एक पांच साल की बच्ची मुन्नू बड़े पापा के कहती हुई श्यामा प्रसाद के घर में जाती ही है तभी उसकी मां उसे बुला लेती है।
श्यामा प्रसाद ये सब देख रहे थे लेकिन चुपचाप अपने ऑफिस चले जाते हैं।
श्यामा प्रसाद एक शिक्षित व्यक्ति , और नौकरीपेशा व्यक्ति हैं।
उनके दो बच्चे हैं और दोनो प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं।
रामा प्रसाद श्यामा प्रसाद के छोटे भाई हैं और इनका अधिकतर समय खेती बाड़ी मे व्यतीत हो जाता है।
श्यामा प्रसाद और रामा प्रसाद दोनो करीब तीन साल से एक दूसरे से बात नही कर रहे हैं।
दोनो के घर के बीच ही नहीं बल्कि उनके बीच भी दूरियां आ
गई है।
लेकिन कही ना कही इनके बीच अभी भी प्यार , समर्पण भाव मौजूद हैं,एक दूसरे के प्रति इज्जत।
मुन्नू अपने घर पर आकर अपनी मां के पेट पर सिर रखकर मेरा भाई कहता है।
मुन्नू के बड़े पापा के बेटे (भाई) तीन साल से राखी, दीवाली होली साथ नही मे ए त्योहार नही बना पा रही हैं।
मुन्नू के मां पापा कहते हैं कि कुछ ही दिन में तुम्हारा छोटा भाई आ जायेगा।
उसके साथ खेलना —कूदना उसे राखी बांधना ।
कुछ दिनों के बाद होली आने वाली थी , मुन्नू ने सोच लिया कि वो अपने भाई को ही रंग लगाएंगी ( मां के पेट को) ।
लेकिन इस बार होली पर रोक लगा दी गई इस का कारण एक वायरस था।
फिर भी मुन्नू ने अपने भाई को रंग लगाया।
कुछ दिनों के बाद एक दिन फिर 21 दिनों का लॉकडाउन लग गया।
सोशल डिस्टेंस , मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया घर पर रहे सुरक्षित रहे।
सरकार ने कोरोना से बचने के लिए ये निर्देश दिए।
मुन्नू के पापा को जरूरी काम से गढ़ कुंडार जान पड़ गया।
और उसी वक्त लॉकडाउन लग गया जिस कारण से मुन्नू के पापा आ नही पा रहे थे।
एक दिन मुन्नू और उसकी मां को खेत पर जाना पड़ गया और तभी पेट दर्द होने लगा मुन्नू एक पांच साल की बच्ची थी उसे इतनी समझ नहीं थी।
श्यामा प्रसाद की पत्नी ने पड़ोसियों से पूछा , उन्हें पता चला
श्यामा प्रसाद की पत्नी और दोनो बच्चे खेत पर पहुंचे।
वहा पर चिल्लाने की आवाज सुनी , वउसके पास पहुंचे और बड़े बेटे ने श्यामा प्रसाद को बताया।
श्यामा प्रसाद ने 108 (एंबुलेंस) को फोन लगाया और खुद साइकिल से जल्दी आ गए लेकिन एंबुलेंस अभी तक नहीं आई थी।
करीब एक घंटे के बाद एंबुलेंस आई पूरा परिवार हॉस्पिटल पहुंचा।
श्यामा प्रसाद ने वही पर अपने छोटे भाई को फोन लगाया
और बात करके बताया ।
दोनो भाईयो की आंखों में पानी (आंसू)आ गया ।
दोनो भाई रोते हुए बात कर रहे थे।
कुछ समय बाद एक लड़की का जन्म हुआ जिसका नाम
दोनोभाईयोकेनाम को मिलाकर रखा गया।
जहां दूसरी ओर लॉक डाउन ने लोगो के बीच दूरियां ला दी थी वही दूसरी ओर दो भाईयो को जो तीन साल से एक दूसरे से बात नही कर रहे थे और ना ही एक दूसरे का नाम सुना पसंद करते थे उन्हीं दोनो ने अपने नाम को मिलाकर उस बच्ची का नाम श्यारा रख दिया।
श्यारा ने दो परिवार , दो भाई को मिला दिया था।
मुन्नू के लिए उसके बड़े पापा के बेटे के रूप में भाई मिल गए और उन्हें मुन्नू और श्यारा के रूप में दो बहन ।
समाप्त