शमैथ्स का मन बिल्कुल नही था उस गर्म और आरामदायक bathtub से बाहर आने का , लेकिन जब दरवाज़े पर उस बच्चे की आवाज़ ने दस्तक दी तो शमैथ्स को याद आया की वो किसी और के घर मे था , वैसे तो वो इन बीते निर्दयी सालो मे इतना तो बेशर्म् हो ही चुका था कि इस बेरहम ज़िंदगी को जी सके और मौले का फ़ायदा उठा सके बिना ये सोचे कि कोई क्या कहेगा ।
लेकिन यहाँ बात एक छोटे बच्चे की थी जो शमैथ्स के साथ कुछ ही पलो मे एक रिश्ता जोड़ बैठा था ,बच्चे इसलिए ही तो मासूम होते है ,रिश्ता जोड़ना इनसे बेहतर कोई नही जानता ।
दस्तक ने शमैथ्स को हड़बड़ाने पर मजबूर कर दिया और साबुन वाले।पानी से बाहर आते ही चिकने फर्श पर वो धडाम से फिसल गया और उसे याद आया कि उसे अभी साफ पानी से नहाना भी है ।
वो जल्दी से shower के नीचे गया , यहाँ भी पानी गर्म था ,आज जैसे उसके शरीर को ना जाने कितने।लम्बे समय के बाद गर्म पानी ने छुआ था , उसने खुद को अच्छे से साफ किया और एक नज़र tub के पानी की तरफ घुमाई ।
पानी काला हो चुका था ,जिसे देख कर शमैथ्स बोला " छी इतनी गंदगी चढ़ गई थी "फिर् उसने अपने कपड़े कचरे के डिब्बे मे फेंके ,बाल बनाये जिन लर उस समय का gel जो तेल जैसा था लगाया और फिर साफ कपड़े जो उसे उस बच्चे ने दिये थे पहन कर शीशे के सामने आकर खड़ा होकर खुद को निहारते हुए हंसने लगा ।
तभी बाहर से आवाज़ आई " अब खुद को देख् कर ही मुस्कुराते रहोगे या बाहर भी आओगे "
ये प्यारी सी आवाज़ उस बच्चे की थी ,उसकी आवाज़ सुन शमैथ्स यहाँ वहां देखने लगा कि वो कही से देख रहा है क्या ?लेकिन ऐसा नही था ।
शमैथ्स ,पहली बार शायद फ़ौज मे जाने के बाद से शर्माया और बाहर आया ,आते ही वो बचा हाथ बांधे उसको देखते हुए बोला " हम्म्म अब इंसान लग रहे हो" फिर वो उसके पास आया और उसे सूंघते हुए बोला " अब अच्छे लग रहे हो ,वैसे तुम बहुत handsome हो "
जैसे ही वो नीचे आया उस बच्चे ने उसका हाथ पकड़ा हुआ था , सब उसे देख कर चौंक गये , वो अब किसी अफसर से कम नही लग रहा था अब तो वो जनरल भी उसके आगे फीका लग रहा था ।
हहर की नौकरानिया उसे देख देख कर blush कर रही थी ,उसे देखते ही जनरल ने कहा " क्या बात है नौजवान हमारे जवान तुम्हारे जैसे सुघड और सूदौल शरीर को कुश्ती मे हराना ज़रूर चाहेंगे ,क्या कहते हो अगले हफ्ते की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहोगे "
इस बात को सुनकर शमैथ्स ने इंकार किया ,जिस पर जनरल बोला " कोई बात नही अभी समय है आराम से सोच लो जब भी मन बने मुझे यहीं आकर मिलना "
क्या अब शमैथ्स बात मानेगा और क्या क्या बदलाव आये ।