ये जानते हुए भी
पहचानते हुए भी
अजनबी समझें
प्यार को ठुकरा दिये
कोई गिला नहीं
कोई शिकवा नहीं
खुश रहो तुम सदा
यह दुआ है मेरी
ये जानते हुए भी
पहचानते हुए भी
अजनबी समझें
प्यार को ठुकरा दिये
----Raj
ये जानते हुए भी
पहचानते हुए भी
अजनबी समझें
प्यार को ठुकरा दिये
कोई गिला नहीं
कोई शिकवा नहीं
खुश रहो तुम सदा
यह दुआ है मेरी
ये जानते हुए भी
पहचानते हुए भी
अजनबी समझें
प्यार को ठुकरा दिये
----Raj