Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 99 - Poem No 60 रंग बिरंगे सपने मेरे

Chapter 99 - Poem No 60 रंग बिरंगे सपने मेरे

रंग बिरंगे सपने मेरे

तुम यूँ ही बिकरकर चली गई

चली गयी तो अब चली गयी

पर यादों में क्यों सताने लगी

एक दिन तुमको एहसास होगी

के तुमने क्या करके चली गयी

रंग बिरंगे सपने मेरे

तुम यूँ ही बिकरकर चली गयी

----Raj