गांधी जी के तीन बंदर
बुरा ना देखो
बुरा ना सुनो
बुरा ना बोलो
संदेश दे रहे हैं पर आज के कलयुग समय में व्यक्ति को बुरा सुनना और बुरा देखना से बचना बस में नहीं है
लेकिन व्यक्ति के बुरा बोलना से बचना बस में है
क्योंकि बुरा देखना और सुनना व्यक्ति पर externally depend होता है
जबकि बुरा बोलना व्यक्ति पर internlly depend होता है
इसलिए सदैव सोच समझकर अच्छे से बोलन चाहिए
अच्छे से बोलने से बात बन जाती है
अच्छे से नही बोलने से बात बिगड़ जाती है
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