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Gulzaar ashiqui

Rahul_Raikwar_8066
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Chapter 1 - गुलजार हाईवे

ये उस दिन की बात है जब मैं अपनी साइकिल लेकर हाइवे की ओर जा रहा था मौसम काफी सुहावना था हल्की ठंडी हवाएं चल रही थी की अचानक बारिश का मोसाम होने लगा बारिश तेज हो गई और मैं थोड़ी दूर जाकर गुड्डू भैया के ढाबे पर जाकर रुक गया और गुड्डू भैया को चाय लाने को कहा गुड्डू भैया अविवाहित थे और apकी इतने में वहा एक फॉरच्यूनर कार आकार रुकी और उसमे से एक लड़का अपनी गोद में एक लड़की को उठाकर तेजी से ढाबे की टपरी की ओर आया वह लड़की कांप रही थी तो गुड्डू भैया ने आग जला दी और लड़के ने उसे आग के पास बैठा दिया मैंने लड़के से उन दोनो के नाम पूछे लड़के का नाम राहुल ओर लड़कि का नाम स्नेहा था थोड़ी देर में वह लड़की ठीक महसूस करने लगी और मैंने उन दोनो ने साथ बैठकर चाय पी और उस लड़के ने बताया कि एक हादसे में उनकी गई की खिड़की का कांच टूट गया और अच्छा बारिश आने लगी और तेज ठंडी हवा गाड़ी के अंदर आने लगी तो स्नेहा को ठंड लगने लगी और वह कांपने लगी मैंने ढाबे को देखकर यही रुकने का निष्चय किया हम बात ही कर रहे थे की गुड्डू भैया चाय लेकर आ गए चाय पीने के बाद राहुल ने स्नेहा से पूछा की तुम कैसा महसूस कर रही हो तो स्नेहा ने अचानक राहुल को चूम लिया होंठ से होंठ मिले और मोसम गुलज़ार हो गया शायद इससे पहले वह केवल अच्छे दोस्त थे थोड़ी देर में बारिश भी बंद हो गई वह दोनो अपने रास्ते आरएलपीएआर आगे चले गए और मैं भी