WEBNOVEL's writing platform-INKSTONE can realize your creative dream and connect you with readers all over the world with words. You can also visit https://inkstone.webnovel.com Create on the PC.योग एक स्वस्थ जीवन जीने की कला तथा तन-मन को निर्मल, निरोगी एवं स्वस्थ रखने का विज्ञान है। योगाभ्यास दैनिक तनावों से विधार्थी को मुक्त कर अपनी शक्ति के व्यथृ व्यय से बचाता है। ज्ञान ग्रहण करने के लिए एकाग्रता की आवश्यकता होती है।योग एकाग्रता प्राप्ति का साधन है। योग विद्यार्थी जीवन को अनुशासित एवं सुसंस्कारित बनाकर उसकी अंत: शक्तियों को जागृत करता है।
कर्म के बिना मनोरथ सफल नहीं होते किन्तु इसके लिए हमें एक समुचित एवं स्वस्थ कार्यशैली अपनानी होती है। और वह प्राप्त होती है योग से। कहां भी गया कि- योग कमृसु कौशल,"। अर्थात कर्म में कुशलता ही योग है।
किसी भी कार्य को सफलता तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्प, भावनाओं पर नियंत्रण, समर्पण आदि कि आवश्यकता होती है। योगाभ्यास इन्हें विकसित करने की विद्या है।
हमारे प्रयत्न एवं प्रयास नियमित एवं दीर्घकालिन होने चाहिए । यह भी योगाभ्यास का ही फल है।
इस प्रकार योग विद्या है जो आत्म - विकास एवं आत्म - शिक्षा प्रदान कर व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करतीं हैं। इस प्रकार व्यक्तित्व की क्षमता के कारण हम किसी भी क्षेत्र में विकास एवं प्रगति प्राप्त कर सकते हैं।
संक्षेप में कहें तो योग एक ऐसा दशृन है जो जीवन को समग्र रूप से देखने की दृष्टि प्रदान करता है।
यही कारण है कि आज पूरे विश्व में ''योग'' ने एक परिपूर्ण एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनी पहचान बनाई है। विगत कुछ वर्षों में आरोग्य एवं वैयक्तिक विकास के साधन के रूप में योग की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पारम्परिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। योग एवं स्वास्थ्यप्रद योगाभ्यासो की लोकप्रियता के कारण योग - चिकित्सा, योग - विज्ञान तथा योगदशन में भी रुचि जागृत हुई है। वर्तमान कालावधि में प्रतिष्ठित चिकित्सा साहित्य में योग - चिकित्सा के विविध लाभों के विषय में अनेक शोध लेख प्रकाशित हुई हैं।