तभी पंडित जी जो के वही टैरेस पर सजाए हुए मंडप पर बैठ हुए थे,,,जैसे ही उनके कानो में किसी के आने की आहट की आवाज पड़ती है जो के चारो तरफ के सन्नाटे को चीर रही थी वो समझ जाते है के उस डेविल की दुल्हन आ गई है,,,
पंडित जी अपनी कांपती आवाज के साथ आरंभ से बोलते हैं कि सर जब आप की दुल्हन आ गई है तो क्या शादी की विधि शुरू करें कि क्योंकि शुभ मुहूर्त निकलता जा रहा है। जैसे ही आरंभ ये सुनता है
तो वह अपने बॉडीगार्ड को एक नजर देखता है। वही उसका हेड बॉडीगार्ड उस का इशारा समझ कर रीवा के पीछे खड़ी लड़की पास जाकर रीवा से बोलता है कि मैम आप जाकर पंडित जी के पास मंडप पर बैठ जाइए।
उसके बाद वह वहां से जाकर पीछे खड़ा हो जाता है। वही रीवा तो एक पल के लिए तो घूर कर उस पंडित को देखती है। लेकिन फिर वह होश में आकर अपने कदम वही मंडप की तरफ बढ़ा देती। वही रीवा के बढ़ते हुए कदमों को देख कर आरंभ के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट आ जाती है
और वह भी अपनी सिगरेट को नीचे फेक कर अपने जूते से मसल देता है और फिर सोफे से खड़ा होकर अपने कदम मंडप की तरफ बढ़ा देता है। दोनों ही मंडप की दोनों साइड से आकर हवन कुंड के सामने आकर खड़े हो जाते है,,,,
यहां आरंभ शैतानी मुस्कराहट के साथ एक नज़र रीवा को देखता है उसके बाद वो रीवा का हाथ पकड़ लेता है जिस से रीवा डर कर अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है,, लेकिन आरंभ की पकड़ उसके हाथ पर उतनी ही मजबूत हो जाती है,,,और उस के कान में जाकर अपनी मदहोश कर देने वाली आवाज में बोलता है,, के बीवी यू आर सो हॉट,,,,,
,और फिर आरंभ उसे अपने साथ मंडप पर बिठा लेता है और पंडित जी से सादी की विधि सुरु करने को बोलता है,,,,पंडित जी के लिए ये सब बहुत डरावना था
लेकिन फिर वी वो अपने डर को छुपाते हुए अपना काम करने लग जाते है और कुछ बोल कर हवन कुंड में आग जलाते है और वीर मंत्र पड़ना सुरु कर देते है,,,
आरंभ शैतानी मुस्कराहट के साथ एक नज़र रीवा को देखता है उसके बाद वो रीवा का हाथ पकड़ लेता है जिस से रीवा डर कर अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है,, लेकिन आरंभ की पकड़ उसके हाथ पर उतनी ही मजबूत हो जाती है,
,और फिर आरंभ उसे अपने साथ मंडप पर बिठा लेता है और पंडित जी से सादी की विधि सुरु करने को बोलता है,,,,पंडित जी के लिए ये सब बहुत डरावना था
लेकिन फिर वी वो अपने डर को छुपाते हुए अपना काम करने लग जाते है और फिर वो हवन कुंड में आग जलाते है और मंत्र पड़ना सुरु कर देते है,,,
उसके बाद आरंभ और रीवा दोनों ही पंडित जी के कहे अनुसार सभी विधि पूरी करने लग जाते हैं यहां रीवा के चेहरे पर खामोशी और बेचैनी दिखाई दे रहा था। वही आरंभ के चेहरे पर एक अलग ही लेवल की चमक दिखाई दे रही थी
वह रीवा को देखता है। उसके बाद वह अपने मन में कुछ सोचने लगता है। इस समय उसके मन में क्या चल रहा था, उसका कोई भी पता नहीं लगा सकता था तभी पंडित जी अपनी लड़खड़ाती आवाज में उस से बोलते है
के जजमान फेरों के लिए खड़े हो जाइए आरंभ तोह अपनी जगह से खड़ा हो जाता है लेकिन रीवा अभी वी गुमसुम सी बैठी हुई थी,,, तभी उसके कानों में आरंभ की अट्रैक्टिव आवाज पड़ती हैं जिसके कारण रीवा अपने होश में आती है और मंडप से खड़ी हो जाती है
,,,रीवा के खड़े होते ही रीवा उसका चूड़ा पहनी हुई कलाई को पकड़ता है और उसके साथ फेरे लेने लगता है,, रीवा को ये सब करते हुए बहुत शर्म आ रही थी,,, शर्म के मारे उसका चेहरा वी लाल हो गया था,, क्योंकि सभी लोग उन्हे देख रहे थे,,,
,,, वही आरंभ रीवा को मुस्कराते हुए देख कर तिरछा मुस्कराता है,, और फिर उसकी गाल चूम कर अपने होठों से उसकी गाल को रब करते हुए बोलता है के स्वीटहार्ट घबराओ मत क्योंकि तुम्हे इस तरह देखने का हक सिर्फ और मेरा है,,
देखो चारो तरफ किसी में इतनी हिम्मत नही के कोई आरंभ ठाकुर की बीवी को अपनी गंदी नजरों से देखे सो रिलैक्स,,,, वही रीवा आरंभ की हरकत से चौंक जाती है,,, लेकिन फिर कुछ नही बोलती और आरंभ के साथ साथ फेरे लेने लगती है
लेकिन चौथे फेरे के समय उसके ब्लाउज की डोरी खुल जाती है जिस के कारण उसका खुलते खुलते खुलते खुलते रहता है क्यूंकि आरंभ ने उसे खुलते हुए देख लिया था,,,
और वही ये मेहसूस करके रीवा का तो चेहरा ही पीला पड़ गया था,,और उसका ब्लाउज खुलने ही वाला था ,, के तभी आरंभ अपना हाथ आगे बढ़ा कर बिना किसी की नजर में आए
उसके ब्लाउज की डोरी को बांध देता है,,,जिसे मेहसूस करके अनजाने में ही रीवा के बेचैनी से भरे चेहरे पर मुस्कान आ जाति है,, जिसके साथ वो बहुत ज्यादा प्यारी लग रही थी,,,
और आरंभ वी एक पल के लिए उसकी मासूम मुस्कान में को जाता है लेकिन तभी उसे कुछ याद आता है तो वो बिना किसी भाव के रीवा के चेहरे को देखता है,,
, और,,,फिर वो दोनो अपने फेरों की विधि पूरी करते है और सिंदूर की रस्म और मंगलसूत्र की रस्म पूरी करते है,,,, यहां रीवा को तो यकीन ही नी हो रहा था
के उसकी सादी इस तरह हुई है,,, वो अभी अपनी सोच में खोई हुई ही थी के तभी आरंभ एक दम से मंडप से खड़ा हो जाता है और अपनी खतरनाक आवाज में बोलता है के सरप्राइज़ बीवी,,,,
रीवा के कानों में जैसे ही आरंभ की आवाज पड़ती है तो वह उसकी तरफ देखने लगती है और जब वह उसकी तरफ देखती है तो उसे आरंभ के चेहरे पर खतरनाक एक्सप्रेशन और होठों पर ठंडी मुस्कान दिखाई देखती है
जिसे देख कर एक पल के लिए तो उसके हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं और वह आरंभ को अपनी घबराई हुई नजरों से देख रही थी कि तभी आरंभ अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके चेहरे पर कुछ पेपर्स फेक देता है और
अपनी दोनों बाहों को हवा में फैलाते हुए उसे बोलता है कि कॉन्ग्रेस बेबी आज मैं आरंभ ठाकुर पूरी दुनिया के सामने एलान करता हूं कि जिस लड़की से मेरी अभी अभी शादी हुई है मैं उसे डाइवोर्स दे रहा हूं और फिर वह रीवा से बोलता है
कि मैंने तुम्हें बोला था ना स्वीटहार्ट के तुम्हें ये रात बहुत ज्यादा महंगी पड़ने वाली है तुम अपना सब कुछ खो दोगी लेकिन खुद को मेरे जाल में फंसने से नहीं बचा पाओगी जैसे ही रीवा आरंभ की बातें सुनती है वो अंदर तक कांप जाती हैं
और उन पेपर्स को उठा कर देखती है,, तो वह हक्की बकी रह जाती है क्योंकि ये पेपर किसी और चीज के नहीं बल्कि डायवोर्स पेपर थे ।
रीवा की नजरे तो उन बड़े बड़े अक्षरों में लिखे हुए डायवोर्स पर ही टिकी हुई थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसकी पूरी दुनिया बसने से पहले ही उजड़ गई हो उसकी आंखों के सामने कुछ धुंधला धुंधला सा घूमने लगता है
और उसकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं वही रीवा को टूटा हुआ देख कर आरंभ के चेहरे पर खतरनाक मुस्कान थी उसने अपने दोनों हाथों को अपने पीछे मोड़ कर रखा हुआ था और घूर घूर कर एक टक रीवा को ही देखे जा रहा था ।
रीवा कांपते हुए उन कागजों को देख रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस इंसान के साथ वह सिर्फ एक रात बिताना चाहती थी उसी इंसान ने उसकी पूरी जिंदगी को तहस नहस कर दिया वह तो सिर्फ गलती से उसके करीब गई थी ।
हां माना कि उसे फ्लर्ट करना लोगों के साथ छेड़ छाड़ करना पसंद था लेकिन रीवा इतनी भी ज्यादा गिरी हुई नहीं थी कि वह खुद को ही किसी के सामने परोस दे,,,अगर उस रात उसे नमन ने ड्रग नहीं दिया होता तो शायद उसके साथ ऐसा कभी नहीं होता।
और वह कभी भी आरंभ को खुद के करीब आने नहीं देती। ड्रग के नशे के कारण ही वह आरंभ को पाने की चाह अपने दिल में जाग चुकी थी जिसे वह मिटा नहीं पाई थी।
लेकिन अगली ही सुबह जब आरंभ ने उसे शादी के लिए बोला था तो उसे लगता था कि सचमुच आरंभ उससे शादी करना चाहता है लेकिन एक अनजाना सा डर भी उसके मन में बैठ चुका था उसको मुझे बहुत ज्यादा जल्दबाजी लग रही थी ।
लेकिन उसने सोचा नहीं था कि आरंभ उसके साथ ऐसा करेगा वह उन डायवोर्स पेपर्स को फाड़ कर उस हवन कुंड में फेंक देती है और जो के जल्दी ही आग को पकड़ लेते हैं रीवा अपनी जगह से खड़ी होती है और गुस्से से आरंभ का कॉलर पकड़ कर अपने दांत बीच कर बोलता है ।
कि आरंभ ठाकुर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ चेक करने की आखिर तुम समझते क्या हो खुद को कौन हो तुम तो आरंभ जो के रीवा के खुद का कॉलर पकड़ने के कारण बहुत ज्यादा गुस्से में आ गया था ।
वह रीवा का हाथ अपने हाथ में पकड़ कर अपने कॉलर से हटाते हुए उसकी झटक देता है जिसे के कारण रीवा दो कदम पीछे लड़खड़ा जाती है और गिर जाती हैं रीवा हैरानी से आरंभ को देख रही थी जो के खतरनाक एक्सप्रेशन के साथ उस को देख रहा था और फिर वह उसे बोलना है ।
कि रीवा उफ्फ RK नाम है ना तुम्हारा,,, तुम्हें क्या लगा कि आराम ठाकुर का टेस्ट इतना ज्यादा घटिया होगा कि वह तुम जैसी घटिया लड़की को अपनी बीवी बनाएगा मैंने तुम्हें उसी रात वार्न किया था कि मेरे करीब मत आओ वरना जल जाओगी
और मैं तुम्हें बोला था कि स्वीटहार्ट ये रात तुम्हें बहुत महंगी पढ़ने वाली है देखो अब तुम भुगत रही हो अपनी उसे रात का नतीजा। तुम्हें क्या लगा कि मैं तुम्हें ऐसे ही छोड़ दूंगा नहीं नफरत
है रीवा मुझे तुम जैसी लड़कियों से जो सिर्फ और सिर्फ जिस्म की भूखी होती हैं