Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 124 - Poem No 85 भूल चुका हूँ

Chapter 124 - Poem No 85 भूल चुका हूँ

भूल चुका हूँ

तुम्हें हमेशा के लिए

तुम्हारी वो यादें

वो सारे दर्द

वो दिल तोडना

सब नासूर बने थे

भूल चुका हूँ

तुम्हें हमेशा के लिए

अब जीना है हमें

कब तक दर्द सहे

अब ख़ुशी पाना है

जी लूंगा तुम्हारे बिना

भूल चुका हूँ

तुम्हें हमेशा के लिए

----Raj