॥आईना॥
दिखाता है तू मुझे सब कुछ।
कभी मेरी परछाई को भी दिखा।
है वो मेरा ही दूसरा रूप।
कभी उसकी भी तो सच्चाई दिखा।
दिखा हकीक़त उस इंसान की।
जिसने पहना हो मुह खोटा।
लिख दे चेहरे पर उसके कि वो देगा धोखा।
है बड़ा विचित्र तेरा काम।
इंसान के दो रूप, दिखाना बस एक नाम।