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Chapter 2 - pehli mulaakat me nafrat

Hello everyone. . . 

Kaise hai dear readers. . . 

Dear readers novel ko read karne ke baad apna review aur comment dena mat bhooliyega. . . . . . 

मुंबई.... 

रूहानियत ☕️कैफे... 

वह कोट वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि खुद मान था मान ने जब अपनी जैकेट पर चीविमगम चिपके हुए देखा तो जोर से चिल्लाया यह किसकी बदतमीज़ी है सामने आये..... 

मान की इतनी तेज आवाज़ सुन उस कैफे मे मौजूद सभी लोग एक साथ अपनी सीट पर खड़े हो गए सनम अपनी आँख बंद करते हुए खुद से कहा हो गया तमाशा

सनम जैसे ही अपने चेयर से उठकर जाने को हुई तो शीतल सनम का हाथ पकड़ कर सनम से कहा क्या करने जा रही हो बैठी रहो अपनी जगह पर चुपचाप से शीतल की बात सुन सनम ने शीतल का हाथ अपने हाथ छुड़ा कर शीतल से कहा जब गलती मेरी है तो उसकी सज़ा किसी और को क्यु मिले 

इतना कहकर सनम अपना एक हाथ उठाकर कहा यह गलती मैने किया है सनम की आवाज़ सुन मान और तुसार दोनो उसी दिशा मे देखने लगे जिस तरफ से सनम की आवाज़ आई थी   दोनो ही को सनम का चेहरा नहीं दिख रहा था क्युकी कैफे मे मौजूद सभी लोग  अपने टेबल पर खड़े थे 

मान ने गुस्से से अपनी कोल्ड आवाज़ मे कहा अगर गलती मानने की हिम्मत रखती है तो सामने आने की भी हिम्मत होनी चाहिए मान की बात सुन सनम लोगों के भीच से होते हुए मान के पास जाते हुए मान से कहा 

अगर मुझमे हिम्मत नहीं होती तो मै यू सबके सामने अपनी गलती नहीं मानती इतना कहकर सनम भीड़ से निकल कर मान के सामने आकर खड़ी हो गई मान सनम को देख कर हैरान रह गया एक पल के लिए  वह सनम को देखता ही रह गया 

सनम अपनी नज़रें झुकाए मान से कहा एम सोरी मुझे माफ कर दीजिए मेरी वजह से तुम्हारा सूट खराब हो गया सनम की आवाज़ सुन मान  होश  मे आया मान ने गुस्से से सनम से कहा आप जैसी बदतमीज़ और बिगड़ी हुई लड़कियों से हमे नफरत है आप जैसी लड़कीयो की वजह से अच्छी लड़कियाँ भी बदनाम हो जाती है 

मान की बात सुन सनम ने अपनी मुट्ठी भीच ली लेकिन वह खामोशी से खड़ी रही मान ने अपनी जैकेट को उतार कर अपने और सनम के भीच फेक कर कहा लैटर  मान की बात सुन तुसार ने मान के हाथ मे लाइटर को दे दिया 

मान उस लाइटर को लेकर उसे जलाकर कोट पर फेक दिया मान के ऐसा करने से सनम दो कदम पीछे होकर मान को गुस्से और हैरानी से देखने लगी 

कुछ ही पल मे वह जैकेट जलकर राख बन गई मान सनम की तरफ देखते हुए सनम से कहा क्या आपके माँ बाप ने आपको बाहर जाकर कैसे बिहव करते है सिखाया नहीं यह वह भी आपकी तरह  मान ने इतना ही कहा था की एक जोरदार थप्पड़ की आवाज़ उस पूरे कैफे मे गूंज उठी यह थप्पड़ किसी और ने नहीं बल्कि सनम ने मान को मारा था 

मान को ऐसे सबके सामने थप्पड़ मारते देख उसके बॉडीगार्ड जैसे ही आगे बढ़ने को हुए थे तो मान ने उन्हे हाथ दिखा कर रोक दिया सनम उस जलती राख पर कदम रख मान के करीब आकर मान का कॉलर पकड़ कर मान की आँखो मे आँखें डाल कर मान से कहा 

तुम मुझे जो कहना चाहो कह सकते हो मै कुछ नहीं कह ती तुमने कहा भी मैने कुछ नहीं कहा क्युकी मेरी गलती थी लेकिन मेरे बाप पर उंगली उठाने का यह उन्हे कुछ भी कहने का  हक मैने किसी को भी नहीं दिया तुम्हें भी  दिया मिस्टर इसलिए अपनी हद मे रह कर बात कारो क्युकी सनम राजपूत सब बर्दास्त कर सकती है लेकिन अपने माँ बाप की बेइज्जती नहीं इतना कहकर सनम ने झटके से मान का कॉलर छोड़ कर

सनम दो कदम पीछे जाकर मान को नफरत से देखते हुए कहा तुम अमीरो की यही फितरत है यही अपनी से नीचे लोगों की बेइज्जती करना सनम की आँखें लाल थी उन आँखो मे मोती जैसे आंसू थे जो कब का बाहर आना चाहते थे 

सनम मान से कहा गलती तो सज़ा मुझे देना चाहिए था तुम्हें मेरे माँ बाप नहीं जाना चाहिए था सनम की बात सुन मान ने अपनी कोल्ड आवाज़ मे कहा पाँच मिनट के अंदर मुझे यह कैफे खाली चाहिए 

मान की बात सुन तुसॉर ने कैफे को खाली करवा दिया लेकिन शीतल नहीं गई तुसॉर् शीतल के पास आकर शीतल से कहा मैम आप भी बाहर चलिए तुसॉर की बात सुन शीतल ने तुसॉर से कहा मै कही नहीं जाऊंगी अपनी फ्रेंड को छोड़कर समझे आप 

शीतल की बात सुन तुसॉर जैसे ही जाने को हुआ तो मान ने तुसॉर से कहा हमने कहा हमे यह कैफे पुरा  खाली चाहिए मान की बात सुन सनम ने शीतल से कहा चले शीतल इतना कहकर सनम जैसे ही जाने को हुई तो मान ने सनम की कलाई पकड़ कर सनम से कहा हमने आपको जाने की इज़ाज़त नहीं दी 

सनम मान का हाथ झटकते हुए मान से कहा तीन बातें पहली आइंदा से मुझे छूने की हिम्मत मत करना और दूसरी सनम राजपूत को किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नहीं तुम्हारी  भी नहीं समझे तुम और तीसरी उधार रही कभी मुलाकात हुई तो बता दूंगी सनम की बात सुन मान गुस्से से उबल रहा था मान को देख तुसॉर ने शीतल से कहा मैम प्लीज आप मेरे साथ बाहर चले मेरे बॉस आपकी फ्रेंड के साथ कुछ नहीं करेंगे प्लीज मैम चले 

तुसॉर की बात सुन शीतल ने सनम की तरफ देखा तो सनम ने अपनी पलकें झपका दी शीतल तुसॉर के साथ कैफे से बाहर चली गई अब उस बड़े से कैफे मे मान और सनम के अलावा कोई और नहीं था मान अपने पॉकेट से रूमाल निकाल कर अपने उस हाथ को साफ करने लगा जिस हाथ से सनम का हाथ पकड़ा था 

मान अपने हाथ को ऐसे साफ कर रहा था जैसे वह कितना गंदा हो गया मान की ऐसी हरकत देख सनम को गुस्सा आ रहा था मान उस रूमाल को फेकते हुए सनम से कहा हमे आप जैसी लड़कियों को छूने का कोई शॉक  नहीं आपको एक बात बता देता हूँ हमे हाथ लगाने वाले लोग आज तक जिंदा नहीं बचे तो आपने हमपर हाथ उठाया  मान अपनी बात पूरी कर पाता उससे पहले सनम ने मान से कहा तो मै क्या करूँ  तुम मुझे यह सब क्यु बता रहे हो 

क्या तुमने मुझे यह बताने के लिए रोका था सनम की बात सुन मान ने अपने एक्सप्रेशन लेस चेहरे से कहा अंदर आओ मान की आवाज़ सुन कुछ बॉडीगार्ड अंदर आये उनके हाथ मे पेट्रोल था मान उन सबको देखते हुए कहा जला दो इस कैफे को मान की बात सुन सनम शॉक हो गई 

आखिर मान के दिमाग मे क्या चल रहा है ..... 

क्या मान सनम को माफ करेगा यह उसे बर्बाद कर देगा.... 

क्या होगा इनकी कहानी मे जानने के लिए पढ़े love hate revenge