Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 60 - Poem No 21 चांदी की दीवार

Chapter 60 - Poem No 21 चांदी की दीवार

अर्ज़ कुछ यूं किया है जरा गौर फरमाइएगा

चांदी की दीवार ना तोडी

सोने का दीवार भी ना तोडा

बस तोडा भी तो क्या

प्यार भरा दिल ही तोड दिया

यही है ज़माने का दस्तूर

वो सच्छा प्यार को नहीं समझते

या फिर समझना नहीं चाहते

बस हर बात को रुपयों के तराजु में थोल्थे

और ज़माने की चका चौंद में खो जाते

चांदी की दीवार ना तोडी

सोने का दीवार भी ना तोडा

बस तोडा भी तो क्या

प्यार भरा दिल ही तोड दिया

----Raj