

"It's mean you have recognised me.""Am I right aleezha?"

उसने इस तरह उसकी बात का जवाब दिया था जैसे वह इसका गहरा दोस्त हो।

"Yes! Nanu told me about you."

" She was....!"

वह उमर से बात कर रही थी। जब नानू ने उसे आवाज दी थी।

"अलीजा शेला का फोन है बात कर लो" उसने चौक कर नानू को देखा था उनके हाथ में कॉर्डलेस था।

" Excuse me"

वह अपनी बात अधूरी छोड़कर नानू के हाथ से कॉर्डलेस लेकर डाइनिंग की तरफ चली गई थी शैला उसकी दोस्ती थी। वह जानती थी कि अब आधे घंटे से पहले वह फ्री नहीं हो पाएगी शेला को लंबी कॉल करने की आदत थी और आज तो वैसे भी एक माह के बाद उसे गुफ्तगू हो रही थी वह काफी देर तक फोन पर उससे बातें करती रही और जब फोन बंद करके वापस लॉन्च में आई तो उमर वहां नहीं था।

वह नानू और नाना के साथ बातें करती रही। और उन्हीं से उसे पता चला कि वह किसी दोस्त के साथ बाहर गया हुआ है। खाना खाने के बाद वह देर तक नाना के साथ बैठी रही थी फिर उठकर अपने कमरे में आ गई। उमर तब तक वापस नही आया था।

वो देर से उठी थी जब वह नाश्ते के लिए आई तब 10:30 बज रहे थे। खानसामा से पता चला नानू बाजार गई हुई है और नाना तो पहले ही उस वक्त क्लब में होते थे।

वो नाश्ता कर रही थी जब वहां उमर आ गया हेलो हाय के बाद में उसके सामने की चेयर खींच कर बैठ वो गया था।