अभय और आरव उस होटल रूम से बाहर आकर अपनी गाड़ियों में बैठने लगे। अभय अपनी कार में बैठने ही वाला था कि तभी उसके पास फोन पर एक मैसेज आया। उस मैसेज को पढ़कर अभय आरव के पास आकर बोला, " आरव तुम घर जाओ मासा बुला रही है मैं थोड़ी देर में घर आता हूँ।"
अभय की बात सुन कर आरव ने बिना कोई सवाल किए अपनी गर्दन हां मे हिला दी। और अपनी कार में बैठ कर घर के लिए निकल गया। आरव के जाने के बाद अभय अपनी कार में बैठकर वहाँ से निकल गया। कार में बैठ कर अभय ने अपने खास आदमी को कॉल किया और उससे अपने सर्द आवाज़ में कहा, " जो काम करने के लिए कहा था वो तुमने किया या नहीं?"
उसकी आवाज सुन कर दूसरी तरफ से एक आदमी उससे कहा, "माफ कीजिए हुकुम सा वो काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।"
अभय उसकी बात सुन कर गुस्से से भर गया और उससे थोड़ा चिल्ला कर उससे बोला, " एक हफ्ता हो गया उस काम को तुम्हें दिए हुए और अभी भी तुम कह रहे हो तो वो काम नहीं हुआ। क्यों नहीं हुआ अभी तक वो काम।"
अभय की ऊंची आवाज सुन कर दूसरी तरफ से एक आदमी घबरा कर उससे बोला, "वह हुकम सा हम उस दुकान के मालिक के पास गए थे लेकिन वो आदमी उस दुकान को बेचने के लिए तैयार नहीं है।"
अभय उसकी बात सुन कर उससे गुस्से से बोला, "तुम पहली बार कोई प्रॉपर्टी खरीदने गए थे क्या जो नहीं मिली अगर प्यार से पैसों से नहीं मान रहा है तो जबरदस्ती छीन लो उससे।"
अभय की बात सुन का दूसरा आदमी उससे बोला, " हुकुम सा एक ही आदमी है उस प्रॉपर्टी का मालिक बुजुर्ग आदमी है उसका पूरा परिवार विदेश में रहता है वो अकेला यहां रह कर उस दुकान को चला रहा है।"
अभय उस आदमी की बात सुन कर अपनी सर्द आवाज़ में उससे बोला, " तो तुम एक बुड्ढे आदमी से जमीन नहीं निकाल पा रहे हो। क्या वह बुड्ढा आदमी तुमसे इतना ज्यादा ताकत वर है कि तुम उससे एक जमीन के पेपर पर साइन नहीं कर पा रहे हो अभय की बात सुन कर वो आदमी उससे बोला, "नहीं हुकुम सा वह आदमी प्रॉब्लम नहीं है प्रॉब्लम है एक लड़की। हम जब उस आदमी से पेपर साइन करवाने जाते हैं तब तक वह लड़की हमें वहां मिलती है और हमें वहां से भगा देती है।"
उस आदमी की बात सुन कर अभय उस से बोला, "तो तुम एक लड़की से डर गए मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी। अब तुमसे ये काम नहीं होगा तुम रहने दो मैं खुद ही ये काम कर लूंगा आ रहा हूं मैं और मैं भी देखूं जरा ऐसी कौन सी लड़की है जिसमें इतनी हिम्मत है कि वह मेरे काम में बीच में टांग अड़ा रही है।" ये कह कर अभय फोन कट कर दिया। और अपने ड्राइवर को एक एड्रेस पर चलने को बोल दिया।
दूसरी तरफ -
श्री अपनी क्लासेस लेकर स्टाफ रूम में बैठी अपना काम कर रही थी श्री अपना काम कर ही रही थी कि तभी उसके पास रखा उसका मोबाइल बजने लगा अपने मोबाइल की आवाज सुन कर। श्री उसे एक नजर देखकर और उसे उठा कर अपने कान पर रख कर बोली, "हां काका कहिए।"
श्री की आवाज सुन कर दूसरी तरफ से एक बुजुर्ग आदमी उससे बोला, "बिटिया वो लोग फिर से आए थे उन्होंने कहा उनका कोई मालिक मुझसे मिलना चाहता है और मेरी जमीन को आज किसी भी कीमत पर ले जाने की बात कर रहा था।"
उस बुजुर्ग आदमी की बात सुन कर श्री थोड़े ग़ुस्से में उससे बोली, " अरे ऐसे कैसे ले जाएंगे कोई दादागिरी है क्या ? काका आप चिंता मत कीजिए मैं बस 2 मिनट में वहाँ पहुंच रही हूं। मैं भी देखती हूं कि कौन आप की जमीन आप से कौन छीनता है।" ये कह कर श्री फोन कट कर दिया अपना बैग लेकर वहां से निकल गई।
श्री कॉलेज से बाहर निकल ही रही थी कि तभी सांची ने उसे जाता हुआ देख कर उसे पीछे से आवाज लगा कर उसे रोक लिया । सांची की आवाज़ सुन कर श्री अपनी जगह रुक गई। और उसकी तरफ पलट कर उसे अपने पास आता देखने लगी। सांची ने श्री के पास आकर उससे थोड़े हैरानी से पूछा, " दिदु आप इस वक़्त कहाँ जा रही हो ? अभी तो कॉलेज छूटने में तो बहुत टाइम है ना।"
सांची की बात सुन कर श्री नॉर्मल होकर उससे बोली, "सांचु वो क्या है ना मुझे न कुछ काम है तो वो करने मैँ बाहर जा रही हूँ । मैं कुछ देर में वापस आ जाऊंगा और एक बात मेरे वापस आने से पहले तू कॉलेज से बाहर मत जाना समझी।" ये कह कर श्री सांची का जवाब सुने बिना वहां से जल्दी से चली गई।
श्री के जाने के बाद सांची उसे जाते हुए देखने लगी फिर कुछ देर बाद वो खुद भी अपनी क्लास के लिए चली गई। थोड़ी देर बाद जब श्री बुजुर्ग आदमी के घर पहुंची तो सामने का नजारा देख कर वह थोड़ी शोकड हो गई। श्री जब उस बुजुर्ग आदमी के घर पर पहुँच गई। तो देखती है कि एक आदमी उसकी तरफ पीठ किए हुए खड़ा है और उस बुजुर्ग आदमी का गिरेबान पकड़ कर उसे धमकी दे रहा है। श्री जब उस आदमी को अपने काका के साथ बुरा बर्ताव करते हुए देखा तो वो ग़ुस्से से भर गई और अपने कदम उस आदमी की तरफ बढ़ाकर उस आदमी के पास गई और उसने उस बुजुर्ग आदमी को अलग किया और एक जोर दार थप्पड़ उस आदमी के गाल पर जड़ दिया।
श्री के थप्पड़ की वजह से उस आदमी का चेहरा एक तरफ हो गया। उस आदमी के थप्पड़ पड़ते ही उसके साथ आए हुए लोग शोकड होकर उस लड़की को देखने लगे। वो लोग श्री को शोकड होकर देख रहे थे और वहीं श्री गुस्से से उस आदमी को घूर रही थी श्री उस आदमी को देखते हुए उससे गुस्से से बोली, " शर्म नहीं आती एक बुजुर्ग आदमी से ऐसे बात करते हुए। एक बुजुर्ग आदमी से कैसे बात की जाती है क्या इतनी भी तमीज नहीं है तुम्हें?"
श्री उस आदमी को ये सब कह ही रही थी कि तभी उस आदमी के साथ आए हुए आदमियों में से एक आदमी ने उससे कहा, "ऐ लड़की तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे हुकुम सा पर हाथ उठाने की ? क्या तुझे इसके अंजाम से डर नहीं लगता है?"
जी हां जिस आदमी पर श्री ने हाथ उठाया है वो आदमी और कोई नहीं बल्कि हमारे अभय प्रताप सिंह जी है अभय जो लड़कियों के लिए जिसके दिल में इतनी नफरत है।
श्री उस आदमी की बात सुन कर अभय को देखते हुए उस आदमी से बोली, "ये जो कोई भी हो मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता है एक तो ये दादागिरी करके किसी की जमीन उससे छीनने की कोशिश कर रहे हैं और ऊपर से काका के साथ बदतमीजी भी कर रहे हैं।"
ये कह कर श्री अभय की तरफ अपनी उंगली दिखाते हुए उससे बोली, "अगली बार किसी भी बुजुर्ग इंसान या किसी भी कमजोर पर अपनी ताकत आजमाने या किसी भी प्रकार की बदतमीजी करने से पहले मेरा ये थप्पड़ याद कर लेना।"
अभय जो कब से खड़ा श्री को अपनी लाल आंखों से घूर कर देख रहा था। वह उसकी बात सुन कर उसके बालों को अपने हाथ से कस कर पकड़ते हुए उससे बोला, "दो कौड़ी की लड़की तेरी इतनी हिम्मत कि तू ने अभय प्रताप सिंह पर हाथ उठाया है अब देख मैं तेरे साथ क्या करता हूँ तेरा वो हाल करूंगा कि तुझे हर पल सोतेे - जाागतेे उठते - बैठते इस थप्पड़ की गूंज तेरे कानो में सुनाई देगी ।"
अभय की बात सुन कर श्री उससे अपने बालों को छुड़ा कर उससे ग़ुस्से से बोली, "तुम्हें जो करना है कर लो श्री मिश्रा ना तो कभी किसी से डरी है और ना ही कभी किसी से डरेगी समझे लेकिन अगर तुमने फिर से काका के साथ बदतमीजी की या उन की जमीन उनसे जबरदस्ती छीनने की कोशिश की तो याद रखना मैं अगला थप्पड़ तुम्हारे दूसरेे ग्याल पर भी मार सकती हूँ।" ये कह कर श्री उस बुजुर्ग आदमी को अपने साथ उसके घर मे ले गई।
अभय श्री को जाता देख ग़ुस्से से भर गया और श्री को देखते हुए अपने आदमी से अपनी सर्द आवाज़ में बोला, "पता करो ये लड़की कोन है और कहाँ रहती है मुझे अगलें एक घण्टे में इस लड़की की सारी इम्फोर्मेशन अपने सामने चाहिये।" ये कह कर अभय अपनी कार में बैठ कर वहाँ से चला गया।
"Dear रीडर्स तो आप को क्या लगता है कि अभय अब क्या करेगा श्री के साथ ? श्री के मारें गए थप्पड़ को अभय कभी भुला पाएगा ? या अपने गुस्से में कर देगा श्री के साथ कुछ गलत?" जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी का अगला chapter...
मेरी कहानी आप लोगों को कैसी लग रही है अपने जवाब मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं और Guys आप लोग कहते हैं कि मैं अपनी दूसरी कहानी के भी चैप्टर डालो लेकिन लेकिन जब आप मुझे अच्छे - अच्छे लाइक और कमेंट नहीं करते हैं तो मेरा मन आगे लिखने का नही करता है अगर आप चाहते हैं कि मैं आप को डेली चैप्टर दूं तो आप मुझे ढेर सारी लाइफ और बड़े - बड़े कमेंट करें आप के कमेंट पढ़ कर मुझे बहुत अच्छा लगता है और मेरा आगे लिखने का मन भी करता है तो प्लीज प्लीज कमेंट और लाइक जरूर करें और कमेंट कर कर मुझे ये भी बताएं कि आप को अभय और श्री की धमाकेदार मुलाकात और आज का चैप्टर आप को कैसा लगा मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं । ।
तब तक के लिए Take Care । ।