मेरा नाम रवि है और मैं राजस्थान कोटा में पीजीटी में पढ़ता हूँ, मुझे रात में पढ़ने का आदत है पर जबसे मैं कोटा के इस पीजीटी में आया हूँ मुझे डर लगता है रात को पढ़ने में, यहाँ मेरे रूम के पास एक कमरा है जो कि बंद है और उस रूम को हमेशा उस घर के मालिक बंद करके रखता है पर हमें क्या चिंता हमें तो कम प्राइस में मिल रहा था इसलिए हम यहाँ रहने लगे पर उस रात को कुछ ऐसी घटना मेरे साथ जो आप लोगों को यकीन नहीं होगा उस दिन मैं जब पढ़ रहा था मुझे मेरे पास के कमरे जो कि बंद था उसमें कुछ हलचल हुआ और रात को एक बजे रोने की आवाज़ शुरू हो गया मुझे लगा कौन रोह रहा है पर मैं उसे इग्नोर करके पढ़ने लगा, उसके अगले दिन मेरा एक दोस्त जो कि मेरे जैसा अकेले रहता था जो कि मेरे साथ आया था वो मुझे पूछा कि भाई तूने वो रात को आवाज़ सुनी रोने की मैं बोला हाँ, उसने बोला कौन रोह रहा है आज रात को पता लगाते हैं, उसके बाद हम क्लास करने चले गई उस दिन रात को हम दोनों उसके कमरे में रुके क्योंकि मेरे कमरे के पास बाले कमरे से रोने की आवाज़ सुनाई देता है, कौन रोह रहा है पता करने जब हम बाहर गए रूम के उस बंद कमरे का दरवाज़ा खुला था जब हम उसके अंदर गए तब हम दोनों को येशा लगा कि हम राजस्थान कोटा में नहीं हिमालय में हैं, उसके बाद धड़म से उस कमरे का दरवाज़ा बंद हो गया और हम पश गए उसके अंदर कमरे में चांद की रोशनी हल्की हल्की से आ रही थी और हमने देख एक लड़की उस कमरे की एक कोने में बेठी हुई है, और वो जोर जोर से रोनी लगी, हम दोनों का बारा बज गया था क्योंकि जो रूम हमेशा बंद था उसमें यह लड़की कौन हो सकती है, जब मेरा दोस्त उस लड़की को बुलाया आप कौन हो, तब मेने और मेरे दोस्त ने जो देखा वो हमारे पैरों के नीचे से जमीन खिसका दी वो लड़की जब अपना सिर उपर किया उसका मुँह जल गया था मानो किसी ने एसिड मारा है उस लड़की की मुँह पर और वो बोलती है कि मैं तुम लड़कों को छोड़ूंगी नहीं तुम सब ने मिलकर मेरेको मार दिया और वो रोनी लगी पर हमको उसके बात समझ में नहीं आया और अचानक वो एक झटके में हम दोनों के गला पकड़ के उठालिया 1 फीट की ऊँचाई पर हम दोनों को और हम उशी बक्ता बेहोश हो गए जब हमको होश आया हम दोनों हॉस्पिटल में थे और जब होश में आया तब उश घर का मालिक हमको बोलता है तुम बेटे ठीक हो और उश समय हम फीवर से सफर कर रहे थे उश समय हम कुछ नहीं बोल सके जब हम ठीक हो गए तब हम दोनों जाकर उश माकान के मालिक से पूछते हैं उश बंद कमरे का रहस्य क्या है उशने बोला तुम दोनों को छोड़कर और कोई उश फ्लोर नहीं रहता पर उश समय मुझे तुम्हें उश फ्लोर को देना पड़ा, तो मेरे बच्चे उश फ्लोर में 2 साल पहले एक लड़की रहने आई थी और यहाँ एक गुंडे का दिल उशमें आ गया था पर वो लड़की किसी और से प्यार करती थी जब वो लड़की उशे भाव नहीं दिया, एक रात को वो गुंडा उश लड़की के रूम में घुसकर उशके साथ साथ गलत हरकते करकर उशके चेहरे को एसिड से जला कर मार दिया, उश दिन से आज तक वो लड़की की आत्मा जस्टिस के तलाश में भटक रही है उश रूम में, इसलिए मैं तुम दोनों को बोला था कि रात के 10 बजे के बाहर नहीं निकलना, लगता है दोनों भूल गए उश बात को, यह बात सुनकर हम दोनों के हाथ पेरों को फूल गए और हम मालिक के रूम से चलकर अपने रूम में आ गए, साम के 6 बजे मुझे डर लगा मैं अपने दोस्त को बोला तू मेरे रूम में आजा और वह चला आया, मेरे दोस्त ने बोला मैं कल इस घर छोड़कर जा रहा हूँ और मैं नहीं जा सकता क्योंकि मेरे पास उतना पैसा नहीं था जितने मैं यह पीजीटी का रूम आजाया मेरे बजट में। तो अब मैं इस घर के इस फ्लोर में अकेला हूँ, तो वह काली रात को आज तक मैं नहीं भूल पाया आज भी मुझे उस लड़की की रोने की आवाज़ आती है इसलिए मैं पास के एक मंदिर से भगवान का रक्षा सूत्र लेकर मेरे हाथ में बाँधा हूँ और रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ता हूँ, आज तक मुझे याद नहीं कब मैं एक अच्छा नींद लिया था।