प्राची मिस्टर रावत के इतना बोलते ही अपने खयलों से बाहर आती है और बोलती है मेरा इस दुनिया मे कोई नही मे अकेली हु प्राची ये बोल कर रोने लगी मिस्टर रावत ये सुन कर उसे अपने गले से लगा लेते हैं और बोलते हैं बेटी आज के बाद ऐसा कभी मत बोलना मे हु तेरे लिए आज से में तेरा दादा जी तू मेरे साथ मेरे घर चल रही है और तेरे पैर मे भी चोट लगी हैं ऐसे मे तू कहा जाएगी इसलिए तू मेरे साथ घर चल रही हैं प्राची ये सुन कर बोल पड़ती हैं नही दादा जी मे आपके साथ अपके घर नही जा सकती मे कही और रहा लुंगी आप मेरी टेंशन मत लीजिए और ये बोहोत छोटी चोट हैं ये सुन दादा जी बोले बेटी एक तो तू मुझे दादा जी बोल रही हैं ओर दूसरी तरफ पराय कर रही हैं ना बोल कर सोच ले की मे तेरा क्या हु दादा जी या एक अनजान इंसान ये बोल कर दादा जी अपना मूरझाय चेहरा लेके बाहर चले जाते हैं जाते जाते दरवाजे पे रुक कर बोलते हैं बेटी अगर तू मुझे अपना दादा जी मानती हैं तो मेरे साथ मेरे घर चल मे तेरा बाहर वेट कर रहा हु ये बोल कर दादा जी वाहा से चले जाते हैं प्राची वैसे ही बैठे सोचती हैं क्या करू जाऊ या ना जाऊ खुद से बोलती हैं उन्हें मेरे लिए इतना किया मुझे हॉस्पिटल लेके आये ओर मुझे अपनी बेटी की तरह मानते हैं कुछ देर बाद सोचने के बाद उसने डिसाइड किया की वो उनके घर जाएगी फिर वो अपने कपड़े चंजे करने चली जाती हैं हॉस्पिटल के वाशरूम मे चली गई कपड़े चंजे करने के बाद वो बाहर आती हैं और दादा जी का हाथ पकड़ कर बोलती हैं मे आपके साथ आपके घर चल रही हु दादा जी ये सुन कर बोहोत खुश हो जाती हैं दादा जी उसे आराम से कार में बैठा देते हैं फिर खुद भी बैठ जाते हैं और ड्राइवर को बोलते हैं विला चलो ड्राइवर बोलता हैं जी साब.ये बोल कर वो कार स्टार्ट कर देता हैं रस्ते मे प्राची दादा जी से बोलती हैं मे आपसे एक बात पुछु दादा जी बोलते हैं हा बेटी पुछो जो पूछना हैं फिर प्राची बोलती हैं दादा जी हम कहा जा रहे हैं तब दादा जी बोलते हैं सॉरी बेटी मे तुम्हे अपने बारे मे बताना भूल गया मेरा पुरा नाम मिस्टर राम रावत हैं और मेरा एक पोत हैं उसका नाम पार्थ रावत हैं मेरी दुनिया मेरे पोते मे हैं मे उससे बोहोत प्यार करता हु मेरे बेटे और बहु के मरने के बाद बस वही हैं मेरे पास ये सारी बाते बोलते हुए दादा जी आँखे नम हो जाती है प्राची उन्हे देखती हैं और बोलती हैं दादा जी सॉरी मेरी वजह से आपका दिल दुखा दादाजी बोलते हैं नही बेटी तेरी वजह से नही दुखा और वो चुप हो जाते हैं प्राची दादाजी की तरफ सवाल भरी नज़रों से देखती हैं तो दादाजी समझा जाते हैं प्राची उन से क्या पूछना चाहती हैं दादाजी फिर से बोलते हैं बेटी सॉरी लेकिन मे तुझे अभी ऐसी बहोत बाते हैं जो तुझे अभी नही बता सकता तभी प्राची बोली नही दादाजी कोई बात नही जब आपको लेगे तब मुझे बता देना दादाजी प्राची को पार्थ के बारे मे बताने ही वाले होते हैं इतने मे वो विला पोहच जाते हैं दोनों कार से बाहर आते हैं विला के अंदर जले जाते हैं प्राची को साथ मे लेके फिर वो दोनों वही सोफे पे बैठ जाते हैं दादा जी एक मेड को आवाज लगते हैं मेड फटाफट पानी लेके आती हैं और बोलती हैं जी साब दादाजी बोलते हैं ये प्राची हैं इसके लिए रूम तेयार कर दो ये अब मेरे साथ रहेगी मेड ये सुन कर बोलती हैं जी साब अभी कारा देती हु. ये बोलकर मेड वाह से चली जाती हैं
प्राची दादाजी के घर को देख रही होती हैं तभी दादाजी बोलते हैं बेटी घर अच्छा लगा तुम्हें प्राची बोलती हैं जी दादाजी घर बोहोत बोहोत सुंदर हैं तभी दादाजी पार्थ को आवाज लगते हैं लेकिन पार्थ नही आता तभी वाहा एक बॉडीगार्ड आता हैं बाहर से और बोलता हैं बड़े साब जी छोटे साब अभी तक घर नही आये हैं ये बोलकर वो बॉडीगार्ड वाहा से चला जाता हैं दादाजी को बोहोत गुस्सा आ रहा होता हैं और वो अपना हाथ अपने सिर पर रख के बैठ जाते हैं ये सब प्राची देख रही होती हैं तभी दादाजी बोलते हैं पार्थ के लिए बोलते हैं होगा वही उसी के साथ प्राची ये सब सुन रही होती हैं और बोलती हैं दादा जी आप टेंशन मत लीजिए वो घर आ जाएंगे और बोलती हैं दादाजी आपकी तबियत ख़राब हो जाएगी तभी वाह मेड आती हैं और बोलती हैं बड़े साब जी मैडम के लिए रूम तेयार कर दिया हैं फिर वाह से चली जाती हैं
दादाजी बोलते हैं बेटी जाओ जाके रेस्ट करलो तुम्हारे पैर मे चोट लगी हैं तभी प्राची बोलती हैं दादाजी आप भी जाके अपने रूम मे रेस्ट करलो आपकी भी तबियत ठीक नही है दादाजी बोलते हैं ओक बेटी दोनों अपने अपने रूम मे चले जाते हैं प्राची जाके पहले फ्रेश होती हैं फिर बेड पे लेट जाती हैं और अपनी फैमिली के बारे मे सोचने लगती हैं सोचते सोचते वो सो जाती हैं वही दादाजी अपने रूम मे सोफे पे बैठ कर पार्थ के बारे मे सोच रहे होते हैं पता नही ये लड़का किस लड़की के चक्र मे फस गया हैं वो लड़की उससे पुरी तरीके से बर्बाद कर देगी इससे इसका सब कुछ झिन लेगी इससे रोड पे ले आएगी ये सब सोचते हुए दादाजी आँख बंद करके सोफे पे अपना सिर रख लेते हैं दोनों को पता ही नही चलता रात कब होगी हैं फिर मेड आती हैं पहले मेड दादाजी के रूम की तरफ जाती हैं रूम के बाहर खड़ी होके दरवाजे पे खटखटी हैं तभी अंदर से आवाज आती हैं क्या हुआ मेड बोलती हैं बड़े साब जी डिनर तेयार हो गया हैं आप आजाओ दादाजी बोलते है तुम चलो मे आ रहा हु ये सुन कर मेड वाह से प्राची के रूम की तरफ चली जाती हैं वाह जाके वो दरवाजे पे खटखटी हैं खटखटाने की आवाज से प्राची की निंद खुल जाती है फिर वो बेड से उठ कर दरवाजे की तरफ जाती हैं और दरवाजा खोलती हैं वो देखती हैं सामने मेड खड़ी होती हैं प्राची बड़े प्यार से बोलती हैं बोलो क्या हुआ तभी मेड बोलती हैं मैडम डिनर तेयार हैं आप आजाये ये सुन कर प्राची बोलती हैं ठीक हैं तुम जाओ मे अभी आती हु ये सुन कर मेड वाह से चली जाती हैं
आगे क्या प्राची पार्थ से मिल पाऐगी क्या पार्थ प्राची से प्यार कर पाएगा
क्या प्राची जान पाऐगी पार्थ के माँ पापा की मौत का सच
जाने के लिए पढ़ते रहे दो अजनबी ❤️❤️
🥰🥰🥰🥰🥰😘😘😘😘🥰🥰🥰🥰😍😍😍😍