अभी तक।
साहिल हर किसी को बच्चा कर के बोल दिया करता था ये उसका सबके प्रति सॉफ्ट बिहेवियर था।
लेकिन सदफ को लगा की वो उसे टीस कर रहा है।
वो चीड़ गई और जाकर शहनाज के पास बैठ गई।
शहनाज उसके इस बिहेवियर से हस रही थी।
और सदफ उसके बगल में बैठ कर बडबडा रही थी... खडूस कही के क्या समझते है है खुद को है तो यह पर वो भी जॉब पर अकड़ ऐसे दिखा रहे थे जैसे उनका ही ऑफिस हो बड़े आए।
वो इस बात से अनजान थी की साहिल उसके पीछे ही खड़ा है और शहनाज की तो ये देख कर आज बोलती बंद हो चुकी थी।
तभी साहिल ने कहा नही बिलकुल नहीं_ मैं कौन होता हूं इसे अपना ऑफिस समझने वाला आप ने गलत सोचा।
मैं ऐसा नहीं सोचता बल्कि मैं तो जनता हूं की ये मेरे बड़े भाई का ऑफिस है।
और मिस सदफ आपको मैने सिर्फ बच्चा ही बोला ना वो मैं नॉर्मली सबको बोलता हूं मेरा यही तरीका है काम निकलवाने का।
ये कहकर साहिल चला गया वो केबिन में बैठा सदफ की बात पर हंस रहा था।
और सदफ तो ये सुनकर हैरान थी की बड़े भाई यानी ये ऑफिस के छोटे बॉस है ओह नो फिर से गलती....
फ्लैशबैक एंड।
अब आगे।
साहिल का घर।
साहिर बैठ कर लैपटॉप में काम कर रहा था। तभी उसका फोन बजा।
और फोन पे फ्लैश हो रहे नाम को देख कर वो मुस्कराया और लैपटॉप को साइड में रख कर फोन उठा लिए और बालकनी में चला गया।
माहिरा जो अभी अभी रूम में साहिर के लिए काफी बनाकर लाई थी वो काफ़ी को टेबल पे रखते हुए साहिर के फेस के रिएक्शन को नोटिस कर रही थी।।
फिर खुद से_ कुछ तो सीन चल रहा है इन दोनो का डेढ़ साल से नोटिस कर रही हूं लेकिन आज रात पता लगा लूंगी।
तुम शेर हो साहिर तो मैं तुमसे एक साल बढ़ी हूं यानी की सवा शेर।
ये कहकर वो काफी रखकर साहिल के रूम में चली जाती है।
साहिल फोन चला रहा था और इंस्टाग्राम में कुछ विडियोज देख रहा था।
तभी माहिरा बोली सुनो आज शनिवार है और कल छुट्टी ही है तो आज हम रात में मस्ती करेंगे।
और एक और बात है।
तो साहिल उसकी तरफ देख के बोला_ क्या बात है?
माहिरा ने कुछ सोचा और बोली_ वो राज तो अब रात को खुलेगा?
और हां आज की रात हम लोग ईशान भाई के पास चलेंगे वही सब मस्ती करेंगे।
साहिल तो उसकी मस्ती के पीछे छुपा राज जानना चाहता था जिसके लिए उसने हां कर दिया और बोला ठीक है साहिर भाई को बता दो तुम मैं ईशान भाई को कॉल कर देता हूं।
ओके।माहिरा ने कहा और चली गई।
वो तो आज अलग ही लेवल पर खुश थी मानो उसका तीर निशाने पे लगा हो।
मुंबई।
सदफ का फ्लैट।
अब तक सदफ भी हीर के साथ सो गई थी। वो अपने बीते दिनों को बहुत याद करती थी। उसके साथ जो भी हुआ वो सब रोज उसके दिमाग में चलता था जिसे वो चाह कर भी भूल नहीं पाती थी।
और आज तो उसे साहिल की बहुत ज्यादा याद आ रही थी। उसके रूम के टेबल पर साहिल की एक फोटो थी।
लेकिन वो फोटो कवर रहती थी उसको अगर कोई देखना चाहे तो उस फ्रेम को खोलना होता था तभी उसमे लगी फोटो दिखाई देती थी। उस फोटो में एक साइड में साहिल की फोटो थी और दूसरी साइड में साहिल और सदफ दोनो की साथ की फोटो थी।
शादी से पहले सदफ के पास अपना कुछ नही था लेकिन उसके दिल से सोचा जाए तो वो सब था जो उसे चाहिए था और उस वक्त अपनी खुशियों और दिलों सुकून से अमीर थी।
आज उसके पास अपना फ्लैट था। जिस हॉस्पिटल में हीर का जन्म हुआ वो हॉस्पिटल भी उसी का था। पर वो ये सब पैसे एक ऑर्फेनेज में डोनेट कर देती थी।
असल जिंदगी में जो उसे चाहिए था वो ही उसके पास नही था।
दिल्ली।
साहिल का घर
राबिया अब तक सो गई थी।
साहिर साहिल और माहिरा सब रेडी होकर डब्लिकेट की से घर लॉक कर के निकल गए।
करीब आधे घंटे बाद
ईशान जो की उनकी फुफी का लड़का था लेकिन उसके अम्मी अब्बू दोनो का इंतकाल हो चुका था।
वो अपने फ्लैट में अपनी वाइफ हिना के साथ रहता था उन दोनो की लव मैरिज थी जो साहिर ने ही शादी करवाई थी। और ईशान साहिर से बड़ा था और साहिर और ईशान काफी अच्छे दोस्त भी थे।
साहिल माहिरा और साहिर ईशान के घर पहुंच जाते है।
डिनर करने के बाद सब एक रूम के बेड पर बैठे थे।
तो माहिरा बोली सो लेट्स प्ले ए गेम ट्रुथ और डेयर।
ये सुन कर साहिल और साहिर माहिरा को देखने लग जाते है।
तो माहिरा बोली_
क्या हुआ देखो इफ यू बॉयज अरे लूजर इन दिस गेम तो कोई और सोच लेते है।
इस पर साहिर और साहिल ने आंखे बड़ी किए एक साथ तेज आवाज में बोला।
हम यही गेम खेलेंगे।
माहिरा की मुस्कुराट दुगनी हो जाती है....
हिना तो माहिरा को देख कर हंस रही थी उसे पता था आज कितने राज खुलने वाले है।
गेम स्टार्ट होता है ।
एक बाउल में काफी सारी पर्चियां थी जिसमे ट्रुथ डेयर लिखा था और सब सर्कल बना कर बैठ जाते है।
बीच में एक बॉटल थी जो माहिरा घुमा देती है। अब सबकी नजर उस बॉटल पर टिकी हुई थी की बॉटल का निशाना एकदम से रुकता है। बॉटल हिना के पास रुकती है।
सब क्लैप करते है फिर हिना पास रखे बाउल से एक पर्ची उठकर खोलती है।
डेयर। हिना बोली।
सो कौन देगा मुझे डेयर तो ईशान बोला मैं दूंगा। तुमने जो आज मेरे पर्स से मेरा एटीएम कार्ड निकल के चुपके से रखा हुआ है अपने पास जाओ उसे उसी जगह पर रख आओ तो।
हिना एक कन्फ्यूजन के साथ ईशान को देखती है जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गई हो और वो खराब सा फेस बना कर उसका कार्ड उसके वॉलेट में रख देती है।
सब ये देख कर हंस देते है।
अब हिना बॉटल घुमाती है तो बॉटल साहिल के पास रुक जाती है। अब सबकी नजर साहिल पर टिक जाती है।
आज के लिए इतना ही
चैप्टर अच्छा लगा तो लाइक कमेंट शेयर कर देना
और मेरी नोवेल ये इश्क नही जुनून है को अपना प्यार बाटे।
Bye everyone 🥰 milte hai next chapter me
Meri new story ko review do yaro