Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 105 - Poem No 66 तेरे पास ही थे हम

Chapter 105 - Poem No 66 तेरे पास ही थे हम

तेरे पास ही थे हम

काश तुम देखें होते

तुम ना समजा हमें

ये मेरा कसूर नहीं

तुम्हे वक़्त ही कहाँ

जो इस गरीब को देखें

मोहब्बत की थी हमने

तुमसे दिलों जान से

तुम्हे वक़्त ही कहाँ

जो इस गरीब को देखें

मोहब्बत की थी हमने

तुमसे दिलों जान से

----Raj