आज मैंने चांद को देखा,,,
तो उसकी याद आ गई,,,
फिर उसकी तस्वीर देखी तो,,,
गर्मी में बरसात आ गई,,,
उससे पूछा,,,
जो वादे किए है वो निभा पाओगी क्या,,,
दिन में हमारे लिए 5 मिनट निकाल पाओगी क्या,,,
मुझे रोता देख खुद की आंखो से आंसू निकाल पाओगी क्या,,,
चलो छोड़ो ये बताओ कि अब मुझे मना पाओगी क्या,,,
क्युकी,,,
मोहब्बत में अक्सर तड़पते देखा है,,,
प्यार में अक्सर बिछड़ते देखा है,,,
सुना था सच्चा प्यार करने वाले मिल जाते है,,,
मैंने राधेश्याम और सिया के राम को अलग होते देखा है।।