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Chapter 4 - REBIRTH

100 saal बाद. . . .  . . 

पृथ्वी लोक. . . मे  शुर्यांश और चन्द्रावती का जन्म हो चुका है  . . आये हमारे साथ मिलिए है हमारी चन्द्रावती से जो एक बड़े परिवार मे जन्म ले चुकी है. . . . उसका इस जन्म  मे नियति  नाम है. . . 

एक औरत अपने हाथो मे एक छोटी सी बच्ची को अपने हाथ मे लिए सीढ़ियों से नीचे उतर कर  सोफे पर बैठे अपने पति के पास जा कर बैठ जाती है.  वो बची 8 महीने की थी. . . . और अपनी गोद मे बैठी बच्ची को खिलाने लगती है. .  जो एक टक नजर से अपनी माँ को देखे जा रही थी. . . . लता (नियति की माँ)   अले मेला बच्चा तु कितनी पयाली है. . .

देखो तो कैसे अपनी माँ को देख रही. . . ऊले मेरा बच्चा. . . 

सुरेश जी ( नियति के पिता)  अरे देखो तो तुम कब से मेरी राजकुमारी को ली हुई हो अपनी गोद में. . .लाओ मुझे दो अब. . 

मे भी राजकुमारी के साथ खेलना चाहता हु. . . . लता जी - हा हा जी लो ना मगर ध्यान से. . . हा हा मुझे पता है सिखाने की जरूरत नही है तुम्हे. . . . सुरेश जी नियति को अपने गोद मे लेते हुए बोले और फिर उसे खिलाने लगे. . .  थोड़ी अपने माँ पापा के साथ खेलने के बाद नियति सो गई तो उसकी माँ ने उसे पालने मे सुला दिया.  . ..

लता जी नियति के चेहरे को देखते हुए बोली. . .   देखो ना जी हमारी बेटी कितनी प्यारी लग रही है. . . कितना तेज है इसके चेहरे पर. . . सुरेश जी लता जी के बगल मे ही खड़े हो कर नियति को सोता हुआ देख रहे थे. . . . उन्होंने कहा सही केह रही हो तुम कितना तेज है इसके चेहरे पर. .   थंक्यौ लता ना जाने कितने पीढ़ियों के हमारे घर लक्ष्मी आई है. . . 

हमारे कुल देवता के आशीर्वाद से हमारी बच्ची हमेशा शुरकाशित रहेगी. . .   लता बस मुस्कुरा दी. . . वो जानती थी की कितने ही सालों से उनका परिवार और वो दोनो एक बेटी चाहते थे. . .  

आपलोगो ने चन्द्रावती  मेरा मतलब है कि नियति से तो मिल लिए अब जा कर इनके प्रेम मतलब सुरियांश से मिल लेते है । जो इस दुनिया मे नियति से 6 महीने पहले ही आ गया है. . . .

तो च हम आपको दूसरे देश ले कर चलते है. . . . 

अमेरिका. . . 

एक लेडी drawing room मे बैठ कर लेपटॉप मे कुछ काम कर रही थी. . . तभी उसे किसी चीज की टूटने की आवाज आई. . . उस लेडी ने जैसे ही कुछ टूटने की आवाज सुनी तो वो अपना सारा काम छोड़ कर उस तरफ भागी जिस तरफ से आवाज आई. . .

रीना वहाँ जा कर देखती है तो पाती है कि जमीन पर एक वास टूट के गिरा हुआ है और उसी के पास एक 1 साल का बच्चा बैठा हुआ अपने अंगुली अपने मुह मे डाले टूटे हुए वास को ही देखे जा रहा था. . . रीना बाघ कर उस बच्चे के पास गई और उस बच्चे का अपनी गोद मे उठा कर देखने लगी की कही उसे चोट वोट तू नही लग जब रीना को पूरी तसली हो जाती है की उसके बच्चे को कोई चोट नही लगी तो उसे अपने गले से लगा लेती है. . .

अब उनका दिल शान्त हुआ था. . .   एक माँ का दिल ऐसा ही होता वो अपने बच्चे को कभी तकलीफ मे नही देख सकती. . . 

( author note -/ 😜 खैर ये तो केहने की बाते है की एक माँ का दिल ऐसा ही होता वो अपने बच्चे को कभी तकलीफ मे नही देख सकती लेकिन वो तब तक जब तक उसका बच्चा स्कूल ना जाने लगे. . . और अगर गलती से आपने मना कर दिया तो बहिया ये धुलाई पड़ती है की पूछो मत आप रोते रोते स्कूल जाओगे. . . ये मै अपने एक्सप्रेइएंस से बता रही हु.... इसमे आपकी क्या राय है. . . Comment मे बतायीगां जरूर. . . . ) 

रीना जी  आहान को लेकर वापस drawing room मे आगयी और मेड को बोल कर टूटा हुआ वास साफ करवा दिया. . . . 

रीना आहान को एक खिलौना देती है. . . और अपना काम करने लग जाती है. . . इसी तरह शाम हो जाती है  और बंगलो का दरवाजा क्नॉक होता है. . . मेड जा कर दरवाजा खोलती है. . . 

और सामने अपने बॉस को देख कर अपना सर झुका कर ग्रीट करती है. . . . मेड. . वेलकम सर. . . सामने खडा ष्कश कुछ नही बोलता और सीधा अपने रूम मे चला जाता है. . . संजय देखते है की उनकी पत्नी और बेटा आराम से सो रहे है. . . अपनी पत्नी और बेटे का देख कर उनकी दिन भर की थकान चुटकियो मे खत्म हो जाती है. . . रीना और रेहान बहोत प्यार से सो रहे थे इसलिए वो उन्हे उठाता नही है. . .

और कबड के पास जा कर धीरे से कबड का दरवाजा खोलता है जिससे सो रहे लोगो की नींद ना खुले. . .  संजय कबड से अपने कपड़े निकाल कर बाथरूम मे चला जाता है और अंदर जा कर शावर लेने लगता है. .   . जब संजय शवरा ले कर बाहर आता है तो पता है की रीना पेहले से उठी हुए है और रेहान के सर पर हाथ फेर रही है. . . . संजय रीना को देख कर केहता है. . . उठ गई तुम. .रीना बस हाँ मे सर हिला देती हैं. . . ..

उसके बाद रीना बेड से उठ कर संजय के पास जाती है. . और उसके हाथों से टवाल ले कर खुद उसके बालों को सुखाने लगती है. . . .  संजय रीना के कमर के चारो तरफ अपने हाथ लाप्टते हुए केहता है. . . क्या बात है आज तो हमारी श्रीमती जी को हमपे बहोत प्यार आ रहा है. . . . वर्ना जब से लाडले इस दुनिया मे आये है आप तो उन्ही का ख्याल रख रही हैं.... ये बोलते बोलते संजय रीना को अपने और करीब खिच लेता है रीना भी तवाल को चेयर पर रख अपने दोनो हाथ संजय के कंधे पर रख देती है. . .

रेहान अभी भि सो रहा था. . . संजय रीना के होठों को अपने होठों मैं ले लेता है और दोनो एक दूसरी ही दुनिया मे चले जाते है..... कुछ देर बाद संजय रीना के होठों को आजाद कर देता है. . . . आज बहोत दिनों बाद दोनो को एक दूसरे के साथ समय बिता कर अच्छा लग रहा था. . . . कुछ देर बाद दोनो खाना खा कर रेहान के साथ सो गये. . . . 

to be continued. . . .