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Chapter 5 - Chapter 5

The next morning...................

in Kim's villa................

Min was moving from here to there in his room, the incident of last night was roaming in his mind. How can that idiot kiss me?" Min shouted and walked up to the mirror, pulled his T-shirt off his shoulder, and looked at the neck and collar of Borne, which was completely covered by Kim's Marks ( hickey). I don't know why I was ashamed to see my hickey body in the mirror. His face was turning red, suddenly he turned his face away from shame, still remembering that incident of the night "Why did he kiss me but.... those feelings... his lips kissing my lips, His tongue touched my neck, that feel of her and the way my heart beat got faster when she came near me, let her hug me like this. Shit! Why am I thinking so much about this ah! Why, why, I do not understand, how can this man do this, I need an answer, Mr. Kim, who has to answer why he did this, how can he live peacefully by blackening my night" Rehaan got angry and left the room. Kim started looking for someone. He wanted answers to his questions. He wanted to know why he kissed her and hugged her. This is a guarantee that he is not gay, he is not interested in boys, and he is completely straight, then why? He did this to him.

Min reached the living room looking for Kim "Where the hell is he" Min shouted then suddenly he stopped at his place "But wait! Wait a minute why am I looking for him even if I do find him what will I ask him Can't ask what and why he did yesterday's incident was very strange" Min got confused. He wanted to ask why Kim kissed him, does he like her, that's why he did this to her. Min, in his eagerness, without thinking, just wanted to meet Kim and ask him and once again started looking for her. Min searched everywhere but could not find him. He was neither in his room nor in the living room and neither was it in his study room where he used to spend most of his time. Min came running out and started looking for Kevin.

Kevin was in the garden area as usual, Min saw him and reached there running, "Hello Mr. Kevin, do you know where Kim is?" Must be where he is. "Yes, Sir Min, boss to subah hai Kim has gone to office."

That idiot left alone" Min thought.

"Sir Min, Do you need something? tell me I will do it."

Kevin's voice brought Min out of his thoughts "No no no Mr. Kevin it is nothing like that…... Ah…... Mr. Kevin, you haven't gone Kim with?"

Min started looking at him with his big green and beautiful eyes, Wow, Why are you looking at me like that..... His eyes are so beautiful" Min repeated her question and then Kevin came back to his senses.

"Oh! I'm so sorry what were you saying oh yes boss Kim didn't want to take me along today he refused to walk me and told me to take care of you"

Min wanted to talk to Kim and wanted to know if he? What does he feel for him? Does he like him or not? He was so desperate to know that he didn't even want to wait for Kim to come back home at night "Mr. Kevin, can you drop me off at Kim's office? can you?"

"Ah...." Kevin couldn't say no to her because Kim had told him to take care of Min, to bring her whatever she wants, to fulfill whatever she says, and not make her unhappy. "Yes sir as your wish" Kevin drove to Min's office. On reaching the office, Min got out of the car and ran inside. He was very excited to ask Kim to meet him. As if he already knows what answer he will give and whether he will say yes in answer to his questions. He was so excited that he forgot to say thank you to Kevin and quickly entered the office, even after coming inside, he didn't look here and there and ran straight to Kim's cabin. Kim's assistant tried to stop him "Sir, Boss Kim is in a meeting, he has strictly said, Nobody disturb him please Sir! You should wait here" but Min did not listen to him and entered Kim's cabin without knocking.

जब उसनें दरवाज़ा खोला उसनें देखा... किम ने जियु की कमर की पकड़ा हुआ था और जियु ने किम के गले मे हाथ डाला हुआ था वो दोनों kiss कर रहे थे मिन उन्हें पूरी तरह से kiss करता नही देख पा रहा था क्युकि जियु की बैक दरवाज़े की ओर हि थी. जब मिन ने उन्हें ऐसे एक साथ देखा तो जिल्दबाज़ी मे मुड़ा और वहा से भाग गया. और ऑफिस के बाहर आ पहोंचा जहा केवीन कार मे उसका वेट कर रहा था मिन दौड़ता हुआ कार मे आ बैठा. केवीन ने उसका चेहरा देखा वो डरा हुआ लग रहा था या फिर हर्ट या फिर शायद दर्द मे, केवीन समझ नही पा रहा था केवीन उसके चेहरे कों देखते हि जा रहा था जो की अब डल लग रहा था जिसे की किसी घोस्ट कों देख लिया हो, मिन सर झुकाये चुप चाप बैठा हुआ था. "आप इतना चुप क्यों है सर केवीन?" useोर पर मिन बहुत बोलता है पर अभी चुभ चाप था. for  "क्या हुआ? क्या बॉस किम आप पर फिर से चिल्लाये? सर मिन प्लीज बुरा मत मानिये, बॉस ऐसे हि है और वैसे भी वो Gay गाइस कों पसंद भी नही करते है इसीलिए शायद वो ऐसा बिहेव करते है प्लीज अपने दिल पर मत लीजिये सर"  केवीन उसे बेटर फील करवाने की कोशिश कर रहा था  "हाँ केवीन सही है उसे Gay गाइस से नफरत है मै आखिर क्या सोच रहा था वो लाइक नही कर सकता ये कोई कंफ्यूजन थी मै कितना फेवकूफ हु बिना सोचे समझे बस यु हि यहां दौड़ा चला आया" मिन अपनी सोच मे खोया हुआ था उसे ये भी अहसास नही हुआ के कब उसकी आँखो से आंसू बहने लग गए  केवीन ने उसे रोते पाया तो उसे अच्छा नही लगा "सर मिन क्या बॉस किम ने आपको कही चोट पहोंचाई है?" केवीन चिंता मे पूछ बैठा. "नही मै ठीक हु मिस्टर केवीन उसनें मुझे कोई चोट नही पहोंचाई" फिर मन मे हि सोचने लगा "ये तो मै खुद हु जिसने खुदको चोट पहोंचाई है" मिन ने अपने आसुओ कों रुमाल से पोछा  "क्या आप मुझे जोजो कैफ़े छोड़ देंगे प्लीज?" "ठीक है सर, लेकिन मुझे लगता है आपको घर चलकर रेस्ट करना चाहिए" लेकिन केवीन के इस सवाल पर मिन ने कोई जवाब नही दिया  "ओके सर जैसा आप चाहे" केवीन ड्राइव कर मिन कों जोजो कैफ़े ले आया. पहोचते हि मिन कार से उतार गया और केवीन कों थैंक यू कर बाय कहकर वेव करता हुआ चला गया

"सर मिन कितने दुखी लग रहे थे पता नही आखिर क्या किया बॉस किम ने इस बार सर मिन के साथ, वो कैसे हर्ट कर सकते है इतने इनोसेंट और हैप्पी और जॉली किड कों उम्मीद करता हु के वो ठीक हो जाये ये बिलकुल मेरे छोटे भाई से लगते है" केवीन कों मिन की चिंता हो रही थी केवीन मिन कों तब तक देखता रहा जब तक के वो कैफ़े के अंदर नही चला गया. उसके बाद वो घर की और ड्राइव कर चला गया.

किम का विला.........

शाम कों........

किम लगभग 8:00 बजे तक घर वापस आ गया था. घर के अंदर दाखिल होते से अपना बेग एक सर्वेंट कों दे दिया सामने पड़े काउच पर लेट गया  "ये आज घर मे इतनी शांति कैसे है कहा है ये लड़का? हमेशा तो जब भी मे घर आता हु जल्दी से बाहर आकर अपनी बक बक शुरू कर देता है" किम ने एक सर्वेंट कों आवाज लगाई  "हे जोश (सर्वेंट) ये मिन कहा है?" सर्वेंट जोश पानी का गिलास उसकी और बढ़ाते हुये सीढ़ियों की और देखने लगा जहा मिन का कमरा है  "बॉस, सर मिन अपने कमरे मै हि है दोपहर मे आने के बाढ़ से हि वो अपनी कमरे मे है और बाहर नही निकले है"  "क्या वो बीमार है मुझे उसे चेक करना चाहिए" किम ने सोचा किम कों फ़िक्र होने लगी तो मिन के कमरे तक गया दरवाज़े कों नॉक किया मगर मिन ने कोई जवाब नही दिया. फिर किम ने आवाज लगाई "मिन क्या कर रहे हो?" किम की. आवाज सुनते हि मिन जल्दी से अपने बेड पर लेट गया चेहरे पर ब्लैंकेट डाल दिया. जब इस बार भी मिन ने कोई. जवाब नही दिया तो किम बिना वक़्त गवाए सीधे हि कमरे के अंदर चला गया  किम ने अंदर घुसते हि मिन कों देखा वो बेड पर सोया हुआ था खुदको ब्लैंकेट से कवर किये हुये "क्या ये सो रहा है? लेकिन अभी तो सिर्फ आठ हि बज रही है" किम ने सोचा "मिन क्या तुम सिक हो लेट मी चेक" किम मिन के बेड के पास आया और धीरे से ब्लैंकेट कों उसके मुँह से हटाया और उसके सिर कों छुआ  "नही तुम्हे बुखार तो नही है" मिन ने अपने सिर पर उसका हाथ महसूस किया तो झटका दिया  "हाँ मै ठीक हु मुझे बस नींद आ रही है क्या तुम प्लीज जाओगे? मुझे सोना है" मिन ने बोलते हि फिर से अपना चेहरा ब्लैंकेट से कवर कर लिया ताकि वो किम कों न देख सके  "अभी अभी ये क्या हुआ? क्या ये नाराज़ है लेकिन क्यों?" किम सोच मे पड़ गया किम कंफ्यूज था पर इस वक़्त उसे डिसट्रब करना ठीक नही लगा तो उसे सोने देते हुये छोड़ कर उसके कमरे से चला गया.

इधर किम के जाते हि मिन ने झकास कर उसे जाता देखा फिर उठ कर कमरे कों लॉक कर लिया  "मुझे पता है तुम फ़िक्र कर रहे थे इसी लिए मुझे देखने आये थे पर मै अब ये सच भी जनता हु और मानता भी हु के तुम इतनी फ़िक्र सिर्फ अपने बच्चे की वजह से करते हो जो की बतकीसमती से मेरे बेल्ली के अंदर है अब मै किसी धोके मे नही रहुगा मै जनता हु के तुम मुझे पसंद नही करते हो मै कितना बड़ा बेवकूफ हु हा हा हा..... " मिन पागलो की तरह हसने लगा उसकी आँखो से आंसू फिर से बहने लग गए जो ये साबित कर रहे की और कितना दर्द मे है.

अगले दिन..............

किम का विला.......

किम डाइनिंग रूम मे बैठा हुआ था मिन का इंतज़ार कर रहा था क्युकि वो जनता था की मिन हमेशा हि इस टाइम तक कमरे से निकल आता है और फिर नाश्ता कर जोजो कैफ़े या फिर कोलेज के लिए निकल जाता है.  कुछ हि देर मिन कमरे से बाहर आया और किचन की ओर चला गया फिर किचन से बाहर नाशता लाया मिन ने डाइनिंग रूम मे किम कों बैठा देखा तो इग्नोर कर डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठने लगा  किम ने उसे ऐसा करते देखा "ये हमेशा मुझे विश करता है पर आज नही किया इसे हो क्या गया है"  किम ने सोचा फिर खुद आगे बड़कर बोला  "हे यू गुड मॉर्निंग" किम ने कहा पर मिन उसे इस बार भी इग्नोर कर नाश्ता करता रहा  किम कों अब गुस्सा आ गया  "हाउ डेर यू तुमने मुझे इग्नोर किया भूले मत कोन तुम्हारा बॉस है मेरी रेस्पेक्ट करो" किम चिल्लाया पर उसका मिन पर कोई असर नही हुआ होना नाश्ता ख़त्म कर वो फिर से किचन मे अपनी प्लेट रखने जाने लगा किम ने गुस्से मे उसका हाथ कस कर पकड़ लिया  "हाउ डेर यू मै तुमसे अच्छे से बात कर रहा हु ना तो तुम..." किम का अब पारा चढ़ने लगा था  "अह्ह्ह... मुझे दर्द हो रहा है मुझे जाने दो" जब किम ने ये वर्ड सुना 'हर्ट' उसनें मिन की बाह की ओर देखा जिसे उसनें कस कर पकड़ रखा हुआ था. किम ने जल्दी से हाथ छोड़ा "आई डिडन्ट मीन इट...." किम ने माफ़ी मागने की कोशिश की पर मिन गुस्से मे उसी वक़्त कमरे मे चला गया.  "क्यों? ये ऐसा बिहेव क्यों कर रहा है उसकी आँखे सुगी हुई क्यों थी क्या वो रोया था.... पर क्यों?" किम कों बुरा फील हो रहा था क्युकि उसनें उसे हर्ट किया था.

किम का ऑफिस............

किम अपने कैबिन मे काम कर रहा था लेकिन अब भी उसका मन घर पर हि था वो मिन के बारे मे हि सोचे जा रहा था किम परेशान होने लगा था पूरा टाइम डिस्टरेक्ट था किम ने फ़ाइल कों एक कोने मे फेक अपने बालो कों खींच लिए   "ये लड़का मेरे दिमाग़ से निकलता क्यों नही आई डिडन्ट मीन तो हर्ट हिम लेकिन..... एक मिनट मुझे क्या फर्क पड़ता है मै उसकी इतनी फ़िक्र क्यों कर रहा हु उसके बारे मे इतना क्यों सोच रहा हु?"  किम अपने काम पर फोकस नही कर पा रहा था इसलिए उसनें घर जाकर रेस्ट करने का फैसला किया.

किम घर पहोंचा ओर लिविंग रूम मे चला गया वहा उसनें मिन कों बैठे देखा वो काउच पर बैठा कोई बुक पड़ रहा था ओर उस बुक मे हि खोया हुआ था. किम उसके पास गया ओर उसके पास मे हि जाकर बैठ गया किम उससे बात करना चाहता था पर छोड़ा हिचक रहा था  "हे, क्या पड़ रहे हो?"  किम ने जब पुछा तब मिन का ध्यान उसपर गया मिन उसे देख चोंक गया वो जिंदबाज़ी मे उठा ओर बिना कुछ कहे वहा से चला गया. किम बस उसे जाते हुये देख रहा था  "क्या ये मुझे उकसा रहा है सीरियसली! इसकी इतनी हिम्मत"

उस इंसेंडेंट के बाद वो पागल सा हो गया उसका गुस्सा आपे से बाहर हो चूका था  "हाउ डेर यू मिन? तुम मुझे कैसे इग्नोर कर सकते हो? तुम मेरे सामने ऐसे बिहेव नही कर सकते मै तुम्हारा बॉस हु तुम मेरे नही यू हवे नो राइट्स टू दू समथिंग स्टुपिड लाइक थिस? किसी ने मेरे साथ पहले ऐसा नही किया" किम गुस्से मे चिल्लाया और मिन के कमरे की ओर गया. ओर फिर......

Author's Thoughts : गाइस मुझे आपके सपोर्ट की बहुत जरूरत है प्लीज प्लीज प्लीज मुझे अपना सपोर्ट दे अपने स्टीकर के ज़रिये क्युकि मुझे ज्यादा स्टीकर्स नही मिल पा रहे है जी वजह से मुझे लग रहा है की मै अच्छा नही लिख पा रही हु प्लीज अगर आपको मेरी नॉवेल पसंद आ रही है ओर आप चाहते है की मै अपनी नॉवेलस कों जारी रखु प्लीज मुझे अपने द्वारा दिए गए स्टीकर्स से सपोर्ट करे. थैंक यू 🙏

डिअर रीडर्स अगर आपको मेरी ये नॉवेल पसंद आ रही है तो प्लीज मुझे सपोर्ट करे और स्टीकर्स भी दें आपका एक स्टीकर मुझे और आगे लिखने का मोटिवेशन दें सकता है तो प्लीज प्लीज प्लीज मुझे आना प्यार और सपोर्ट दीजिये. 🙏😁🙏

😁😁😁 और हाँ प्लीज मेरी नई नॉवेल  [Reborn (After death)] ज़रूर पड़े. और उसे भी ऐसे हि सपोर्ट करे. थैंक यू. 🙏🙏🙏

और आगे की कहानी जानने के लिए वेट करे मेरे Next update का.....

Until..........

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