Chereads / FRIENDZONED LOVE / Chapter 21 - chapter 21 --Ishk na hoye rabba

Chapter 21 - chapter 21 --Ishk na hoye rabba

जिया के वहा से जाते ही, करिश्मा ने आर्यन से कहा, "जो रूल तुमने मुझे उस दिन सुनाया था, वो जिया पे लागू नहीं होता है क्या?"

आर्यन करिश्मा को घूर के देखता हुआ, उसका जवाब देता है, "वो हमेशा पूछ कर आती है। इस वक्त स्वाति नही होगी बाहर। वैसे भी वो काम के लिए आई थी, तुम्हारी तरह मेरा टाइम वेस्ट करने नही।"

आर्यन की गुस्से भरी आवाज में ये सुनकर करिश्मा परेशान हो जाती है, और उससे कहती है, "तुम्हे सच में मेरे कोई फिक्र नहीं, मैं पता नही कितने दिनों के लिए out of country जा रही हु, लेकिन तुम मेरे साथ एक दिन टाइम स्पेंड भी नही कर सकते।"

आर्यन अभी भी गुस्से में था, और उसी तरह करिश्मा से कहने लगा, "तो तुम्हे मुझे पहले बताना चाहिए था, की तुम कही जा रही हो, मैं अपने काम से फ्री हो जाता। ठीक है आज रात को कही चलते हैं। कहा मिले?"

आर्यन से ये सुनकर करिश्मा बहुत खुश थी, और जल्दी से जवाब देते हुए बोली, "fantasy disco में, okk?"

आर्यन: "what?? disco? why? किसी शांत जगह पर चलते हैं न..."

करिश्मा जिद करते हुए बोली, "नही डिस्को ही चलेंगे।"

करिश्मा की जिद से परेशान होकर, आर्यन मान ही जाता है, और सोचता है, की बस आज की बात है, वैसे भी कई दिनों के लिए जा रही है। एक बात तो मान ही सकता हु इसकी। और ये सोचकर उसे हा बोल देता है।

करिश्मा आर्यन की हा सुनकर वहा से चली जाती है, और जाते वक्त जब एक नजर जिया को ढूंढने लगती है, तो उसे वो कही नही मिलती, तो सोचती है की हो सकता है, उसका डेस्क कही और होगा।

करिश्मा ज्यादा ढूंढने की कोशिश न करते हुए, वहा से निकल गई।

जिया वाशरूम में जाकर, बहुत जोर जोर से रो रही थी, वो हर वक्त राहुल से ये जरूर कहती थी की अब बहुत देर हो चुकी है, आर्यन और उसका कुछ नही हो सकता। पर आज उसे अब पूरी तरह से विश्वास हो गया था, की सच में बहुत देर हो गई।

उसकी आधी एनर्जी तो उन्हें उस तरह देख कर ही खत्म हो गई थी। और बाकी पीछे मुड़ कर अपने आशुओ को रोकने की नाकाम कोशिश में। और अब रो रो कर घुटने में वो अपनी सारी ताकत खो चुकी थी, वो बस चलती फिरती सास लेने वाली जिंदा लाश की तरह हो गई थी।

उसे इस वक्त कोई चाहिए था, अपनी फीलिंग्स शेयर करने के लिए, नही तो वो बस चिल्लाना चाहती थी। पर दोनो में से कोई भी चीज नही कर सकती थी। क्युकी चिल्लाना अभी पॉसिबल नही था और ना ही, आज राहुल ऑफिस आया था, और उसकी लाइफ में बस वही था, जिसे वो अपनी सारी बाते शेयर कर सकती थी।

जब उसे कुछ समझ नही आ रहा था, तो उसने अपने आंसू पोछे, और अपना मुंह धोकर, वहा से रिसेपसिनिस्ट को बता कर की वो बीमार सा फील कर रही है, वहा से चली गई।

जिया उसी तरह सुस्त अपनी मदहोशी सी हालत में जब अपने घर पहुंची तो, अपने कमरे में जाकर बेड पर लेट गई।

अब उसके आंसू तो नही बह रहे थे, क्युकी शायद, उसकी इजाजत के बगैर बह बह कर ही, उसके सारे आंसू सूख चुके थे।

वो लेटे हुए ही उदासी भरी आवाज में गाने लगी.....

*****song*****

Jo main jaanti ke preet kare dukh hoy

To Nagar dhindhora peet.ti kehti

preet na kariyo koy..

jo main jaanti ke mann khud bairi hoy

Har Nagar dhindhora peet.ti kehti

preet na kariyo koi....×2

To Nagar dhindhora peet.ti kehti

preet na kariyo koi..

Har Nagar dhindhora peet.ti kehti

preet na kariyo koi....

ये गा गाकर, जिया बिना आसुओं के ही अपनी आंखे जोर जोर से मीचे चिल्ला कर रोई जा रही थी, जैसा की वो चाहती थी, की आंसू निकले, और निकले। पर आंसू तो जैसे अपना आज का कोटा खत्म कर चुके थे। और बहने का नाम ही नही ले रहे थे।

जिया की आंखे रोने की वजह से लाल हो गई थी। और आंखो में से गर्माहट का एहसाह दे रही थी। उसी अहसास में वो कब सो गई उसे पता ही नही चला।

...

उधर आर्यन, न जाने क्यों जिया के सामने उस तरह करिश्मा के पास होने की वजह से परेशान हो रहा था, उसे लग रहा था की, आज जो जिया ने देखा वो गलत था। उसे करिश्मा को वो सब करने ही नही देना चाहता था।

जब वो ये सब सोच रहा था, तो उसकी नजर गेट के पास पड़ी pendrive पे गई। और उसे याद आया की वो जिया लेकर आई थी। उसने जब वो ppt देखी, तो उसे जैसी उम्मीद थी, की जिया को दिया हुआ काम, हमेशा ही सेटिस्फेक्शन वाला होता था। इस बार भी उसने कमाल का काम किया था।

वैसे भी आर्यन को जिया से बात तो करनी ही थी, उसे ये सब बताने के लिए की आज उसने जो कुछ भी देखा वो बस गलत फैमी थी, न ही उन दोनो के बीच ऐसा रिश्ता था, और ना ही वो ऐसा कुछ करने वाले थे,

ये बताने के लिए उसे ये सिचुएशन सही लगी, उसे ppt के बहाने बुला कर सब बता देगा।

तो जब उसने बाहर फोन किया तो स्वाति से उसे पता चला की जिया, बीमार है, इस लिए वो हाफ डे में ही घर चली गई।

स्वाति से ये सुनकर, आर्यन सोचने लगा, "अभी तो बिलकुल ठीक थी, क्या हुआ होगा उसे? ज्यादा बीमार तो नही है? फोन करू क्या? छोड़ बाद में बात कर लूंगा, क्या पता सो रही हो।... नही एक बार कर ही लेता हु बात।"

इतना सब सोच कर, आखिरकार आर्यन ने जिया को फोन लगाना ही सही समझा। लेकिन जिया ने आर्यन का कॉल रिसीव नहीं किया। क्युकी वो तो बहुत गहरी नींद में सो रही थी।

आर्यन ने सोचा, की लगता है, ज्यादा तबियत खराब हो गई। और इसके घर जाने के लिए निकलने लगा।

तभी स्वाति उसके रूम में, जाह्नवी की दी हुई, रिपोर्ट्स देती है, आर्यन उन्हे चेक करने के लिए थोड़ा रुक जाता है।

और एक घंटे बाद, जब वो इन सब से फ्री हो जाता है, तो सोचता है, एक बार फिर जिया को फोन करके देखे।

इस बार जिया आर्यन का कॉल रिसीव कर लेती है,

आर्यन थोड़ा घबराया हुआ सा, उससे पूछता है, "क्या हुआ जिया, कैसी है तू। क्या हुआ तुझे।"

जिया, बिना किसी भाव के ही बोलती है, "कुछ नही आर्यन, बस सिर में थोड़ा दर्द था, पहले ही सोचा था की काम पूरा करने के बाद जल्दी निकल जाऊंगी। पर पता ही नही चला कब इतना बढ़ गया। ज्यादा जल्दी निकलना पड़ा।"

आर्यन: "कोई नही जिया, वैसे भी तूने अपना काम कर तो लिया, मैने ppt देखी, u did an excellent job."

इतना कुछ सुनने के बाद भी जिया खुश नहीं थी, और उसी तरह उदास बोली, "हम्मम, अगर कुछ add या edit करना हो तो बोल दियो। मैं कल कर दूंगी।"

आर्यन: "नही नही, this is परफेक्ट."

और इतना बोलकर चुप हो जाता है, इस वक्त जिया भी कुछ बोलने के मूड में नहीं थी, जिया तो आज के उस इंसीडेंट को याद करके उदास थी। और आर्यन भी ये सोच रहा था, की वो जिया को कैसे बताए, आज के उस इंसीडेंट के बारे में।

जिया का तो समझ में आता है, पर आर्यन क्यू जिया को ये सब समझाने में अपना टाइम और एनर्जी वेस्ट करना चाहता है। उसे फर्क क्यू पड़ रहा है की जिया ने जो कुछ देखा उसका कोई गलत मतलब निकाल लेगी।

क्या ये आर्यन का जिया के लिए प्यार है, जो उसे समझ नही आ रहा है, या वो बस कोई misunderstanding नही पसंद करता, किसी भी रिश्ते में।

खैर, इतनी देर चुप्पी के बाद जिया ने आर्यन से कहा, "आर्यन, मेरे सिर में दर्द हो रहा है, मैं फोन रखती हु। बाय"

और आर्यन के कुछ बोलने से पहले ही उसने फोन रख दिया।

.......