Chapter 2 - DARPAN-YE-ISHQ (POEM)

जो सजती थी मेरे आंखों में

खुशियों का वो नीर गया..

एक तीर चली तेरे यादों का

जो दिल को मेरे चीर गया।।

तू आएगी एक रोज यहां

मैं करता तेरी खोज जहां..

तेरे ना आने का पीर गया

मेरे इंतेज़ार का धीर गया।।

चल मैं चलता हूँ अपनो में

तू आएगी ना मेरे सपनो में?

मेरा प्यार अमर है जान ले तू

फखत तेरे ख्वाबों का हीर गया।।

है अमर हमारी प्रेम कहानी

मैंने इसे कागज़ पर बिखेर दिया...

तू समझ सकी ना मुझको हमदम

मैं इसलिए ही मुह फेर लिया।।

कुछ यादें तेरे हिस्सों का

मेरे दिल मे उमर गुज़ारेगी..

तू आये ना आये यारा

ये हर पल तुझर पुकारेगी।।

मेरे प्रेम ग्रंथ के पन्नो पर

मैं लिखूंगा प्यार तेरा..

तू दुनिया मे कही भी होगी

तुझे याद आएगा प्यार मेरा ।।।

BK_VISHWAKARMA

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2.तेरे ही ख्वाबों में गूम हूँ

गाँउ तेरे गीत।

रोम रोम में तुम बसे

तुम ही मन के मीत।।

दिल ना जाने दूरियां

दिल ना जाने रीत।

वैसे तो है दूरियां पर

दिल मे तेरी प्रीत।।

ऋतु बसंती बागों में

तेरी यादों में सावन की शीत।

हारूँ एक तुझसे जग में

तेरी यादें जाती जीत।।

तेरे ही ख्वाबों में गुम हूँ

गाँउ तेरे गीत।

रोम रोम में तुम बसे

तुम ही मन के मीत।।

BK_VISHWAKARMA

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3.हर बरस उपासना रखूंगा मैं

कान्हा तेरे नाम का।।

हे कान्हा तू ख्याल रखना

मेरे मन के सुंदर श्याम का..

एक तू है राधा नाम के बाद

एक वो है जिसको करता मैं याद।।

मेरी उम्र लगा दे उसको कान्हा

ये जीवन उसके नाम का..

हर बरस उपासना रखूंगा मैं

कान्हा तेरे नाम का।।

हे कान्हा तू ख्याल रखना

मेरे मन के सुंदर श्याम का..

मन मीत मेरा वो तेरे जैसा

तू भी तो प्रेमी मेरे जैसा।।

तू मेरा श्याम लिया मुझे जाम दिया

क्या करना मुझे इस जाम का..

हर बरस उपासना रखूंगा मैं

कान्हा तेरे नाम का।।

हे कान्हा तू ख्याल रखना

मेरे मन के सुंदर श्याम का..

खैर मिलना बिछड़ना प्रेम का हिस्सा

सुना हूँ मैं भी सीता राम का किस्सा।।

चौदह वर्ष मां सीता बिछड़ी

ये अमर प्रेम प्रभु श्री राम का..

हर बरस उपासना रखूंगा.....

BK_VISHWAKARMA

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4.जो सजती थी मेरे आंखों में

खुशियों का वो नीर गया..

एक तीर चली तेरे यादों का

जो दिल को मेरे चीर गया।।

तू आएगी एक रोज यहां

मैं करता तेरी खोज जहां..

तेरे ना आने का पीर गया

मेरे इंतेज़ार का धीर गया।।

चल मैं चलता हूँ अपनो में

तू आएगी ना मेरे सपनो में?

मेरा प्यार अमर है जान ले तू

फखत तेरे ख्वाबों का हीर गया।।

है अमर हमारी प्रेम कहानी

मैंने इसे कागज़ पर बिखेर दिया...

तू समझ सकी ना मुझको हमदम

मैं इसलिए ही मुह फेर लिया।।

कुछ यादें तेरे हिस्सों का

मेरे दिल मे उमर गुज़ारेगी..

तू आये ना आये यारा

ये हर पल तुझर पुकारेगी।।

मेरे प्रेम ग्रंथ के पन्नो पर

मैं लिखूंगा प्यार तेरा..

तू दुनिया मे कही भी होगी

तुझे याद आएगा प्यार मेरा ।।।

BK_VISHWAKARMA

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5.ये किस्मत क्यों मजबूर किया

मेरे यार को मुझसे दूर किया..

आज ख्वाबों में अपने खूब जिया

कभी जाम लिया कभी नाम लिया..

मेरे सामने आकर खड़े थे वो

फिर मेरे हाथों को थाम लिया..

ये खुदा मुझे तन्हाई क्यों दी

और सबको जन्नत का हूर दिया..

ये किस्मत क्यों मजबूर किया

मेरे यार को मुझसे दूर किया।।

जो प्रेम बसाया दिल मे खुदा

क्यों नज़रो से मेरे दूर किया..

सब करते इश्क़ एक मोहलत तक

मैन तो प्रेम भरपूर किया।।

कोई प्रेम को सबसे छुपाता है

मैं अपने प्रेम पर गुरुर किया।।

bk_vishwakarma

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6.जो मुकम्मल ना हुई

एक ऐसी कहानी लिखेंगे..

आंखों के समंदर में

उमड़ी हुई रवानी लिखेंगे।।

तुम अपने खुशियों के

महलों में,सुंदर सपने बुनना..

हम तेरे खुशियों से खुश होकर

आंखों में पानी लिखेंगे।।

कलियां खिलेंगी चमन में तेरे

आएंगी ऋतु बसंती वतन में तेरे..

जब कालिया मुर्झायेंगी

ऋतु बसंत भी चली जायेगी।।

कुछ कहानियां तुम छोड़ जाओगे

कुछ किस्से लोगों को हम सुनाएँगे..

तुम उम्र दराज के दास्तान पढ़ना

हम इसी जवां दिल की कहानी लिखेंगे।।

कोई पूछे गर इन ख्वाबों की बातों को

सपना था बस इतना ही बता देना

मेरा नाम छुपकर सीने में

महबूब का फर्ज निभा देना

जो मुकम्मल ना हुई

एक ऐसी कहानी लिखेंगे..

आंखों के समंदर में ......

bk_vishwakarma

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7.तेरी यादों में हम हरपल

खोते गये पर तुम ना आये..

तुम चैन से सोये हम

रोते गये। पर तुम ना आये।।

जिंदगी यूँ ही कटेगी पता था

आज सपनो में भी ढूंढा..

कुछ अपनो में ढूंढा। फिर गम के

बादल छाए,यार तुम ना आये।।

कभी हंस लिए हंसा लिए

कभी तेरी यादों में मुस्काये..

आज खुद से ज्यादा प्यार किया

हद से ज्यादा इंतेज़ार किया।।

दिन तड़पाये रात को तड़पाये

सुबह से लेकर शाम को तड़पाये..

ना चैन मिले ना करार आये

आज फिर आंशू आये पर तुम ना आये।।

कभी अधियारें राहों पर मेरे

तुम दीये लेकर खड़े रहे..

कभी मेरे खुशियों के खातिर

तुम जिद पर अपने अड़े रहे।।

क्या खता हुई तुम मुझे बताओ

क्यों गम के बादल छाये..

ये दुनिया भी मेरे संग आये

तेरी यादें भी आज रंग लाये

यार पर क्यों? तुम ना आये।।

bk_vishwakarma