Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 113 - Poem No 74 साहसी बन, हो निडर

Chapter 113 - Poem No 74 साहसी बन, हो निडर

साहसी बन, हो निडर

प्रगति पथ पर अग्रसर

सदैव रहे तू

यह दुनिया है

यहाँ लोग मिलेंगे

जो तुम्हे निरुत्साह करें

बढ़ता चला चल

साहसी बन, हो निडर

प्रगति पथ पर अग्रसर

सदैव रहे तू

---Raj