1) ये कहानी 1950 कि है जब कही दूर दूर तक कोई घर
नहीं होता था तो लोगो को काम तो छोडो एक समय का खाना भी मुश्किलों से मिलता था। वही एक छोटे से गाव में एक लरका रहता था। जिसका नाम मोहित था। वह बहुत मेहनत करने वाला लडका था। एक दिन उसके दोस्त ने उसे एक कारखाने के बारे बताया
जो कि रेगिस्तान के बिचोबिच था। उसने वह काम करने से साफ मना कर दिया पर कुछ दिन बित जाने के बाद उसके घर वाले उसे ताने देना सुरू कर देते है। जिस वजह से वह काम के लिए मान जाता है।
फिर दोनो दोस्त कारखाने के तरफ निकल जातै हैं
उनके पास एक ऊट होता हैं। दोनों दोस्त ऊट पर बैठ कर रखना हो जाते हैं। उनके पास 5 दिन का खाना रेहता है पहले दिन वह दोनो पूरे दिन चलते हैं जिस वजह से दोनो काफी थक जाते हैं। वह रात को ठहरने का जगह ढूँढ ते
है दो दिन चलने के बाद रास्ते मैं दोनों पैड के
पास ढहरते है तब मोहित घूमने लग जाता है उसे एक चमकती हुई चीज दिखता हैं वह तुरंत वहा चला जाता है उसे देखने