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Chapter 2 - my story my thoughts

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम है मधुलिका और आज मैं आप सब के सामने हाजीर हु अपनी कहानी ले कर अपनी सोचा के साथ वैसे तो आप लोग सोच रहे हैं अपनी विचार के साथ का क्या मतलब होगा सब की अपनी सोच होती है शि बात है लेकिन मेरी सोच थोड़ी अलग है लोगो से हट कर सोचना मेरी आदत ही मेरी जिंदगी का नियम है सोच क्या है कभी सोचा है आप लोगो ने नहीं जब हम किसी को रोता देखते हैं तो अपनी ही मन में सोचते हैं कोई समस्या होगी फिर माँ ने निकल दिया होगा घर से खी घर से ऊपर नहीं भाग आई क्या हुआ होगा शीधा उसके पास जा कर पुछने से अच्छा खुद की ही अंदर और सोच बना लेते हैं वो होती है सोच आज कल लोगो की सोच अच्छी भी है या बुरी भी अच्छी सोच वाले अगर सामने कोई गलत कर रहा होगा तो खुद जा कर बोलेगा भाई ऐसा मत कर फिर चाहे वो खुद क्यों ना मार खा जाए या बुरी सोच वाले गलत हो जाएगा तो खुद ही बोलेगे हैं किया होगा कुछ तबी तो मार खा रहा या खा रही होगी ये होती हैं सोच जो इंसान बिना सोचे समझे बोलते हैं