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Chapter 1 - Mahir Bajaj

गोवा,

सुबह के 4 बज रहे थे,

खंडार जैसी जगह जहा फायरिंग हो रही थी और चीखें गूंज रही थी करीब 20 मिनिट गुजरे होंगे वाहा एक सख्स की आवाज़ गूंजती है जो को बहुत कठोर थे किसी के भी रूह को कांपने पे मजबूर कर देर वो लाश के ढेर को देख कहता है,"इन कचरों को साफ करवाओ मुझे अपने प्लेस को क्लीन रखना पसंद है,

उस सख्स की बस आंखे ही दिख रही थी अधेरे की वजह से पर उसका "ओरा काफी था किसी को ये एहसास कराने के लिए की वो किंग है। नीली गहरी आंखे जिसमे अलग ही नशा दिख रहा था किसी को भी तबाह कर दे ऐसी नशा सब पे राज करना ये खुमारी झलक रही थी ये सब वो वो सख्स वाहा से चला जाता हैं। 

सुबह के 7 बजे थे,

खिड़की की से आती धूप बेड पे सोए लड़के पे पर रही थी और वो धूप से बचने के लिए खुद को चादर से कवर कर लेता है तभी उसके कानो में एक आवाज गूंजती है,"दर्श उठ जा तेरे स्कूल का टाईम हो रहा है , बेड पे सोया लड़का जिसकी उम्र केवल 17 साल है वो अपनी अलसाई आवाज में कहता है,"भाई कितने बजे है अभि।" 

दर्श जिसका भाई का नाम आर्यन था वो कहता है,"दर्श 7 बज रहें हैं , तुमने खुद ही बोला था उठाने और मुझे ऑफ़िस के लिए निकलना है। दर्श बेड से उठते हुए कहता है,"लो अब मैं उठ गया , अच्छा तो जाओ फ्रेश हो जाओ मैंने तेरे लिए नाश्ता फ्रिज में रख दीया है मुझे अभी निकलना है तो मैं जाता हूं।

तभी दर्श की बहुत प्यारी और सॉफ्ट वॉइस आर्यन के कानो में गूंजती है,"भाई जाता हु नही आता हु बोलते हैं कितनी बार आपको समझाया हु मम्मा माना करती थी ऐसे बोलने के लिए। "

"ओके मेरे होसियार दर्श आता हूं अब खुश और ध्यान से स्कूल जाना और अच्छे से पढाई करना " इतना बोल आर्यन वाहा से निकल जाता हैं।

तो ये है आर्यन अग्रवल उम्र 28 साल गोरी स्किन हाइट 6 फिट काली आंखे, एक स्ट्रिक्ट पर्सनेलिटी चहेरे पे हमेशा हमेशा कॉन्फिडेंट झलकता है पर अपने छोटे भाई दर्श के सामने एक सॉफ्ट पर्सन बन जाता हैं , दुनियां में एकलौता सहारा है जीने के इसका छोटा भाई दर्श अग्रवाल इनके पैरेंट्स का डेथ एक कार एक्सीडेंट ने हो चुकी है दोनो कसन हैं पर आर्यन दर्श अपने भाई से भी ज्यादा प्यार करता है कहने को दोनो एक दूसरे का सहारा है आर्यन दर्श का खयाल अपने बेटे जैसा करता है। 

और मिलिए दर्श अग्रवाल से दिखने में ये बहुत क्यूट है बिल्कुल छोटे बच्चों की तरह चेहरे पर इतना मासूमियत भरा है कि कोई भी अपना दिल हार जाए गहरी भूरी आंखे जिसमे भालेपन का सार बहता है, एक आज्ञाकारी भाई इनकी दुनिया में कहने वाला सिर्फ एक बड़ा भाई आर्यन अग्रवाल जो इन्हें अच्छे मुकाम देने के लिए दिन रात मेहनत करता है ऑर ये भी कुछ कम नही है अपने भाई के लिए अपनी जान भी दे दे, स्टडी करनी इनकी हॉबी है , टॉप कर अपने भाई का नाम रौशन करना है 

अब बढ़ते हैं कहानी में , 

आर्यन के जाते ही दर्श रेडी होकर नीचे आता है , किचन में जो वह फ्रिज से अपने लिए नाश्ता निकाल डाइनिंग टेबल पर बैठ खाने लगता है।

तभी उसका फोन रिंग होता है दश फोन उठाते हुए कहते हैं "हां मैं निकलने वाला हूं थोड़ी देर में तुम वहीं रुकना , दूसरी साइड से एक लड़की की प्यारी आवाज आती है,"हां हां मैं रुकी हुई हूं जल्दी आओ इतना बोल फोन कट हो जाता है।दर्श जल्दी-जल्दी अपना नाश्ता फिनिश कर अपने रूम में आ एक सिंपल सी व्हाइट टी शर्ट पहन अपने घर को लॉक करते हुए अपना प्यारा सा साइकिल ले वहां से निकल जाता है । 

 वह थोड़ी ही दूर साइकिल चला कर गया था की एक कार तेजी से वाहा से गुराज रही थी कार की स्पीड से ज्यादा थी वो दर्श की साइकिल को छूते हुए आगे बढ़ जाति है वही कार की झटके की वजह से दर्श और उसका साइकल नीचे गिर जाता हैं। दर्श अपने दर्द में कराते हुए अपनी प्यारी सी आवाज में कहता है,"आप लोगों को सड़क पर इतनी तेज कार चलाने के लिए कौन परमिशन देता है किसी को भी लग सकती है। "

इतना बोल वो अपने घाव को फुक मारते हुए उठने लगाता है दर्द की वजह से उसकी आँखें भर आई थी। फिर अपनें साइकल को संभाल वो भी वाहा से निकल जाता हैं, कुछ देर बाद हो एक बहुत बड़े लाइब्रेरी के पास खड़ा था , तभी लाइब्रेरी के अंदर से एक लड़की आती है और कहती है ,"दर्श यह ले मैं तेरे लिए बुक लेकर आ गई क्योंकि तू आने में लेट कर दिया और लाइब्रेरी का ससिफ्ट चेंज होने वाला था और तुझे पता एक बार सेफ्टी चेंज हो जाती तो हमें बुक कल ही मिलता दर्श अपने धीमी आवाज में थैंक्यू इति वो मैं ट्रैफिक में फस गया था। "

वह लड़की जिसका नाम इति है वह कहती है,"ओके ओके चल अब तू घर जा और स्कूल में मिलते हैं। "

फिर दर्श कहता है ,"हां ठीक है मैं चालता हूं तू भी टाइम पर आ जाना स्कूल इतना बोल दो नहीं वहां से निकल जाते हैं। "

वहीं दूसरी ओर, 

बड़ी से इमारत के सामने कुछ चार-पांच गाड़ियों का काफिला रुकता है , उन गाड़ियों से काले कपड़ों में कुछ गार्ड्स निकलते हैं गार्ड्स जल्दी से निकाल सबसे बीच वाली कार के पास आ रुक उसे कर का गेट खोलते हैं ।

गेट से एक शख्स निकलता है वह अपने बालों को संभालते हुए बाहर खड़े हो फिर अंदर बैठे आदमी के बाहर आने का इंतजार करता है ।

तभी दूसरा शख्स निकलता है ऑर बाकी के गार्ड्स के साथ जो पहले कार से निकला था सब अपनी गर्दन झुका लेते हैं और ग्रिड करते हुए कहते हैं गुड मॉर्निंग सर।

जिन्हें सब ग्रेट कर रहे थे यह और कोई नहीं "business World or Mafia world ka King Mr Maheer Bajaj है , दिखने में तो ये किसी मॉडल से भी बाढ़ कर है चहेरे पे चमक इतना की कोई भी मोहित हो जाएं गहरी नीली आंखे जिसमे डूब कोई भी बहार न आ पाएं। महज 28 की उम्र में ही पुरे बिजनेस वर्ल्ड और माफिया वर्ल्ड पर राज करता है । जिसके एक इशारे पर इस शहर में कुछ भी हो सकता है किसी की भी जान जा सकती है तो किसी को भी मौत के दरवाजे से खींच लिया जा सकता है । एक कोल्ड हार्टड पर्सन जिसके दिल तो है पर उसमे किसी के लिए कोई फीलिंग नही।

 इसके सामने बोलने की हिम्मत ना तो किसी में है और ना कोई जरूरत करता है क्योंकि सबको पता है माहिर से अगर कोई टकरा जाए गलती से भी तो उसका पता इस दुनिया से गायब हो जाता हैं। 

तभी आगे वाले गार्ड्स अलर्ट हो वाहा से बिल्डिंग के अंदर जानें लागते है उनके आगे बढ़ते देख पिछे वाले गार्ड भी अलर्ट हो उठते हैं तभी माहिर भी बिल्डिंग के बाहर एक नज़र देखता है जहा बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था "Bajaj 's industry ,

माहिर अपनी एक नजर देख वाहा से बिल्डिंग के अन्दर चला जाता हैं।