क्योंकि सामने एक खौफनाक मंजर था। अंश की हालत इस वक्त काफ़ी डरावनी और भयानक थी। उसके चेहरे में, उसकी left eyebrows गायब थी।, उसकी right मूछ,left दाढ़ी गायब थी। उसके बालों में भी , थोडी थोडी जगह छोड़ कर उसके बाल काटे हुए थे। या यूं कहे कि उसकी multiple चोटी की गई हो। ( यह दृश्य महाभारत में पांडवों द्वारा जयद्रथ को दी गई सजा जैसा ही था, जब उन्होंने अपनी पत्नी के साथ किए गए अपराध के बदले उसकी 5 छोटी चोटियां काट दी थीं।) उसके सिर और फेस से जगह जगह से खून भी रही रहा था। उसकी आंखें भी एकदम लाल थी।
अंश को दी गई सजा सिर्फ सार्वजनिक अपमान और शारीरिक पीड़ा तक सीमित नहीं थी। यह उन क्रूर कृत्यों का भी हिसाब था जो उसने उन बेगुनाह लड़कियों के साथ किए थे। हर टमाटर, हर अंडा, हर सड़ी हुई सब्जी उन चीखों, उन आँसुओं, उस दर्द की गूंज थी जो उसने उन मासूमों को झेला था।उसके फटे कपड़े, गंदा शरीर, और चोटों से भरा चेहरा उन निशानों की झलक थे जो उसने उन लड़कियों के शरीर पर छोड़े थे। उसकी भूख और प्यास उनकी पीड़ा का एक छोटा सा हिस्सा भी नहीं थी, जो भय और आतंक के कारण भोजन और पानी तक से वंचित थीं।इश्का ने अंश को सजा चुनने का मौका दिया था, लेकिन वह अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने में विफल रहा। उसने दया या माफी की भीख मांगने के बजाय, अपने अहंकार और क्रूरता को ही अपना हथियार बनाया। इसलिए, इश्का ने लोगों के गुस्से को भड़काकर उसे सजा दी। यह सार्वजनिक अपमान उन लड़कियों के लिए न्याय का प्रतीक था जिन्हें उसने अपनी वासना और क्रूरता का शिकार बनाया था।अंत में, उसे सीमा पर बांधकर वहीं छोड़ दिया गया - मेवाड़ से निर्वासित, अकेला और बेचारा। यह उन लड़कियों के लिए मुक्ति का प्रतीक था जिन्हें अब उसके आतंक से मुक्ति मिल गई थी। इश्का का मकसद सिर्फ शारीरिक पीड़ा देना नहीं था, बल्कि अंश को मानसिक रूप से भी तोड़ना था। लोगों की शक्ति का इस्तेमाल करके, इश्का ने न केवल अपनी रानी होने का सम्मान बरकरार रखा बल्कि यह भी दिखाया कि कोई भी अपराधी, चाहे वह कितना भी ताकतवर हो, सजा से बच नहीं सकता।अंश को उसके सभी विशेषाधिकारों से वंचित कर दिया गया - यह इस बात का प्रतीक था कि उसके किए गए अपराधों ने उसे उसके राजकुमार के पद से भी गिरा दिया है। अंश की सजा एक संदेश था - बुराई का हमेशा अंत होता है और अपराधियों को सजा जरूर मिलती है। यह उन लड़कियों के लिए भी एक संदेश था जिन्हें उसने प्रताड़ित किया था - कि अब उन्हें न्याय मिल गया है और उन्हें अब डरने की जरूरत नहीं है।अंश को अपनी गलतियों का एहसास हुआ या नहीं, यह अभी भी एक रहस्य है। लेकिन एक बात निश्चित है, उसे जो सजा मिली, वह उसके अपराधों के लिए एक उचित दंड थी।जानने के लिए पढ़िए "Ishq Tara" सिर्फ "Pocket Novel" पर।https://www.pocketnovel.com/novel/9a9476fda4d2c66081f652dfc42e8c4ce725c9e7