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Chapter 2 - Ep 2 मुस्कान ने अजय को अपना हस्बैंड समझा!

Hello everyone 👋 👋

 Kaise hai reader's..... ❤️🥰

Dear reader's novel ko read krne ke bad apna review Dena Mt bhuliyega....

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थोड़ी ही देर बाद , वह लड़का  उस लड़की के रूम के बाहर खड़ा था ,वह थोड़ी देर उस रूम के बाहर ही खड़ा रहा और फिर उसने  हिम्मत करके उस रूम का दरवाजा खोला ,और  अपने कदमों को बढ़ाते हुए, वह  रूम के अंदर चला गया।.....

वह अंदर गेया और उस लड़की को देखने लगा , वह लड़की सावली थी ,पर उसके नैन नक्श बहुत ही खूबसूरत थे, जो उसकी खूबसूरती को बढ़ा रहे थे और उसकी आंखो के नीचे काफी काले निशान नजर आ रहे थे ,चोट की वजह से काफी ज्यादा खून बहने की वजह से उसका पूरा बदन पीला पड़ गया था ,वह लड़की देखने में काफी कमजोर दिखाई पड़ रही थी ,उसके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी ,जिस से खून  साफ झलक रहा था ,वह लड़का उस लड़की के पास एक स्टूल पर जा कर बैठ गया।...

नेक्स्ट मॉर्निंग 

हॉस्पिटल में अभी तक  उस लड़की को होश नहीं आया था,  तभी  कुछ समय बाद उस लड़की की पलकें हल्की हल्की सी हिलने लगी,  इसका मतलब अब उसको होश आ रहा था, जब उस एक्सीडेंट वाली लड़की को होश आया   तो वह उठ कर बैठ गयी , और वह एक  दम से चिल्लाते हुए बोली " मै कौन हूं? ,मै कहा हूं ? मुझे कुछ  याद क्यों नहीं आ रहा है  ? मै.. मै.. मै कौन हूं  ?  ." ..

मिस्टर कपूर ने ज़ब 

 उसकी ऐसी हालत  देखि तो तब मिस्टर कपूर  जल्दी से  भाग कर डॉक्टर को बुलाने के लिए चले गए और  और जल्दी से डॉक्टर को बुला कर ले आए, थोड़ी ही देर मे डॉक्टर ने उस लड़की को नींद का इंजेक्शन लगा दिया था , वह इंजेक्शन इतना हैवी था, की वह लड़की तुरन्त ही नींद में चली गयी थी और सो गयी थी ।....

शाम के समय : 

हॉस्पिटल में जब उस लड़की की नींद खुली ,तो उसे उसके   एक हाथ पर कुछ भारी  भारी सा महसूस हुआ  ,उसने अपनी हल्की  सी हल्की खोल कर देखा, तो उसे उसकी आंखो के सामने हैंडसम सा मिस्टर कपूर का चेहरा नजर आया,मिस्टर कपूर ने उसके हाथ को अपने हाथ सेे पकड़ा हुआ था, मिस्टर कपूर के इतने हैंडसम सेेेेेेेे चेहरे को देख कर उस लड़की के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान खिल गई थी , फिर जैसे ही उसने याद करने की कोशिश की ये कौन हैै जो मेरा हाथ पकड़ कर इतने प्यार से बैठा हुआ है, पर ज़ब उस लड़की को एक कुछ  दुबारा से कुछ भी याद नहीं आ रहा ,  तो इस लिए फिर से वह चिल्लाने  लगी और  मिस्टर कपूर 

 से पूछने लगी "मैं मैं कौन हूं? मुझेेेेेे कुछ याद क्यों नहीं आ रहा है? ..." 

मिस्टर कपूर ने पहले ही उसके चेहरे की प्यारी सी खिली हुई मुस्कान देख ली थी, इस लिए वह प्यार से उसकी तरफ देखते हुए बोले" आपका नाम मुस्कान है" उसके चेहरे की प्यारी सी मुस्कान को याद करके , इस लिए उन्होंने उसका नाम मुस्कान ही बता दिया"....

मुस्कान ने जब मिस्टर कपूर के मुंह से अपना नाम मुस्कान सुना, तो वह उदास होते हुए बोली "पर मुझे कुछ याद क्यों नहीं आ रहा है ?...." 

मिस्टर कपूर ने जब मुस्कान की बात सुनी, तो तब उसकी तरफ को देखते हुए एक दम शांत भाव के साथ उससे बोले"आप का एक्सीडेंट हो गया था, इस लिए आप की  याददाश्त चली गई है"....

मुस्कान ने मिस्टर कपूर की तरफ  देखते हुए बड़ी ही मासूमियत  से सवाल पूछा " आप मेरे कौन हैं ? आप मेरे क्या लगते हैं ? क्या आप मेरे रिश्तेदार हैं ?.... "

क्योंकी मुस्कान ने जब मिस्टर कपूर को अपने पास बहुत ही प्यार से अपना हाथ पकड़ कर बैठे हुए देखा था, तो उसको ये ही लगा था, कि वह कोई उसका रिश्तेदार है या उसका मिस्टर कपूर से कोई रिश्ता है , इस लिए उसने मिस्टर कपूर से ये सवाल किया।....

उसके सवाल को सुन कर मिस्टर कपूर के चेहरे पर घबराहट और गंभीरता वाले भाव आ गए थे , मिस्टर कपूर को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वह उसको क्या बताएं? , क्योंकि वह इतनी मासूमियत के साथ मिस्टर कपूर से सवाल कर रही थी।....

तभी एक नर्स  रूम के अंदर आती हुई बोली" ही इज योर हसबैंड".....

 उसकी बातो को  सुन कर जहा मिस्टर कपूर थोड़े हैरान परेशान हो गए थे,वहीं मुस्कान के चेहरे पर खुशी के साथ साथ थोड़ी उदासी  वाले मिले जुले भाव आ गए थे ।... 

 मुस्कान ने खुशी और उदासी वाले मिले जुले भाव के साथ मिस्टर कपूर को अपने पास आने का इशारा किया ,उसका इशारा देख कर मिस्टर कपूर अपने स्टूल से उठ कर ,उसके बेड की तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए ,थोड़े घबराते हुए उसकी तरफ आ जाते है ।....

मुस्कान उनका हाथ पकड़ कर ,अपने बेड पर बैठने का इशारा करती है, तो मिस्टर कपूर बेड पर उससे थोड़ी दूरी बना कर ,उसके पैरो की साइड बैठ जाते है , मुस्कान उनको थोड़ा और पास बैठने का इशारा करती है ,तो वह थोड़ा और घबराते हुए अपने मन में सोचते हुए बोलते है "इस लड़की के दिमाग में क्या चल रहा है ,क्या ये क्या करने वाली है कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है " ....

वह ये सब सोचते हुए ही ,उसके बेड पर ही उसके थोड़े पास बैठ जाते है ,जैसे ही वह बेड पर बैठते है ,वैसे ही मुस्कान उनको एक दम से अपने गल से लगा लेती है ,और उनको गल से लगा कर रोने लगती है ,जब मिस्टर कपूर के कंधो पर उसके आंसू की बुदे गिरती है तो तब जा कर उनको जैसे होश आता है ,उनको समझ ही नहीं आ रहा था कि अभी एक दम से क्या हुआ ।...

मुस्कान उनसे गल लगे हुए और रोते हुए ही बोलती है" आप मेरे हसबैंड हैं ,पर मुझे हमारी शादी ,और पिछला पुराना कुछ भी याद नहीं आ रहा है ".....

मिस्ट कपूर को उसकी बात सुन कर थोड़ी हैरानी होती है, वह अपने मन में सोचते हुए बोलते है"अच्छा ,तो ये मुझे अपना हसबैंड समझ रही है ,पर मै तो इसका हसबैंड नहीं हूं ,एक काम करता हूं ,इसको सब सच बता देता हूं ,पर फिर उनको डॉक्टर की बात याद आती है ,की डॉक्टर ने बोला था कि इसको बिल्कुल भी स्ट्रेस नहीं लेने देना है ,नहीं तो ये कोमा मै भी जा सकती है , ".....

फिर वह अपने मन में सोचते हुए ही बोलते है "नहीं नहीं ,ये इसके लिए सही नहीं होगा ,मै इसको स्ट्रेस नहीं लेने दे सकता हूं ,मुझे इसको खुश रखना होगा,नहीं तो ये मेरी वजह से कॉमा में चली जाएगी ,पहले ही, मेरी वजह से, इसकी याददाश्त चली गई है , नहीं नहीं मै ऐसा कुछ नहीं होने दुगा ।"...

आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी ,

तब तक के लिए अलविदा ।

नव्या खान