उमंग, ख़ुशी यूं तो महज़ छोटे से शब्द हैं लेकिन इनके कई मतलब है हमारे जीवन में, खुशियां हर इंसान की जिंदगी में बहुत मायने और ख़ासतौर पर जब आपने उनको खुद हासिल क्या हो ।
वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे खुशगुजरा दिन था क्यूंकि उस दिन मेरे लिए बुलावा आया था फौज से, और आगरा से एक देवदास फौजी बनने जा रहा था । मेरे घर पर किसी को पसंद नहीं था मेरा वहां जाना पर अब को सुकून है वो उस मिट्टी में ही मिलेगा इतना हम समझ चुके थे ।
मैने पिछले एक बरस में जो मेहनत की थी उसका फल एक दिन में मिलने वाला था , मुझे फौज में शामिल होने का मौका मिला था एक साल बाद,
अंदर से बहुत डर था मुझे और शायद घरवालों को भी , वजह तो आप जानते ही होंगे क्यों ? । ख़ैर
हमें रात के 12 बजे बुलाया गया था BSF कैंप पर , मेरे शहर से थोड़े दूर हरियाणा के हिस्से में वो कैंप बना था , रात में कुछ दिखता नहीं था पर कहते है ना इक छोटी सी ख़ुशी आपको अंधेरे में भी सूरज से ज्यादा रौशनी देती है।
मेरे जैसे और भी लोग आए थे वहां ,शायद सबको फौज में ही सुकून मिलता है जो यहां तक आएं है। कैंप में एक लीडर हैं और उनके साथ उनके सहायक , हम सबको हमारा कमरा दिखाया गया , पीछे उस सुनसान जंगल के बारे में बताया गया पर सबसे अहम चीज हम सबको हमारी औकात दिखाई गई । अपने कमरों के अंदर जो करना है करो पर बाहर आओगे तब एक इन्सान नहीं बल्कि एक लकड़ी की तरह आओगे जो अपने साथियों के साथ मिल कर एक गट्ठर बनाएगी।
कुछ रात तो मुझे नींद ही नहीं आती थी और शायद किसी को नहीं आई होगी । हमारे दरवाजे के बाहर बार बार घूमते सिपाही और वो बड़ी बड़ी चमकीली लाइटें ये सब हमने कभी देखा ही नहीं अपने शहरों में ।
हमें सुबह 4 बजे अपने बिस्तर से उठाया जाता था लेकिन यहां मां उठाने नहीं आती यहां हमारे लीडर अपना एक जादुई डंडा लेकर आतें है जिसके छूने भर से सबकी नींद उद जाती थी , हमें रोज सुबह जोड़े बना कर कैंप के पीछे दौड़ने ले जाया जाता था , दौड़ते हुए रुकना भी कबूल नहीं होता है अगर रुके तो वापिस भी दोस्तों के साहारे आना पड़ेगा सब जानते है ये,
सुबह दौड़ने के बाद अंडे दूध वाला नाश्ता,ये जन्नत के खाने से भी ज्यादा स्वादिष्ट महसूस होने लगता है। यूं तो फौज में खाने पीने की कमी नहीं है पर मुझे कैंप लीडर के डंडे खाने का शौक था ,वो हर डंडे पर बोलते , *खून गरम हुआ जवान ?* और हम हंसते हुए बोलते *जी सर जी* ^_^
अभी तो ख़ैर 30 दिन यहां रहना है सारी बातें और सारी रातें अभी नहीं बता सकते । तो बाकी के दिनों की बातें कल सुबह से करते है ।
written by
- Anurag kumar