दृष्टि नाम की एक सुंदर लड़की थी, जो कभी हँसती हँसती ही अपने जीवन की सबसे बड़ी मुश्किल में फंस गई। उसका जीवन सवारा था, लेकिन एक दिन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने सब कुछ बदल दिया।
दृष्टि का प्रियजन, उसके पिता, एक दिन एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गए। वे अस्पताल में भर्ती हो गए, जिससे उनके परिवार पर भारी आया। दृष्टि की मां ने अपने छोटे बच्चों के साथ इस मुश्किल समय में खड़ा होने का प्रयास किया, लेकिन वह आवश्यक वित्तीय सहायता के बिना अपने पति के उपचार की लागत को नहीं झेल सकती थी।
दृष्टि ने इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया और उसने अपनी शिक्षा को अवकाश पर बिना रोके जारी रखने का फैसला किया। वह एक सर्वोत्तम छात्रा थी और उसकी पढ़ाई में उच्चाधिक रूप से सफलता मिल रही थी। इसके बावजूद, उसके परिवार के वित्तीय समस्याओं का समाधान नहीं था।
फिर, एक दिन उसकी दोस्तों ने एक फ़ैसला किया कि वे एक फण्डरेजिंग कैंपेन आयोजित करेंगे ताकि उन्हें अपने पिता के उपचार के लिए धन जुटा सकें। उन्होंने समाज में अपनी कहानी को साझा किया और लोगों से सहायता मांगने का अनुरोध किया।
यह कैंपेन बड़ी सफलता प्राप्त कर लिया और उन्होंने पर्याप्त धन जुटा लिया ताकि उनके पिता का इलाज संभव हो सके। इस घड़ी में, दृष्टि ने यह सिखा कि जीवन में हर मुश्किल का समाधान मिल सकता है अगर हम मेहनत और साहस से काम करें।
इसके बाद, उसके पिता ने अपनी उपचार में सफलता प्राप्त की और उनका परिवार फिर से खुशियों और सफलता से भरा हुआ था। दृष्टि की मेहनत और साहस ने उसके जीवन को एक नई राह दिखाई, और वह एक मिसाल बन गई कि किसी भी मुश्किल का सामना करने के लिए हमें अपने प्रयासों को नहीं हारने देना चाहिए। Yah dukh bhari kahani drishti ki